उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर || Upsarg aur Pratyay Mein Antarntar

top heddar

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर || Upsarg aur Pratyay Mein Antarntar

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर || Upsarg aur Pratyay Mein Antarntar

उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर || Upsarg aur Pratyay Mein Antarntar,Upsarg aur pratyay mein antar,upsarg aur pratyay mein kya Antar hai,upsarg aur pratyay ki paribhasha,upsarg aur pratyay ke udaharan,upsarg aur pratyay mein difference,upsarg aur pratyay ke udaharan bataiye,pratyay aur upsarg mein antar,pratyay auropcharik ke udaharan,pratyay aur upsarg mein Antar spasht kijiye


उपसर्ग

प्रत्यय

उपसर्ग के मूल शब्द से पूर्व लगते हैं।

प्रत्यय मूल शब्द के बाद लगते हैं।

मूल शब्द उपसर्ग पर निर्भर करते हैं।

मूल शब्द और प्रत्यय निर्भर करते हैं।

उपसर्ग के जोड़ने पर अर्थ विपरीत, नई विशेषता आदि हो सकता है।

प्रत्यय जोड़ने पर मूल शब्द के अर्थ से संबंधित एक नया अर्थ प्रकट करते हैं।

अधिकांश उपसर्गों का अपना स्वतंत्र अर्थ होता है।

अपवाद स्वरूप ही किसी प्रत्यय का स्वतंत्र अर्थ होता है।

उपसर्ग मूल शब्द को निर्देशित करते हैं।

प्रत्यय मूल शब्द से निर्देशित होता है।

उपसर्ग के जोड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।

उदाहरण - प्र+चार = प्रचार

प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है।

प्रत्यय जोड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।

उदाहरण - इतिहास+इक

ऐतिहासिक इसमें इक प्रत्यय है जो शब्द के अंत में जुड़ा है।

उद्भव व विकास की दिशा ऊपर से नीचे की ओर होती है।

उद्भव व विकास की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होती है।


उपसर्ग किसे कहते हैं? || Upsarg kise kahate Hain


उपसर्ग हिंदी व्याकरण का बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। और यही एक शब्दांश होता है जो कि किसी भी शब्द के पहले जोड़कर उसका अर्थ परिवर्तित कर देता है। उपसर्ग दो शब्दों के मिलाप से बनता है। जो कि उप और सर्ग है। उप का अर्थ समीप या पास से है,और वही सर्ग का अर्थ सृजन करना अर्थात किसी ने शब्द के समीप आकर एक नए शब्द की उत्पत्ति करना ही उपसर्ग कहलाता है।

उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में बताइए,प्रत्यय और उपसर्ग में अंतर,प्रत्यय और उपसर्ग में क्या समानता है,उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर,प्रत्यय और उपसर्ग में अंतर,और उपसर्ग की परिभाषा,pratyay aur sarg mein antar,upsarg aur pratyay mein antar,pratyay aur upchar ke mein kya Samanta hai,प्रत्यय और उपसर्ग में क्या समानता है,उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर,उपचार के एवं प्रत्यय में अंतर बताइए,उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर बताइए,उपसर्ग और प्रत्यय,प्रत्यय और उपसर्ग,उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर,upsarg aur pratyay mein antar


उपसर्ग की परिभाषा | Upsarg ki Paribhasha


जब कोई शब्दांश किसी भी मूल शब्द के आगे जुड़ता हैं,और उसके अर्थ में पूरी तरीके से परिवर्तन ला देता है, तो इसे हम उपसर्ग कहते हैं।


उदाहरण - योग एक सार्थक शब्द है, जिसका हिंदी अर्थ साधना है, यदि सार्थक शब्द योग के पहले "प्र" उपसर्ग जोड़ने पर हमें एक नया शब्द "प्रयोग" प्राप्त होता है। प्रयोग का हिंदी अर्थ "इस्तेमाल करना" होता है।


उपसर्ग के भेद | Upsarg ke Bhed


हिंदी व्याकरण में प्रयुक्त उपसर्ग तीन प्रकार के होते हैं, जो निम्न है।


1. हिंदी के उपसर्ग 

2. संस्कृत के उपसर्ग

3. आगत उपसर्ग


प्रत्यय किसे कहते हैं?|| Pratyay Kise Kahate Hain


प्रत्यय हिंदी व्याकरण का ऐसा शब्दांश है, जो किसी अन्य मूल शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में पूर्ण रूप से परिवर्तन ला देता है। प्रत्यय मूल शब्दों के अंत में जुड़ने के बाद अपनी प्रकृति के अनुसार ही परिवर्तन करता है।


प्रत्यय दो शब्दों के मेल से बना हुआ होता है,जो कि "प्रति" और "अय" है। प्रतीक शब्द का हिंदी अर्थ बाद में होता है और अय शब्द का अर्थ चलने वाला होता है।


प्रत्यय की परिभाषा || Pratyay ki Paribhasha


जब हिंदी व्याकरण का कोई भी शब्दांश किसी भी सार्थक शब्द के पीछे जुड़ता है, और उसके अर्थ में पूर्ण रूप से परिवर्तन ला देता है, तो ऐसे शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं। इन दोनों शब्दों के मेल से बने नए शब्द का अर्थ दोनों शब्दों के अर्थ से भिन्न होता है।


उदाहरण - लेख एक सार्थक शब्द है, इसका हिंदी अर्थ लिखना से है, यदि सार्थक शब्द लेख के अंत में अक् प्रत्यय जोड़ दें, तो हमें एक नया शब्द लेखक प्राप्त होता है। लेखक का शाब्दिक अर्थ होता है लिखने वाला


प्रत्यय के प्रकार || Pratyay ke Prakar


हिंदी व्याकरण में प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं जो नीचे निम्नलिखित रुप से दर्शाए गए हैं।


1. कृत प्रत्यय

2. तद्धित प्रत्यय


Frequently asked questions || सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

1. प्रत्यय और उपसर्ग में क्या समानता है?

उत्तर - उपसर्ग और प्रत्यय में मुख्य समानता है कि यह दोनों किसी शब्द में लगकर शब्द का अर्थ बदल देते हैं।


2. प्रत्यय किसे कहते हैं? और कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर - जब हिंदी व्याकरण का कोई भी शब्दांश किसी भी सार्थक शब्द के पीछे जुड़ता है, और उसके अर्थ में पूर्ण रूप से परिवर्तन ला देता है, तो ऐसे शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं कृत प्रत्यय,तद्धित प्रत्यय


3. प्रत्यय से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - प्रत्यय शब्द है जो दूसरे शब्दों के अंत में जुड़कर अपनी प्रकृति के अनुसार शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। प्रति+अय।


4. उपसर्ग किसे कहते हैं उपसर्ग कितने प्रकार के हैं?

उत्तर - जब कोई शब्दांश किसी भी मूल शब्द के आगे जुड़ता हैं,और उसके अर्थ में पूरी तरीके से परिवर्तन ला देता है, तो इसे हम उपसर्ग कहते हैं।


हिंदी व्याकरण में प्रयुक्त उपसर्ग तीन प्रकार के होते हैं, जो निम्न है।


A. हिंदी के उपसर्ग 

B. संस्कृत के उपसर्ग

C. आगत उपसर्ग


यह Blog एक सामान्य जानकारी के लिए है इसका उद्देश्य सामान्य जानकारी प्राप्त कराना है। इसका किसी भी वेबसाइट या Blog से कोई संबंध नहीं है यदि संबंध पाया गया तो यह एक संयोग समझा जाएगा ।


इसे भी पढ़ें 👇👇👇


भाषा और विभाषा में अंतर


संधि और समास में अंतर

उपन्यास और कहानी में अंतर

जीवनी और आत्मकथा में अंतर

महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर

कहानी और निबंध में अंतर

छायावादी युग किसे कहते हैं? तथा इसकी प्रमुख विशेषताएं



1 Comments

Post a Comment

Previous Post Next Post

left

ADD1