ठोस द्रव एवं गैस में अंतर || Difference between Solid Liquid and Gas

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ठोस द्रव एवं गैस में अंतर || Difference between Solid Liquid and Gas

ठोस द्रव एवं गैस में अंतर || Difference between Solid Liquid and Gas

आप इस पोस्ट के माध्यम से ठोस द्रव एवं गैस में अंतर जानेंगे।

आज Nitya studypoint.com आपके लिए विज्ञान की शाखा रसायन विज्ञान का एक महत्वपूर्ण टॉपिक ठोस द्रव एवं गैस में अंतर

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हमारे चारों तरफ हम जो कुछ भी देखते हैं जैसे पौधे, पानी, जानवर, वाहन आदि सभी पुस्तकों को पदार्थ कहा जाता है, पदार्थ वह कुछ भी हो सकता है जिसका द्रव्यमान होता है और कुछ स्थान घेरता है।


पदार्थ की अवस्थाएं


पदार्थ तीन अवस्थाओं - ठोस, द्रव और गैस में पाए जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोई पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों अंतराआण्विक बल और ऊष्मीय ऊर्जा के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है। अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणुओं को समीप रखने की होती है, जबकि ऊष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर प्रथक रखने की होती है।



ठोस


पदार्थ की ठोस अवस्था


ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (force of attraction) अधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उदाहरण- जैसे पत्थर, ईंट, बॉल, कार, बस आदि।



कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थ में अंतर


अम्ल और क्षार में अंतर



द्रव


द्रव में कणों के मध्य बंधन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकार नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है।



गैस


गैस में कणों के मध्य बंधन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (shape) और न ही निश्चित आयतन (volume) होता है।


पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है, कोई भी पदार्थ तीन अवस्थाओं में हो सकता है जो ठोस, द्रव और गैस अवस्था होती है।



  ठोस अवस्था

    द्रव अवस्था

  गैस अवस्था

ठोस का आकार और आयतन निश्चित होता है।

द्रवों का आयतन तो निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नहीं होता है अर्थात पात्र के अनुसार ये आकार ग्रहण कर लेते हैं।

द्रवों का आकार और आयतन दोनों ही निश्चित नहीं होते हैं।

ठोसों में अणु बहुत पास-पास और इनके अणुओं का स्थान स्थिर होता है जिसके कारण इनके आकार को आसानी से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

द्रव में अणु ठोस की तुलना में दूर दूर रहते हैं लेकिन गैस की तुलना में पास होते हैं तथा इसके अणुओं का स्थान स्थिर नहीं रहता है।

गैस के अणु दूर-दूर स्थित रहते हैं और अणुओं का स्थान स्थिर नहीं रहता है।

ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा न्यूनतम होती है।

द्रव के अणुओं की गतिज ऊर्जा कुछ अधिक होती है अर्थात् ठोस के अणुओं की तुलना में अधिक होती है लेकिन गैस की तुलना में कम होती है।

गैस के अणुओं की गतिज ऊर्जा का मान सबसे अधिक होता है।

संपीड्यता कम होती है अर्थात दबाने पर नहीं दबते हैं या बाह्य दाब का कम प्रभाव पड़ता है।

द्रवों में संपीड्यता ठोसों से अधिक होती है अर्थात् बाह्य दाब का प्रभाव ठोसों से अधिक देखने को मिलता है।

संपीड्यता सबसे अधिक पाई जाती है अर्थात् इन पर बाह्य दाब का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है।

ठोसों में बहने का गुण नहीं पाया जाता है।

द्रव, उच्च स्तर से निम्न स्तर की तरफ प्रवाहित हो सकते हैं अर्थात् इनमें बहने का गुण पाया जाता है।

गैस, सभी दिशाओं में बहती है। अर्थात बहने का गुण सबसे अधिक देखने को मिलता है।

इनका घनत्व सबसे अधिक होता है।

इनका घनत्व कुछ कम होता है।

गैसों का घनत्व सबसे कम होता है।

इनकों संग्रहित करने के लिए पात्र की आवश्यकता नहीं होती है।

द्रवों को इकट्ठा करने के लिए पात्र की आवश्यकता होती है।

इनको संग्रहित करने के लिए बंद पात्र की आवश्यकता होती है।

ठोस के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल सबसे अधिक पाया जाता है।

द्रवों के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल ठोसों से कम होता है लेकिन गैसों से अधिक पाया जाता है।

गैसों के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल सबसे कम पाया जाता है।

इनके आण्विक कण गति नहीं करते हैं या न के बराबर गति करते हैं।

द्रवों के कण ब्राउनियन आण्विक गति करते हैं।

गैसों के कण स्वतंत्र, नियत और यदृच्छ गति करते हैं।



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