नारी सशक्तिकरण पर निबंध || महिला सशक्तिकरण पर निबंध | Essay on Women Empowermen

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नारी सशक्तिकरण पर निबंध || महिला सशक्तिकरण पर निबंध | Essay on Women Empowermen

नारी सशक्तिकरण पर निबंध || महिला सशक्तिकरण पर निबंध | Essay on Women Empowermen 

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नारी सशक्तिकरण पर निबंध -

• प्रस्तावना

• महिला सशक्तिकरण से आशय

• महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य

• महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों

• महिला सशक्तिकरण से होने वाले लाभ

• महिला सशक्तिकरण में सरकार के प्रयास

• उपसंहार


"यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता"

अर्थात 

जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं।


प्रस्तावना (Introduction) -


भारतीय पुरुष प्रधान समाज में लैंगिक भेदभाव में कमी लाने हेतु महिला सशक्तिकरण पर बल दिया जा रहा है। आधुनिक युग में महिलाओं का सशक्त होना अति आवश्यक है जिससे महिलाएं परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णयों की निर्माता खुद हों। महिला सशक्तिकरण को बहुत ही सरल शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि यह महिलाओं को शक्तिशाली बना रहा है ताकि वे अपने जीवन और परिवार और समाज में अच्छी तरह से होने के बारे में अपने निर्णय ले सकें यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें समाज में उनके वास्तविक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।


आज के आधुनिक समय में महिला सशक्तिकरण एक विशेष चर्चा का विषय है। हमारे आदि ग्रंथों में नारी के महत्व को मानते हुए यहां तक बताया गया है कि " यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः" अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। लेकिन विडंबना तो देखे नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों आए,संपत्ति और दूसरे वस्तुओं की उपलब्धता से इन सुविधाओं को पाकर ही अपने सामाजिक स्तर को ऊंचा कर सकते हैं।


" पुरुष की गुलाम नहीं गुलाम नहीं की गुलाम नहीं गुलाम नहीं - सहधर्मिणी अर्धांगिनी और मित्र है "                        - महात्मा गांधी


महिला सशक्तिकरण से आशय (Meaning of women improvement) -


महिला सशक्तिकरण से आशय महिलाओं की तरक्की और पुरुष प्रधान समाज में उन्हें बराबरी का स्थान दिलाने से है। आज महिलाओं और पुरुषों की आबादी समान होते हुए भी उन्हें बराबर का सम्मान नहीं मिल पाता। महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत महिलाओं के प्रति शोषण के विरुद्ध आवाज उठाना और सामाजिक सम्मान जैसे प्रमुख मुद्दे आते हैं, जिन पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।


नारी सशक्तिकरण का उद्देश्य (Purpose of women improvement) -


नारी सशक्तिकरण की नीति का उद्देश्य महिलाओं की उन्नति, विकास तथा सशक्तिकरण को मूर्त रूप देना है। नारियों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार हो जिससे वे अपनी क्षमताओं को समझ सकें। सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक जीवन में महिलाओं द्वारा भागीदारी और निर्णय क्षमता का समान अवसर हो। स्वास्थ्य देखभाल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कैरियर तथा रोजगार समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा तथा सरकारी नौकरी आदि में समान अवसर की उपलब्धता नारियों को प्राप्त हो।


महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों (Why women improvement needed) -


पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था - "लोगों को जगाने के लिए महिलाओं का जागृत होना जरूरी है।" हमारे देश भारत में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां समाज में महिलाओं को उचित अधिकार व सम्मान नहीं दिया जाता। उन्हें प्रत्येक दृष्टि से पुरुषों से कम ही आता जाता है। इसीलिए हमें महिला सशक्तिकरण की अति आवश्यकता है। महिला के प्रति होने वाले अन्याय, शोषण और असमानता को दूर करने हेतु नारियों को सशक्त करना समाज की प्रथम आवश्यकता है। इसके अंतर्गत महिलाओं को जरूरी कानूनी सुरक्षा भी प्रदान की जाती है। "नारी जब सशक्त बनेगी, विकास की लहर चलेगी।' 


" जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी आंचल में है दूध और आंखों में पानी"

                               -  मैथिलीशरण गुप्त


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत एक पुरुष प्रधान देश है। जहां हर क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व है। और महिलाओं को केवल परिवार की देखभाल के लिए जिम्मेदार माना जाता है। और अन्य कई प्रतिबंध सहित घर में रहती हैं। भारत में लगभग 50% आबादी केवल महिला द्वारा कवर की जाती है। देश का पूर्ण विकास आधी आबादी का मतलब महिलाओं पर निर्भर करता है जो कि सशक्त नहीं है और कभी भी कई सामाजिक बाधाओं द्वारा प्रतिबंधित है। ऐसी स्थिति में हम यह नहीं कह सकते कि हमारा देश भविष्य में अपनी आधी आबादी के सशक्तिकरण के बिना विकसित होगा, महिलाओं के बिना यदि हम अपने देश को एक विकसित देश बनाना चाहते हैं। तो सबसे पहले पुरुषों को, सरकार, कानून और महिलाओं के प्रयासों से भी महिलाओं को सशक्त बनाना बहुत आवश्यक है।


महिला सशक्तिकरण से होने वाले लाभ (Benefits of women improvement) -


महिला सशक्तिकरण के द्वारा महिलाओं के साथ-साथ परिवार के हर सदस्य का भी विकास संभव है। एक महिला परिवार के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होती है। जिस घर की महिला सशक्त होगी वो परिवार अपने आप सशक्त हो जाएगा। जहां के परिवार सशक्त होंगे वहां पूरा समाज अपने आप सशक्त हो जाएगा। साथ ही जब महिलाएं शक्तिशाली बनती हैं, वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार तथा समाज में सम्मान के साथ रह सकती है।


नारी सशक्तिकरण में सरकार के प्रयास (Government effort in women Empowermen) -


नारी जाति को सशक्त बनाने हेतु सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व उज्जवला योजना, महिला शक्ति केंद्र, हेल्पलाइन सुविधा, पंचायत में आरक्षण जैसे अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु हर वर्ष 8 मार्च को विश्व भर में महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।


उपसंहार (Conclusion) -


नारी के साथ भेदभाव कर उनकी शक्ति को कमतर आंकना बिल्कुल गलत है। समाज में लैंगिक असमानता को दूर करने हेतु नारी जाति को सशक्त बनना जरूरी है। इसके लिए उन्हें स्वतंत्र वातावरण, शिक्षा तथा विकास के पूर्ण अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए। महिला शक्ति को सम्मान देने की शुरुआत घरों से ही होनी चाहिए। घर में बेटी के जन्म को भी उतना ही महत्व देना चाहिए, जितना कि एक बेटे के जन्म को दिया जाता है।

बालिकाओं को भी शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए जिससे वे भी अपने सपने साकार कर सकें।


"सशक्त नारी सुखी परिवार, नारी को भी दे समानता का अधिकार।"


महिला सशक्तिकरण जरूरी क्यों है? (Why women improvement is important)


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लैंगिक भेदभाव राष्ट्र में सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक अंतर ले आता है। जो देश के पीछे की ओर ढकेलता है। भारत के संविधान में उल्लेखित समानता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना सबसे प्रभावशाली उपाय है। इस तरह की बुराइयों को मिटाने के लिए लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने से पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है। महिला सशक्तिकरण के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसे हर एक परिवार में बचपन से प्रचारित व प्रसारित करना चाहिए। यह जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत हो।


लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने से पूरे भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है। महिला सशक्तिकरण के उच्च लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसे हर एक परिवार में बचपन से प्रचारित व प्रसारित करना चाहिए। यह जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत है। चूंकि एक बेहतर शिक्षा की शुरुआत बचपन से घर पर हो सकती है, महिलाओं के उत्थान के लिए एक स्वस्थ परिवार की जरूरत है। जो राष्ट्र के सर्वागीण विकास के लिए आवश्यक है। आज भी कहीं पिछले क्षेत्रों में माता-पिता की अपेक्षा असुरक्षा और गरीबी की वजह से कम उम्र में विवाह और बच्चे पैदा करने का चलन है। महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए महिलाओं के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार लैंगिक भेदभाव सामाजिक अलगाव तथा हिंसा आदि को रोकने के लिए सरकार कई सारे कदम उठा रही है।


महिलाओं की समस्याओं का उचित समाधान करने के लिए महिला आरक्षण बिल 108 वां संविधान संशोधन का पास होना बहुत जरूरी है। यह संसद में महिलाओं की 33% हिस्सेदारी को सुनिश्चित करता है। दूसरे क्षेत्र में भी महिलाओं को सक्रिय रुप से भागीदार बनाने के लिए कुछ प्रतिशत सीटों को आरक्षित किया गया है।


महिला सशक्तिकरण पर निबंध (150 शब्द) -


भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले हमारे समाज में व्याप्त महिला विरोधी सोच को मारना बहुत जरूरी है। समाज में व्याप्त बुराइयों से दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, वेश्यावृत्ति, उन्हें हिंसा महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा बलात्कार वेश्यावृत्ति मानव तस्करी ऐसे बहुत से अपराध हैं जिन पर सरकार के द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की जरूरत है। भारत के संविधान के प्रावधानों के अनुसार पुरुष की तरह ही सभी क्षेत्रों में समाज में महिलाओं को समानता प्रदान करना एक कानूनी बिंदु है महिला और बाल विकास विभाग भारत में महिलाओं और बच्चों के समुचित विकास के लिए इस क्षेत्र में अच्छा काम करता है।


महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कहीं तैयार करने वाली रणनीतियां और पहल प्रक्रियाएं हैं। पूरे देश की आबादी में महिलाओं की आधी आबादी है और महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र में स्वतंत्र होने की जरूरत है।


महिला सशक्तिकरण पर निबंध (200 शब्द)


भारत प्राचीन काल से अपनी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और सभ्यता,धर्म और भौगोलिक विशेषताओं के लिए जाना जाने वाला एक बहुत प्रसिद्ध देश है। दूसरी ओर यह पुरुष रूढ़िवादी राष्ट्र के रूप में भी लोकप्रिय है भारत में महिलाओं को पहली प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि दूसरी और परिवार और समाज में उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।


वे केवल घर के कामों तक ही सीमित थी या घर और परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी समझती थी। उन्हें उनके अधिकारों और खुद के विकास से पूरी तरह से अनजान रखा गया था। भारत के लोग इस देश को भारत माता कहते थे लेकिन इसका सही अर्थ कभी नहीं समझा। भारत माता का अर्थ हर भारतीय की मां जिसे हमें हमेशा बचाना और संभालना है। महिलाएं देश की आधी शक्ति का गठन करती हैं इसलिए इस देश को पूरी तरह से शक्तिशाली देश बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत आवश्यक है। यह महिलाओं को उनके उचित विकास और विकास के लिए हर क्षेत्र में स्वतंत्र होने के उनके अधिकारों को समझने के लिए सशक्त बना रहा है ।


महिलाएं बच्चे को जन्म देती है इनका मतलब है राष्ट्र का भविष्य। इसलिए भी बच्चों के समुचित विकास के माध्यम से राष्ट्र के उज्जवल भविष्य को बनाने में बेहतर भागीदारी कर सकते हैं। महिलाओं को पुरुष और सभ्यता का शिकार होने के बजाय सशक्त बनाने की आवश्यकता है।


महिला सशक्तिकरण पर निबंध (250 शब्द)


महिला सशक्तिकरण के नारे के साथ यह सवाल उठता है। कि "महिलाएं वास्तव में मजबूत होती है" और "दीर्घकालिक संघर्ष समाप्त हो गया है" सरकार द्वारा राष्ट्र के विकास में महिलाओं के वास्तविक अधिकारों और मूल्य के बारे में जागरूकता लाने के लिए कई कार्यक्रम लागू किए गए और चलाए जा रहे हैं। जैसे - अंतर्राष्ट्रीय महिला, दिवस मातृ दिवस इत्यादि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। भारत में लिंग असमानता का एक उच्च स्तर है। जहां महिलाओं को उनके परिवार के सदस्य और बाहरी लोगों द्वारा बीमारी किया जाता है। भारत में निरक्षर आबादी का प्रतिशत ज्यादातर महिलाओं द्वारा कवर किया गया है। महिला सशक्तिकरण का वास्तविक अर्थ उन्हें अच्छी तरह से सूचित करना और उन्हें स्वतंत्र छोड़ना है, ताकि वह किसी भी क्षेत्र में अपने निर्णय लेने में सक्षम हो सकें।


भारत में महिलाओं को हमेशा ऑनर किलिंग के अधीन किया गया है और उन्होंने उचित शिक्षा और स्वतंत्रता के लिए अपने मूल अधिकार कभी नहीं दिए । वे पीड़ित है जो पुरुष प्रधान देश में हिंसा और दुर्व्यवहार का सामना करते हैं भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए महिलाओं के सशक्तिकरण मिशन NMEW के अनुसार इस कदम ने 2011 की जनगणना में कुछ सुधार किए हैं। महिला सेक्स और महिला साक्षरता दोनों का अनुपात बढ़ा है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स के अनुसार भारत में उचित स्वास्थ्य शिक्षा और आर्थिक भागीदारी के माध्यम से समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए कुछ अग्रिम कदम उठाने की आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण को नवजात अवस्था में होने के बजाय सही दिशा में पूरी गति लेने की जरूरत है।


महिला सशक्तिकरण पर 10 लाइन (10 lines essay on women improvement) - 


1. महिला सशक्तिकरण का अर्थ है समाज में महिलाओं की हिस्सेदारी को पुरुषों के बराबर मानना।


2. महिला सशक्तिकरण से महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनती हैं।


3. महिला सशक्तिकरण का अर्थ है सभी महिलाओं को कार्यस्थल पर और अन्य जगह पर सुरक्षा प्रदान करना है।


4. महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य शिक्षा के माध्यम से सभी महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार करना है।


5. महिला सशक्तिकरण का समाज में सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका है।


6. महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के भेदभाव को मिटाना है।


7. महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाना है।


8. महिला सशक्तिकरण का अर्थ है सभी महिलाओं को कार्यस्थल पर पुरुषों के समान वेतन दिया जाना। 


9. महिला सशक्तिकरण से अभिप्राय महिलाओं का सामाजिक राजनीतिक आर्थिक और स्वास्थ्य में सुधार है। 


10. महिला सशक्तिकरण महिलाओं में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना है और उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनना है।


People also Asked -


प्रश्न - आज के भारत में महिलाओं की स्थिति क्या है?

उत्तर - आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति काफी संतोषजनक है, हर क्षेत्र में देश की बेटियां आगे आ रही हैं तथा पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं।


प्रश्न - महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर - 21वीं सदी के दौर में एक तरफ हम चांद पर जीवन की संभावनाओं को खोज रहे हैं तो दूसरी तरफ आधी आबादी को पीछे रखकर विकास नहीं कर सकते। महिलाओं की भागीदारी से ही समाज, देश और विश्व का कल्याण संभव है।


प्रश्न - नारी सशक्तिकरण का अर्थ क्या है ?

उत्तर - महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सके, जिससे वह सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सकें। यह वह तरीका है, जिसके द्वारा महिलाएं भी पुरुषों की तरह अपनी हर आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।


प्रश्न - महिला सशक्तिकरण का महत्व क्या है ?

उत्तर - महिला सशक्तिकरण पर भाषण मुख्य रूप से महिलाओं को स्वतंत्र बनाने की प्रथा को संदर्भित करता है ताकि वे अपने निर्णय ले सके और साथ ही बिना किसी पारिवारिक या सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को संभाल सकें। सरल शब्दों में, यह महिलाओं को अपनी व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देता है।


प्रश्न - महिला सशक्तिकरण पर भाषण कैसे दें ?

उत्तर - महिलाओं को पूरी स्वतंत्रता देने की आवश्यकता है, ये उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। महिलाओं को भी अपनी पूर्व धारणाओं को बदलने की जरूरत है कि वह कमजोर है और कोई भी उन्हें धोखा दे सकता है या उनका प्रयोग कर सकता है। इसके बजाय उन्हें यह सोचने की आवश्यकता है कि उन्हें पुरुषों से अधिक शक्ति है और वो पुरुषों से बेहतर कर सकती हैं।


प्रश्न - महिला सशक्तिकरण से समाज को क्या लाभ होगा ?

उत्तर - एक राष्ट्र का सर्वागीण वा समरसता पूर्ण विकास तभी संभव है जब महिलाओं को समाज में उनका यथोचित स्थान व पद दिया जाए। उन्हें पुरुषों के साथ-साथ विकास की सहभागी माना जाए। सशक्तिकरण के अंतर्गत महिलाएं अपने आर्थिक स्वावलंबन, राजनैतिक भागीदारी व सामाजिक विकास के लिए आवश्यक विभिन्न कारकों पर पहुंच व नियंत्रण प्राप्त करती हैं।


प्रश्न - सशक्तिकरण का उद्देश्य क्या है ?

उत्तर - सशक्तिकरण किसी भी प्रकार के भेदभाव विषमता, स्तरण,अधीनता,हिंसा , अस्पृश्यता , वंचना तथा किसी भी अभाव को मिटाने वाली वह प्रक्रिया है जो अंततः सकारात्मक शक्ति का उपयोग करने की क्षमता पैदा करती है। महिलाओं के संदर्भ में सशक्तिकरण का अर्थ है संसाधनों पर उनका नियंत्रण तथा निर्णय का अधिकार।


प्रश्न - भारत में महिला सशक्तिकरण का मुख्य बिंदु क्या है ?

उत्तर - हाल के वर्षों में, महिलाओं की स्थिति को अभीनिश्चित करने में महिला सशक्तिकरण को प्रमुख मुद्दे के रूप में माना गया है। महिलाओं के अधिकारों एवं कानूनी हकों की रक्षा के लिए वर्ष 1990 में संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना की गई।


प्रश्न - महिला सशक्तिकरण में शिक्षा की भूमिका क्या है ?

उत्तर - सशक्तिकरण में शिक्षा का स्थान महत्वपूर्ण है। बिना शिक्षा के महिलाओं की प्रस्थिति में सकारात्मक परिवर्तन असंभव है। शिक्षा के माध्यम से महिलाओं में जागरूकता आई है, वे अपने बारे में सोचने लगी हैं, उन्होंने महसूस किया है कि घर से बाहर भी जीवन है, महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार हुआ है, उनके व्यक्तित्व में निखार आया है।


यह Blog एक सामान्य जानकारी के लिए है इसका उद्देश्य सामान्य जानकारी प्राप्त कराना है। इसका किसी भी वेबसाइट या Blog से कोई संबंध नहीं है यदि संबंध पाया गया तो यह एक संयोग समझा जाएगा ।


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