जल ही जीवन है पर निबंध || Jal hi Jivan hai per Nibandh Hindi mein

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जल ही जीवन है पर निबंध || Jal hi Jivan hai per Nibandh Hindi mein

जल ही जीवन है पर निबंध || Jal hi Jivan hai per Nibandh Hindi mein

'जल ही जीवन है' यह कथन बिल्कुल सत्य है, क्योंकि पानी के बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। जल एक ऐसी कीमती चीज है। जिसके बिना इंसान का कोई अस्तित्व ही नहीं जल हमारे लिए ईश्वर का दिया हुआ वरदान है। यह ना केवल पीने के काम आता है बल्कि इससे हम नहाते हैं, कपड़े धोते हैं, खाना पकाते हैं और साफ-सफाई भी करते हैं। पानी ना केवल मनुष्य के लिए जरूरी है बल्कि जीव जंतुओं और पक्षियों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है।


पानी का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है, इसलिए इसे बर्बाद होने से बचाना भी हमारा कर्तव्य है। जिस तरह से आज के समय में जल प्रदूषण बढ़ रहा है। वह बहुत ही दुखद है, यदि आज हमने धरती के पानी की बचत नहीं की और इसकी बिना वजह बर्बादी को नहीं रोका तो आने वाले समय में धरती पर पानी का नामोनिशान नहीं बचेगा और हमारी आने वाली पीढ़ी बिना पानी के धरती पर जीवित नहीं रह सकेगी।

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प्रस्तावना (Introduction) -


जल को हमारे जीवन का मूल्यवान धरोहर कहें या ये कहें कि इसके बिना जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकते तो यह गलत भी नहीं होगा,क्योंकि जल है तो जीवन है। जल हमारी पृथ्वी में लगभग 71% है।


इसमें से हमारी पीने योग्य केवल 3 प्रतिशत ही पानी है। जिसे अलवणीय जल कहा जाता है, और इसका बहुत छोटा भाग ही प्रयोग के लिए उपलब्ध है। अलवणीय जल की उपलब्धता समय और स्थान के अनुसार भिन्न-भिन्न होती हैं। इस प्रकार जल के विकास के लिए जल का मूल्यांकन और संरक्षण आवश्यक हो गया है। जल मनुष्य के लिए बेहद अहम होता है जल के बगैर हम 1 दिन भी नहीं रह सकते हैं। हम पानी पिए बिना जीवित नहीं रह सकते। जल सिर्फ सेवन के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के गतिविधियों में इस्तेमाल होता है ।


जल से हम खाना बनाते हैं, कपड़े धोते हैं, नहाते हैं और हाथ, पैर भी हम जल द्वारा धोते हैं। जल नियमित रूप से हमें जरूरत होता है जल हमें नदियों, तालाबों वर्षा जैसे स्रोत से प्राप्त होता है। पृथ्वी पर अधिकांश जल समुंद्र में पाया जाता है। जो खारा रहा है और कुछ बर्फीला होता है। इनका पानी हम ना इस्तेमाल कर सकते हैं और ना ही सेवन कर सकते हैं क्योंकि समुद्र के पानी में नमक की मात्रा अत्यधिक होती है तथा समुद्र के ही पानी से नमक बनाया जाता है जिसे हम खाने के रूप में उपयोग करते हैं।


जल का महत्व (Important Of Water) -


जल जैसे मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है, वैसे ही यह जीव जंतुओं, पेड़ पौधे और पृथ्वी के अन्य प्राणियों के लिए भी जरूरी है। हमारे शरीर का आधा वजन ही पानी से बना हुआ है, बिना जल के पृथ्वी पर जीवन ही असंभव है क्योंकि जल के बिना मनुष्य तड़पने लगता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है।


जल के बिना पंछियों और अन्य प्राणियों का भी यही हाल होता है। कुछ फसलें ऐसी होती हैं। जो पानी के बिना पैदा ही नहीं होती हैं जैसे - गेहूं, चावल, मक्का आदि पानी के बिना पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं और ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो जाती है, इसलिए जल की एक-एक बूंद को व्यर्थ होने से बचाना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है।


जल का निर्माण कैसे होता है? (How to water Formed?) -


जल एक ऐसा पदार्थ है जो दो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर बनता है इसलिए जल का रासायनिक सूत्र H₂O है, यदि आसान शब्दों में कहें तो हाइड्रोजन की एक ऑक्साइड के रूप में जब हाइड्रोजन या हाइड्रोजन योगिक जलते हैं या ऑक्सीजन का ऑक्सीजन यौगिकों के साथ में प्रतिक्रिया करते हैं तब जाकर जल का निर्माण होता है। जल एक ऐसा पदार्थ है जिसके तीन अवस्थाएं होती हैं -


ठोस (Solid)

द्रव (Liquid)

गैस (Gas)


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हमारे देश भारत के जल संसाधन (water resources of our country India) -


भारत में विश्व के धरातल क्षेत्र का लगभग 2.45 प्रतिशत जल संसाधनों का 4 प्रतिशत और जनसंख्या का लगभग 16 प्रतिशत भाग पाया जाता है। देश में 1 वर्ष में वर्णन से प्राप्त कुल जल की मात्रा लगभग 4,000 घन किलोमीटर है।


धरातलीय जल और पुनः पूर्ति योग जल से 1,869 घन किलोमीटर जल उपलब्ध है। इसमें से केवल कुछ प्रतिशत जल का लाभदायक उपयोग किया जा सकता है इस प्रकार हमारे देश में जल संसाधन 1,122 घन किलोमीटर है।


जल के स्रोत (Sources of water) -


पृथ्वी पर जल के चार मुख्य स्रोत है। जो कि है नदिया, झीले, तलैया, तालाब। देश में कुल नदियां तथा सहायक नदियां जिन की लंबाई 1.6 कि.मी. से अधिक है। ऐसे नदियों को मिलाकर 10,360 नदियां हैं। भारत में सभी नदी बेसिनो में औसत वार्षिक प्रवाह 1,869 घन किलोमीटर में होने का अनुमान किया गया है।


फिर भी स्थलाकृतिक, जलीय और अन्य दबावों के कारण प्राप्त दरात जल का केवल लगभग 690 घन कि.मी. (32%) जल का ही उपयोग किया जा सकता है। कुछ नदियां जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु के जल ग्रहण क्षेत्र बहुत बड़े हैं। गंगा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में वर्षा अपेक्षाकृत अधिक होती है।


ये नदियां यद्यपि देश के कुल क्षेत्र के लगभग एक तिहाई भाग पर पाई जाती हैं। जिनमें कुल धरातलीय जल संसाधनों का 60 प्रतिशत जल पाया जाता है। दक्षिण भारतीय नदियां जैसे - गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में वार्षिक जल प्रभाव का अधिकतर भाग काम में लाया जाता है। लेकिन ऐसा ब्रह्मपुत्र, और गंगा, बेसिनो में अभी भी संभव नहीं हो सका है


जल की जरूरत और उसका प्रयोग (Water requirement and its use) -

पारंपरिक रूप से भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसकी जनसंख्या का लगभग दो - तिहाई भाग कृषि पर निर्भर है। इसलिए पंचवर्षीय योजना में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए सिंचाई के विकास को एक अति उच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है।


और बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना जैसे - भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, दामोदर, घाटी, परियोजना, नागार्जुन सागर, परियोजना, इंदिरा गांधी, नहर परियोजना आदि शुरू की गई है। वास्तव में वर्तमान में जल की मांग सिंचाई की अवस्था के लिए अधीक है। हमारी पृथ्वी का भूजल सबसे अधिक कृषि में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें धरातल ही जल का 89 प्रतिशत और भूजल का 92 प्रतिशत जल का उपयोग किया जाता है। जबकि औद्योगिक सेक्टर में सतह जल केवल 2 प्रतिशत और भूजन का 5 प्रतिशत भाग ही उपयोग में लाया जाता है।


घरेलू सेक्टर में धरातलीय जल का उपयोग भूजल की तुलना में अधिक 9 प्रतिशत कुल जल के क्षेत्र में कृषि क्षेत्र का भाग दूसरे सेक्टरों से अधिक है फिर भी भविष्य में भी और अभी भी औद्योगिक और घरेलू सेक्टर में जल का उपयोग बढ़ाने की संभावना है।


जल प्रदूषण कम करने के उपाय (Measure to reduce Water Pollution) -


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आज के इस दौर में बढ़ते जल प्रदूषण को देखते हुए सरकार द्वारा बहुत से अभियान चलाए जा रहे हैं हर जगह नदियां तालाब आदि का विशेष ध्यान रखा जा रहा है तो हमारा भी यह करता बनता है कि हमें अपनी तरफ से जल बचाना चाहिए उसकी बर्बादी नहीं करनी चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए


सबसे पहले तो जो लोग नदियों,तालाबों,नहरो और कुओं आदि के किनारे बैठ कर नहाते हैं और कपड़े धुलते हैं, उसके पश्चात साबुन का इस्तेमाल करते हैं वह जल में जाकर मिलता है जिससे जल प्रदूषित होता है उन्हें रोकना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए और इसके अलावा हमें बड़े-बड़े गड्ढों में जल को एकत्रित करना होगा।


लोगों को जल बचाने के लिए जागरुक करना होगा वर्षा में हो रहे जल को भी एकत्रित करना होगा। कारखानों से आ रहे दूषित जल को नदियों तालाबों आदि ने मिलने से रोकना होगा और सभी को आवश्यकतानुसार की जड़ को खर्च करने की सलाह देनी होगी इन प्रयासों से हम जल दूषित होने और जल कम होने से कुछ मात्रा में रोक सकते हैं।


किन राज्यों में जल उपयोग अधिक है? (Which states have the highest water use?)


पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और तमिलनाडु, राज्यों में भूजल का उपयोग बहुत अधिक है। परंतु कुछ राज्य जैसे छत्तीसगढ़ उड़ीसा केरल आदि अपने भूजल क्षमता का बहुत कम उपयोग करते हैं।


 गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, और महाराष्ट्र अपने भूजल संसाधनों का माध्यम दर से उपयोग कर रहे हैं। यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहती है, तो जल के मांग की आपूर्ति करने की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति विकास के लिए हानिकारक होगी और सामाजिक उथल-पुथल और विघटन का कारण हो सकती है।


जल के गुणों का ह्रास (Degradation of Water) -


जल की गुणवत्ता से तात्पर्य जल की शुद्धता अथवा अनावश्यक भारी पदार्थ से रहित जल से है। जल बाहरी पदार्थ जैसे सूक्ष्म भी जीव, रासायनिक पदार्थों यौगिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों से प्रदूषित होता है। इस प्रकार के पदार्थ जल के गुणों में कमी लाते हैं, और इसे मानव उपयोग के योग्य नहीं रहने देते।


जब विषैले पदार्थ झीलों, झरनों, नदियों, समुद्रों, और अन्य जलाशयों में प्रवेश करते हैं। तो वे जल में घुल जाते हैं अथवा जल में निलंबित हो जाते हैं इससे जल प्रदूषण बढ़ता है और जल के गुणों में कमी आने से जली तंत्र(aquatic system) प्रभावित होते हैं।


कभी-कभी प्रदूषण नीचे तक पहुंच जाते हैं और भूजल को प्रदूषित करते हैं। हमारे देश में गंगा और यमुना ऐसी पवित्र नदियां है, जो सबसे अधिक प्रदूषित हैं परंतु अभी इन को साफ रखने के कई कार्य चल रहे है।


जल - जीवन मिशन (Jal Jivan Mission) -


हमारी भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च करके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया इस मिशन के तहत घर-घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है।


73 स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी जी ने कहा कि देश में अभी करीब 50 फ़ीसदी परिवार को पाइप के द्वारा पानी नहीं मिल पा रहा है। जल संकट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने एक विशेष काम की तरफ बल देने का निर्णय लिया है,और वह काम है, हमारे देश के हर घर में जल पहुंचाना और घर को पीने का शुद्ध जल मिले इस उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए उन्होंने ऐलान किया कि हम इस मिशन को बहुत आगे लेकर जाएंगे ताकि सभी को स्वच्छ और साफ जल की प्राप्ति हो सके।


उन्होंने कहा कि जल मिशन के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करेगी और आने वाले वर्षों में साढे़ तीन लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का हमने संकल्प लिया है प्रधानमंत्री जी ने बताया कि जल जीवन मिशन पर आगामी वर्षों में करीब 3.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मोदी जी ने कहा कि हमें जल संरक्षण के प्रयासों में अधिक तेजी लानी होगी उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2024 तक हर घर में नल के जरिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है मोदी जी ने प्रत्येक कार्य में पानी की उपलब्धता के तहत इस मिशन की शुरुआत की है।


विश्व जल दिवस (World Water day) -


22 मार्च को मनाने वाली विशव जल दिवस के दिन, देश के कई जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं.1933 से मनाई जा रही है। इस दिवस को आज भी काफी उत्सव के साथ मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विशव की सभी विकसित देशों को स्वच्छ और साफ जल की उपलब्धता करना साथ जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है।


जल बचाव के उपाय (Water Conservation Measures) -


जल बचाओ के बहुत सारे उपाय है जैसे कि बर्तन धोते समय कम पानी का उपयोग करना नल की आवश्यकता होने पर ही खोलना नहाते समय सावर का इस्तेमाल नहीं करना बाल्टी के पानी का उपयोग करना जिससे काफी पानी बचता है। बरसात में पानी को स्टोर करके रखना जिसके लिए कई सारे अभियान भी चलाए जा रहे हैं।


जल संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है जैसे कि टॉयलेट में फ्लैश की जगह बाल्टी से पानी डालें तालाबों का निर्माण करें जिससे पानी की बचत होती है वर्षा के जल को एकत्र करें और छत पर पानी की टंकी बनाएं।


वृक्षों की हो रही कटाई पर रोक लगानी चाहिए और लोगों को और अधिक वृक्षारोपण करने के लिए आग्रह करना चाहिए वृक्ष ही ऐसा साधन है जो वर्षा के लिए उत्तरदाई है जैसे जैसे वनों की कटाई होगी वृक्षों की कटाई होगी जल की समस्या बढ़ती जाएगी इसलिए हमें वनों की अथवा पेड़ों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए। हमें जरूरत के हिसाब से ही पानी का उपयोग करना चाहिए और वर्षा के जल का संग्रह करना चाहिए।


उपसंहार (Conclusion) -


हमारी पृथ्वी पर पानी की मात्रा सीमित है और इस बात की जानकारी सभी को रखनी चाहिए क्योंकि जल ही जीवन है जल के बिना जीवन संभव नहीं है इसके लिए हमें इसके महत्व को समझाना होगा। वरना ऐसा ना हो कि हम पानी को पीना तो दूर देख भी ना सकें।


इसलिए अभी से इसके संरक्षण के बारे में सोचना और पानी की बचत करना बहुत जरूरी है। सरकार और कई संस्थाएं साथ ही कई अभिमान भी पानी के लिए जागरूकता फैला रहे हैं। तो हमें भी इन पानी बचत के कार्यक्रम में पूरा-पूरा सहयोग देते हुए पानी की बचत करनी चाहिए,क्योंकि बहुत कीमती है ये पानी किसी सोने-चांदी से कम नहीं है। इसलिए इसके महत्व को समझे और जल की बचत करिए, जल है तो हमें है, जल है तो जीवन है।


कहा जाता है कि आप भोजन के बिना 21 दिन तक जिंदा रह सकते हैं जल के बिना 100 घंटे यानी लगभग 3 से 4 दिन और वायु के बिना 5 मिनट। अर्थात हमारे जिंदा रहने के लिए वायु के बाद जल सर्वाधिक उपयोगी वस्तु है।


जल ही जीवन है पर 10 लाइन (10 line Essay on Water is Life) -


1. जल बहुत महत्वपूर्ण है इसके बिना हम धरती पर जीवित नहीं रह सकते।


2. जंगलों में रहने वाले जंगली जानवर भी पानी की खोज में इंसानों की बस्तियों की तरफ आ जाते हैं, जो की बहुत खतरनाक है।


3. हमें पीने के लिए जो पानी मिलता है वह हमें नदी कुएं तालाब और बारिश से मिलता है।


4. आज पीने के पानी के स्रोत सूख रहे हैं बारिश होना कम हो गई है जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है।


5. हम सब को पानी का महत्व समझना चाहिए और दूसरों को भी जल ही जीवन है इसके महत्व को समझना चाहिए।


6. धरती पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल अमृत के समान है।


7. अगर इसी तरह जल का दुरुपयोग होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जल की कमी से पूरी पृथ्वी तबाह हो जाएगी।


8. पानी का सदुपयोग करना हमारे लिए बहुत जरूरी है आज दुनिया में कई ऐसे जगह है जहां लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।


9. हमें जल बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और जितना हो सके उतना जल को बचाना चाहिए।


10. जल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।


यह Blog एक सामान्य जानकारी के लिए है इसका उद्देश्य सामान्य जानकारी प्राप्त कराना है। इसका किसी भी वेबसाइट या Blog से कोई संबंध नहीं है यदि संबंध पाया गया तो यह एक संयोग समझा जाएगा ।


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