राष्ट्रीय एकता पर निबंध - National Integration Essay in Hindi

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राष्ट्रीय एकता पर निबंध - National Integration Essay in Hindi

राष्ट्रीय एकता पर निबंध - National Integration Essay in Hindi


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राष्ट्रीय एकता (2020,18,12,17)

अथवा राष्ट्रीय एकता का महत्व (2019,21,13,15)


संकेत बिंदु :- प्रस्तावना, राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं बाधाएं, एकता बनाए रखने के उपाय, राष्ट्रीय एकता से तात्पर्य, राष्ट्रीय एकता का महत्व, भारतवर्ष की विशेषता-अनेकता में एकता,उपसंहार।


प्रस्तावना -


राष्ट्रीय एकता का अर्थ है-भारत की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक एकता। हमारे धार्मिक विचार, भोजन, वेशभूषा और रहन-सहन के तरीकों में अंतर हो जाता है, लेकिन हमारे राजनीतिक और राष्ट्रीय विचारों में कोई अंतर नहीं है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात संविधान में किसी जाति या धर्म विशेष को प्रमुखता नहीं दिया गया। संविधान के लिए हम सब एक समान है। गुलामी से आजादी पाने के लिए सबसे प्रमुख हथियार एकता है। राष्ट्रीय एकता अपने आप में एक बहुत बड़ा शब्द जिसका शब्दों में व्याख्यान कर पाना आसान नहीं। राष्ट्रीय एकता एवं प्रेम के बारे में सत्य ही है-


"जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।

वह ह्रदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।"


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राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय एकता अखंडता के महत्व को समझते हुए देशवासियों के हृदय में एकता की भावना प्रभावित करने तथा राष्ट्रीय एकता को गंभीरता से लेने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस और राष्ट्रीय एकता सप्ताह दोनों ही अलग-अलग समय पर आयोजित किए जाते हैं। दोनों समारोह का उद्देश्य एक है राष्ट्रीय एकता के महत्व के प्रति जन जागरूकता फैलाना।



राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं बाधाएं -


किसी भी राष्ट्र की आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय एकता किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए परम आवश्यक होती है। जिस देश के नागरिक आपस में प्रेम-भाव से मिलकर नहीं रहते, एक दूसरे से अकारण ही लड़ाई-झगड़ा करते हैं, वह देश कभी भी महान नहीं बन सकता। उसके नागरिकों की जो ऊर्जा देश-हित में प्रयोग होनी चाहिए थी, वह व्यर्थ चली जाती है। उस राष्ट्र से शांति तथा सद्भावना का लोप हो जाता है और ऐसी स्थिति में दूसरे राष्ट्र उसकी इस दुर्दशा का फायदा उठाते हैं। अंग्रेजों द्वारा भारतीयों को गुलाम बनाना, इसी एकता के अभाव का दु:खद परिणाम था। अतः राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, पर इसके मार्ग में अनेक बाधाएं हैं, जो समय-समय पर इस एकता को रोकने का प्रयास करती हैं। उनमें से कुछ उल्लेखनीय है-


1.जातिवाद:- अपनी जाति को श्रेष्ठ एवं दूसरी जाति को निम्नतर समझने की भावना तथा जातिगत आरक्षण की सरकारी नीति ने एकता में दरार डाली है। पिछले कुछ वर्षों में आरक्षण के विरोध में देश के कई हिस्सों में तोड़-फोड़, आगजनी तथा आत्मदाह जैसी घटनाओं ने राष्ट्रीय एकता को खंडित किया है।


2. प्रादेशिकता:- विगत कुछ वर्षों से देश के कई हिस्सों में अलग राज्यों की मांग ने एकता की भावना को कमजोर किया। इसमें 'कश्मीर से कन्याकुमारी तक' भारत में क्षेत्रीयता एवं अलगाव की भावना प्रबल हुई है।


3.सांप्रदायिकता:- सांप्रदायिकता की समस्या ने देश की एकता में बाधा डालने तथा समाज को विभाजित करने का कार्य किया है। इस कार्य में कुछ क्षुद्र राजनीतिज्ञों और धार्मिक नेताओं ने भी मदद की है।


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4. भाषायी विवाद:- कुछ समय से अपनी भाषा, अपनी बोली, अपने साहित्य और अपनी संस्कृति को श्रेष्ठतर और दूसरों को अपने से हीन समझने की भावना बढ़ी है, जिसने एकता को कमजोर करने का कार्य किया है।



एकता बनाए रखने के उपाय -


देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए उन राजनीतिज्ञों का बहिष्कार किया जाना चाहिए, जो अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ाते हैं। शिक्षा के प्रसार को गति दी जानी चाहिए। 'मैं' के स्थान पर 'हम' की भावना का विकास किया जाना चाहिए। तभी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखा जा सकता है।


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राष्ट्रीय एकता से तात्पर्य -


देश के नागरिक जब छुआछूत और जात पात के भावना से ऊपर उठकर भाईचारे के समूह में बन जाते हैं। जिसमे राष्ट्र सभी के लिए सर्वोपरि है उस भावना को राष्ट्रीय एकता के नाम से संबोधित किया गया है। राष्ट्रवादियों के अनुसार-  "व्यक्ति राष्ट्र के लिए है, राष्ट्रीय व्यक्तियों के लिए नहीं" इस दृष्टि से व्यक्ति का राष्ट्र के अभाव में कोई अस्तित्व नहीं।


राष्ट्रीय एकता का महत्व -


देश को गुलामी, सांप्रदायिक झगड़ों, दंगों से बचाने के लिए देश में राष्ट्रीय एकता का होना अति आवश्यक है। 200 साल से भी अधिक की गुलामी के पश्चात प्राप्त स्वतंत्रता का हमें सम्मान करना चाहिए तथा किसी भी कारणवश राष्ट्रीय एकता पर उंगली उठ सके, ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए। ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा यह पाए जाने पर की फूट डालो और राज करो की नीति हम पर काम करेगी। उनका मनोबल बढ़ गया और उन्होंने ऐसा ही किया। एकता में शक्ति गए आता हमें राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना चाहिए।



भारतवर्ष की विशेषता-अनेकता में एकता -


भारत विभिन्न प्रांत, धर्म तथा जाति वाला देश है। यहां कुछ दूरी पर जाते ही भाषा बदल जाती है पर फिर भी भारत के विशेषता उसके अनेकता में एकता है। हम सभी हर तरह से भिन्न होने के बाद भी एक जैसे हैं। इस व्याख्यान महत्व ऐसे सुप्रसिद्ध गीत से पता चलता है हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग,रुप,वेश भाषा चाहे अनेक है।


राष्ट्रीय एकता दिवस -

सरदार बल्लभ भाई पटेल के देश को एक सूत्र में पिरो के रखने की सोच को सदैव देशवासियों के स्मृति में जिंदा रखने के लिए, 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर को वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।


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राष्ट्रीय एकता सप्ताह -


राष्ट्रीय एकता और अखंडता को उत्सव के रूप में पूरे सप्ताह मनाया जाता है इससे संबंधित सूची निम्न बात है-


1. 19 नवंबर राष्ट्रीय एकता दिवस।

2.  20 नवंबर अल्पसंख्यक कल्याण दिवस।

3.  21 नवंबर भाषाई सद्भाव दिवस।

4.  22 नवंबर कमजोर वर्गों का दिवस।

5.  23 नवंबर सांस्कृतिक एकता दिवस।

6.  24 नवंबर महिला दिवस।

7.  25 नवंबर संरक्षण दिवस।


देश को बाहरी शक्ति से बचाने के लिए - राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता


देश को बाहरी शक्ति से बचाने के लिए सभी देशवासियों में राष्ट्रीयता की भावना का होना बहुत जरूरी है। इतिहास गवाह है जब जब राष्ट्र में राष्ट्रीय एकता को ताक पर रखा गया है तब तब किसी बाहरी शक्ति ने इसका लाभ उठाकर हमें तोड़ कर रख दिया है। भिन्न-भिन्न समय पर हमारे देश में अनेक शासकों ने शासन किया। जिससे विभिन्न जाति भारत में फल-फूल पायी।


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संचार का कोई सशक्त माध्यम ना होने की वजह से ब्रिटिश सरकार को यह अनुमान लगाया कि वह हमें जाति और धर्म के नाम पर बहुत आसानी से तोड़ सकते हैं और उन्होंने यही किया। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को इस बात का आभास होने पर उन्होंने सर्वप्रथम राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधा। कुछ तो जेल से ही अपने कलम के दम पर देश में राष्ट्रीय एकता के महत्व को बताने चल पड़े।


जंग जीतने के लिए - राष्ट्रीय एकता


राष्ट्रीय एकता की भावना निहित होने पर देश कम सैन्य शक्ति में भी विजय प्राप्त कर सकता है। इसके विपरीत अनेकों सैनिक तथा हथियार के होने पर भी एकता के अभाव में राष्ट्र जीती हुई बाजी हार जाता है।


वर्तमान में राष्ट्रीय एकता का महत्व - 


  • देश में राष्ट्रीय एकता के महत्व को यदि हम सब समझ जाए तो किसी प्रकार का सांप्रदायिक दंगा नहीं होगा, अनेक मासूम लहूलुहान नहीं होंगे, लोग अपना जरूरी काम छोड़ धरना प्रदर्शन पर नहीं बैठेंगे और पुलिस द्वारा लाठीचार्ज नहीं किया जाएगा।

  • राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझ लेने पर हम सभी एक हैं। इस धारणा से हम देश की सरकार बनाने में जाति के नाम पर पक्षपात नहीं करेंगे। इससे हम कुशल सत्ताधारी सरकार का चुनाव कर पाएंगे जो हमारे देश के हित में सारे निर्णय ले सकेगी।

  • हिंदू मुस्लिम या अन्य कोई धर्म से संबंध रखने से पहले हम भारतीय हैं। यह राष्ट्रीय एकता की भावना है और इसके महत्व को जान लेने के पश्चात सालों सालों तक ना खत्म होने वाले मंदिर मस्जिद का विवाद का कोई अर्थ नहीं रहेगा।



  • राष्ट्र से प्रेम और राष्ट्रीय एकता की भावना होने पर इससे अलगाववाद के मंसूबे कमजोर पड़ते हैं फिर कोई अलग राष्ट्र, राज्य अलग झंडा की मांग नहीं करेगा।


एकता के लिए दौड़े ( रन फॉर यूनिटी )


सरदार बल्लभ भाई पटेल देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने दिए गए योगदान के लिए जाने जाते हैं। अतः 31 अक्टूबर 2014, देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा प्रथम गृह मंत्री के 144 वे जन्म दिवस के अवसर पर उस समय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति पर माला अर्पण किया और देशवासियों से रन ऑफ यूनिटी, मैराथन दौड़ में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आग्रह किया। इस मैराथन दौड़ का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता के महत्व को बताना एवं फिर से एक बार राष्ट्र को एकता के सारे बंद मुट्ठी के रूप में डालना था।


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राष्ट्रीय एकता के लिए शिक्षा का कार्यक्रम -


ऊपर दी गई बातों को ध्यान में रखते हुए हमें स्कूलों में इस प्रकार के शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करना चाहिए जिसमें प्रत्येक बालक राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत हो जाए। निम्नलिखित पंक्ति में हम विभिन्न स्तरों के शैक्षिक कार्यक्रम पर प्रकाश डाल रहे हैं-


  • प्राथमिक स्तर बाल - दिवस, शिक्षक दिवस तथा महापुरुषों के जन्मदिवस मनाए जाएं और महान व्यक्तियों के जीवन से परिचित कराया जाए।

  • माध्यमिक स्तर - बालकों को भारत के आर्थिक विकास का ज्ञान कराकर उनमें राष्ट्रीय चेतना विकसित की जाए और राष्ट्रीयता के संबंध में महापुरुषों के व्याख्यान कराए जाएं।

  • महाविद्यालय स्तर - समय-समय पर अध्ययन बैठक तथा विचार बैठक आयोजित की जाए। इन बैठकों में विभिन्न विश्वविद्यालय के बालों को को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।


राष्ट्रीय एकता का अर्थ -


एकता का साधारण अर्थ होता है मिलजुल कर कार्य करना। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावनाएं जो किसी राष्ट्रीय अथवा देश के लोगों में भाईचारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करते हैं। एकता का महत्व मनुष्य को तभी पता चलता है जब वह बिल्कुल आदिम अवस्था में होता है। राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में केवल शारीरिक समिपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावनात्मक  निकटता की समानता आवश्यक है।


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भारत में अलगाव के कारण -


भारतीय लोगों के बीच अलगाव की एक उच्च स्थिति है जो सांप्रदायिक और दूसरी समस्याओं के साथ यहां एक बुरा दृश्य बनाती है। भारत में अलगाव के कारण हम लोगों ने ढेर सारी सामाजिक समस्याओं का सामना किया जैसे- 1947 में भारत का बंटवारा, 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस, हिंदू और मुस्लिम के बीच देंगे आदि। अस्पृश्यता की बाधा, भाषा की बाधा, सामाजिक स्थिति की बाधा और दूसरी सामाजिक बाधाएं हमें पीछे ले जा रही हैं। विविधता में एकता लाने के लिए भारतीय सरकार द्वारा बहुत सारे नियम कानून लागू किए गए हैं हालांकि यह केवल मानव दिमाग है जो लोगों के बीच विविधता में स्वाभाविक एकता ला सकता है।


राष्ट्रीय एकता क्यों आवश्यक है?


अलग धर्म और जाति होने के बावजूद हमारे देश को जो वस्तु प्रगति के रास्ते पर अग्रसर करती है वह है हमारी राष्ट्रीय एकता। यही कारण है कि हमें भारत में विविधता में एकता के वास्तविक अर्थ को समझना चाहिए। इसका यह कतई मतलब नहीं है कि अखंडता की प्रकृति यहां पर नस्लीय और सांस्कृतिक समानता के कारण होनी चाहिए। बल्कि इसका मतलब है कि इतने अंतर के बावजूद भी एक एकात्मता है।


पूरे विश्व भर में दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के रूप में भारत को गिना जाता है। जहां पर 1652 भाषाएं बोली जाती हैं और विश्व के सभी मुख्य धर्म के लोग यहां एक साथ रहते हैं। सभी मतभेदों के बावजूद भी हमें बिना किसी राजनीतिक और सामाजिक विरोधाभास के शांति से एक दूसरे के साथ रहना चाहिए। हमें इस महान देश में एकता का आनंद उठाना चाहिए जहां राष्ट्रीय एकीकरण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सब कुछ विविधता है इसलिए इन कारणों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि कभी हमें हमारे देश का पूर्ण विकास करना है तो हमें में राष्ट्रीय एकता का होना आवश्यक है।


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उपसंहार -


विज्ञान की उन्नति के कारण आज भौतिक विकास अपनी चरम सीमा पर है। यदि भौतिक विकास के साथ-साथ वैचारिक विकास भी बनाए रखा जाए, तो राष्ट्रीय एकता की भावना को बल मिलेगा, जिससे देश और भी मजबूत होगा। एक संगठित देश को विश्व पटल पर बड़ी शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो राष्ट्र संगठित होता है, उसे न कोई तोड़ सकता है और न ही कोई उसका कुछ बिगाड़ सकता है। अतः प्रत्येक भारतीय का यह कर्तव्य है कि देश की एकता तथा अखंडता को बनाए रखने का हर संभव प्रयास करें।


भारत की विशेषता उसकी अनेकता में एकता का होना है। किसी भी राष्ट्र के लिए राष्ट्र की एकता हथियार के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय एकता के न होने की स्थिति में किसी भी राष्ट्र को बड़ी आसानी से तोड़ा जा सकता है। अतः हम सभी देशवासियों को राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना चाहिए। राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए ही कानून की किताब (संविधान) को नीतियों से भरा गया है। स्वतंत्र भारत के लिए राष्ट्रीय एकता महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। अतः हमें हर हाल में राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना चाहिए।


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