योग के महत्व पर निबंध|Essay on Importance of Yoga|Yoga per Nibandh in Hindi

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योग के महत्व पर निबंध|Essay on Importance of Yoga|Yoga per Nibandh in Hindi

योग के महत्व पर निबंध|Essay on Importance of Yoga|Yoga per Nibandh in Hindi


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          योग शिक्षा : आवश्यकता और उपयोगिता (2016)

अथवा योग शिक्षा की आवश्यकता (2018)

अथवा योग शिक्षा का महत्व (2020)


संकेत बिंदु:- प्रस्तावना, योग के फायदे,योग का अर्थ एवं उत्पत्ति, योग के प्रकार, योग की आवश्यकता और उपयोगिता, योग के लाभ, दैनिक जीवन में योग, विश्व योग दिवस, योग करने का सही तरीका एवं नियम,उपसंहार।



भूमिका (प्रस्तावना)


शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योगासन शक्ति शरीर में लचीलापन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। योगाभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है।


इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और क्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के बयान शामिल है। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनिया भर में योग का अभ्यास किया जा रहा है पूरा विश्व के लगभग दो अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं।

योग एक अभ्यास है जो मानसिक, शारीरिक आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के 8 स्तरों पर काम करता है। जब तक शारीरिक स्वास्थ्य बरकरार है तब तक मन स्पष्ट और केंद्र देता है योग के मुख्य लक्षणों में शामिल है:


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  1. शारीरिक स्वास्थ्य

  2. मानसिक स्वास्थ्य

  3. आध्यात्मिक स्वास्थ्य

  4. स्वयं का एहसास

  5. सामाजिक स्वास्थ्य




योग के फायदे 


योग के फायदे हम निम्नलिखित बातों से समझ सकते हैं।


  • मांसपेशियों के लचीलापन में सुधार।

  • शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है।

  • बेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता है।

  • आंतरिक अंग मजबूत करता है।

  • अस्थमा का इलाज करता है।

  • मधुमेह का इलाज करता है।

  • दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है।

  • त्वचा के चमकने में मदद करता है।

  • शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है।

  • एकाग्रता में सुधार।

  • मन और विचार नियंत्रण में मदद करता है।

  • चिंता,तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है।

  • तनाव कम करने में मदद करता है।

  • रक्त परिसंचरण और मांसपेशियों के विश्राम में मदद करता है।

  • शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है।

  • वजन घटाना

  • छोटे से संरक्षण करना।



यह सभी योग के लाभ हैं। योग स्वास्थ्य और आत्म चिकित्सा के प्रति आपके प्राकृतिक प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित करता है।

योग सत्र में मुख्य रूप से बयान ध्यान और योग आसन शामिल होते हैं जो विभिन्न मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। दबाव जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं उनसे बचने का यह एक अच्छा विकल्प है।



योग का अर्थ एवं उत्पत्ति 


योग, संस्कृत के यज् धातु से बना है, जिसका अर्थ है-संचालित करना, संबद्ध करना, सम्मिलित करना अथवा जोड़ना। अर्थ के अनुसार विवेचन किया जाए तो शरीर एवं आत्मा का मिलन ही योग कहलाता है। इसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 500 ई. पू. में हुई थी। पहले यह विद्या गुरु-शिष्य परंपरा के तहत पुरानी पीढ़ी से नई पीढ़ी को हस्तांतरित होती थी। लगभग 200 ई. पू. में महर्षि पतंजलि ने योग-दर्शन को 'योग-सूत्र' नामक ग्रंथ के रूप में लिखित रूप में प्रस्तुत किया। इसलिए महर्षि पतंजलि को 'योग का प्रणेता' कहा जाता है। आज बाबा रामदेव 'योग' नामक इस अचूक विद्या का देश-विदेश में प्रचार कर रहे हैं।



योग शास्त्र के अनुसार योग पांच प्रकार के होते हैं- हठ योग, ध्यान योग, कर्म योग, भक्ति योग एवं ज्ञान योग। हठयोग का संबंध प्राण से, ध्यान योग का मन से, कर्मयोग का क्रिया से, भक्ति योग का भावना से तथा ज्ञान योग का बुद्धि से है।


योगाभ्यास करने के मुख्य लाभों में से एक यह है कि यह तनाव कम करने में मदद करता है तनाव का होना इन दोनों एक आम बात है जिससे शरीर और मन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण लोगों को सोते समय दर्द, गर्दन का दर्द, पीठ का दर्द, सिर दर्द, तेजी से दिल का धड़कना ,हथेलियों में पसीना आना, असंतोष ,क्रोध आना अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। समय गुजरने के साथ इन प्रकार की समस्याओं का इलाज करने में योग वास्तव में प्रभावी है। यह एक व्यक्ति को ध्यान और सांस लेने के बयान से तनाव कम करने में मदद करता है और एक व्यक्ति के मानसिक कल्याण में सुधार करता है। नियमित अभ्यास मानसिक स्पष्टता और शांति बनाता है जिससे मन को आराम मिलता है।


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 योग की आवश्यकता और उपयोगिता


योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से तो मुक्त रखता ही है, साथ ही उनमें बेहतर सोच एवं सकारात्मक ऊर्जा भी पैदा करता है। यूं तो आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में विज्ञान की प्रगति के कारण मानव जीवन जिस तरह मशीनों पर निर्भर रहने लगा है, उसके लिए शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना किसी चुनौती से कम नहीं। मशीनों पर निर्भरता एवं व्यस्तता के कारण आज मानव-शरीर तनाव, थकान, बीमारी इत्यादि का घर बनता जा रहा है। उसने हर प्रकार की सुख सुविधाएं हासिल कर लीं, किंतु उसके सामने शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने की चुनौती पूर्ववत है।


   यद्यपि चिकित्सा एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में मानव ने अत्यधिक प्रगति कर अनेक प्रकार की बीमारियों पर विजय प्राप्त कर ली है, किंतु इससे उसे पर्याप्त मानसिक शांति भी प्राप्त हो गई, ऐसा कहना पूर्णतः सही नहीं होगा, किंतु भारतीय संस्कृति की एक प्राचीन विद्या ने मानव को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मन की शांति के संदर्भ में रोशनी की एक ऐसी किरण प्रदान की है, जिससे न केवल तनाव, थकान, बीमारी एवं अन्य समस्याओं का समाधान संभव है, बल्कि मानव मन को शांति प्रदान करने में भी योग की अहम भूमिका है।


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   बीसवीं सदी में जब योग को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलनी शुरू हुई, तो इस पर संपन्न अनेक वैज्ञानिक शोधों ने यह साबित कर दिया कि आधुनिक जीवन में मानव को शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रखने में योग ही सक्षम है।



योग के लाभ


यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। योग का उद्देश्य शरीर, मन एवं आत्मा के बीच संतुलन अर्थात योग स्थापित करना होता है। योग की प्रक्रिया में जब तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन एवं योग (जुड़ाव) स्थापित होता है, तब आत्मिक संतुष्टि, शांति एवं चेतना का अनुभव होता है। योग शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाए रखता है, साथ ही तनाव से भी छुटकारा मिलता है।


   यह शरीर के जोड़ों एवं मांसपेशियों में लचीलापन लाता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, शारीरिक विकृतियों को काफी हद तक ठीक करता है, शरीर में रक्त-प्रभाव को सुचारू करता है तथा पाचन-तंत्र को मजबूत बनाता है। इन सबके अतिरिक्त यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्तियां बढ़ाता है। कई प्रकार की बीमारियों: जैसे- अनिद्रा, तनाव, थकान, उच्च रक्तचाप, चिंता इत्यादि को दूर करता है तथा शरीर को ऊर्जावान बनाता है।


 योग से होने वाले मानसिक स्वास्थ्य के लाभ पर गौर करें, तो पता चलता है कि यह मन को शांत एवं स्थिर रखता है, तनाव को दूर कर सोचने की क्षमता, आत्मविश्वास तथा एकाग्रता को बढ़ाता है। इसलिए छात्रों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए योग विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होता है, क्योंकि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी एकाग्रता भी बढ़ाता है, जिससे उनके लिए अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया सरल हो जाती है।


योगी की उत्पत्ति के प्राचीन समय में, योगियों द्वारा भारत में की गई थी।


यह शरीर के तीन मुख्य तत्वों जैसे शरीर ,मस्तिष्क और आत्मा के बीच संपर्क को नियमित करता है।


शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाने का योग से अच्छा कोई और तरीका नहीं हो सकता है।


योग के सभी आसनों से लाभ प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है।


रोज प्रात उठकर योगाभ्यास करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।


यह शरीर की प्रतिरोधी प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है।


यह प्रतिदिन खाई जाने वाली भारी दवाइयों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है।


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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा 21 जून को भारत की पहल और सुझाव के बाद की गई थी।



दैनिक जीवन में योग 


योग के सभी आसनों से लाभ प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है। योग का अभ्यास आंतरिक ऊर्जा को नियमित करने के द्वारा शरीर और मस्तिष्क में आज विकास के माध्यम से आत्मिक प्रगति को लाना है। योग के दौरान सांस की क्रिया में ऑक्सीजन लेना और छोड़ना सबसे मुख्य वस्तु है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करना हमें बहुत सी बीमारियों से बचाने के साथ-साथ भयानक बीमारियों जैसे- कैंसर,मधुमेह डायबिटीज,उच्च निम्न रक्तचाप, हृदयरोग, किडनी का खराब होना, लीवर का खराब होना, गले की समस्या तथा अन्य बहुत सी मानसिक बीमारियों से भी हमारी रक्षा करता है।




विश्व योग दिवस


योग का अभ्यास किसी के भी द्वारा किया जा सकता है क्योंकि आयु,धर्म या स्वस्थ परिस्थितियों पर है। यह अनुशासन और शक्ति की भावना में सुधार के साथ ही जीवन को बिना किसी शारीरिक और मानसिक समस्याओं के स्वस्थ जीवन का अवसर प्रदान करता है। पूरे संसार में इसके बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त संघ की सामान्य बैठक में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने का सुझाव दिया था, ताकि सभी योग के बारे में जाने और इसके प्रयोग से लाभ लें। योग भारत की प्राचीन परंपरा है, जिसके पत्ती भारत में हुई थी और रोगियों के द्वारा तंदुरुस्त रहने और ध्यान करने के लिए इसका निरंतर अभ्यास किया जाता है। निकट जीवन में योग के प्रयोग से लाभ को देखते हुए संयुक्त संघ की सभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी।




योग करने का सही तरीका एवं नियम

योग करने के कुछ नियम होते हैं, जिन पर जरूर ध्यान देना चाहिए अन्यथा आप इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे।


1.योगी को सुबह सूर्योदय के बाद करना एवं सूर्यास्त से पहले करना चाहिए।


2.कभी खाना खाने के बाद योग नहीं करना चाहिए खाली पेट योग करना चाहिए योग करने से करीब 2 से 3 घंटे पहले से कुछ नहीं खाना चाहिए।


3.योग करने के करीब आधे घंटे बाद ही कुछ खाना चाहिए।


4.योग को हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लेकर करना चाहिए।


5.योग करने से पहले इसे सीखना बेहतर आवश्यक है, योग, गुरु के निगरानी में ही किया जाना चाहिए।


6.योग करते समय सही तरह से सांस छोड़ना अथवा लेना है आना चाहिए।


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7.अगर योग करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो कठिन आसनों एवं व्यायाम से शुरुआत ना करें। इसके साथ ही धीमे-धीमे योग करने की क्षमता बढ़ाए शुरुआती दिनों में अपने शरीर के अंगों के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।


8.कॉटन आरामदायक कपड़े पहनकर योग करना चाहिए।


9.योगाभ्यास किसी दरी अथवा चटाई पर बैठकर किए जाना चाहिए।


10.योग का लाभ मिला धीरे-धीरे शुरू होता है इसलिए धैर्य के साथ योगाभ्यास को किया जाना चाहिए जल्दी परिणाम की इच्छा नहीं करनी चाहिए।




उपसंहार 


आज हर कोई योग के नाम पर धन कमाने की इच्छा रखता है। पश्चिमी देशों में इसके प्रति आकर्षण को देखते हुए यह रोजगार का एक उत्तम माध्यम बन चुका है। इन सब के बावजूद आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में खुद को स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाए रखने के लिए योग बेहद आवश्यक है। वर्तमान परिवेश में योग न सिर्फ हमारे लिए लाभकारी है, बल्कि विश्व के बढ़ते प्रदूषण एवं मानवीय व्यस्तताओं से उपजी समस्याओं के निवारण के संदर्भ में इसकी सार्थकता और भी बढ़ गई है। योग एक बहुत ही उपयोगी अभ्यास है जिसे करना बहुत आसान है और यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जो आज के जीवन शैली में सामान्य है उनसे भी छुटकारा पाने में मदद करता है।


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एक स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन में बहुत लाभ कमा सकता है और स्वस्थ पूर्ण जीवन जीने के लिए नियमित योग बहुत ही आवश्यक है। आज के आधुनिक जीवन में तनाव काफी बढ़ चुका है और आसपास का पर्यावरण भी स्वच्छ नहीं है। बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है बेहतर स्वास्थ्य का मतलब होता है। बेहतर जीवन। आप 20 से 30 मिनट का योग करके अपने जीवन को काफी बेहतर बना सकते हैं क्योंकि रोज प्रातः उठकर योगाभ्यास करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।


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