वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर || Difference Between Aerobic and Anaerobic Respiration
आप इस पोस्ट के माध्यम से वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर जानेंगे।
आज Nitya studypoint.com आपके लिए विज्ञान की शाखा जीवविज्ञान का एक महत्वपूर्ण टॉपिक वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर
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वायवीय श्वसन की परिभाषा ( Definition of Aerobic Respiration)
वाइब्रेशन में प्रथम चरण में बना पायरूट पूर्ण ऑक्सीजन की उपस्थिति में माइटोकॉन्ड्रिया में चला जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया में तीन कार्बन वाले पायरूवेट अणु का विखंडन होता है। जिससे तीन कार्बन डाइऑक्साइड के अणु बनते हैं। इसके साथ-साथ जल तथा रासायनिक ऊर्जा भी मुक्त होती है।
वायवीय श्वसन (Aerobic Respiration)
1. ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है।
2. ग्लूकोस के पूर्ण ऑक्सीकरण के फल-स्वरुप CO2 वह जल बनता है।
3. सभी जीवो में सामान्य रूप से पाया जाता है।
4. ग्लाइकोलाइसिस को छोड़कर सभी क्रियाएं माइट्रोकांड्रिया में होती हैं।
5. ऊर्जा की काफी मात्रा निरमुक्त होती है।
6. निरमुक्त ऊर्जा के अनुबंध फल स्वरूप एक अणु ग्लूकोज 38 एटीपी अणु प्राप्त होते हैं।
अवायवीय श्वसन की परिभाषा ( Definition of Anaerobic Respiration)
यह सांस लेने की प्रक्रिया का प्रथम चरण होता है। जिसके अंतर्गत ग्लूकोज का आंशिक विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। इस क्रिया के द्वारा एक अणु ग्लूकोस से दो अणु पायरूवेट का निर्माण होता है। यह प्रक्रिया कोशिका द्रव में होती है।
यानी कि हम लोग कह सकते हैं कि अब अवायवीय श्वसन श्वसन में ग्लूकोज का सिर्फ आंशिक विखंडन ही होता है। और इसमें ऊर्जा की मात्रा में ही मुक्त हो पाती है।
अवायवीय श्वसन (Anaerobic Respiration)
1. ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।
2. पूर्ण ऑक्सीकरण नहीं हो पाता अतः एल्कोहल या लैक्टिक अम्ल तथा CO2 बनती है।
3. केवल कुछ पौधों, कुछ जंतुओं में या उनके विशेष ऊतकों में होता है।
4. सभी प्रकार की क्रियाएं कोशिका द्रव्य में होती हैं।
5. ऊर्जा की बहुत कम मात्रा सामान्यत: 21-24 किलोकैलोरी उत्पन्न होती है।
6. एक अणु ग्लूकोज से केवल दो एटीपी प्राप्त होते हैं।
7. अवायवीय श्वसन क्रिया यीस्ट जैसे कवक तथा कुछ जीवाणुओं में होती है। मांसपेशियों में ऑक्सीजन के अभाव में लैक्टिक अम्ल बनता है।
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