संधि और समास में अंतर || Sandhi aur Samas mein antar
संधि और समास में अंतर -
1. संधि दो वर्णो के मेल से उत्पन्न विकार को कहते हैं जबकि समास दो पदों के मेल से बने शब्द होते हैं।
2. संधि को तोड़ने की क्रिया संधिविच्छेद कहलाती है वहीँ समास को तोड़ने की क्रिया समास विग्रह कहलाती है।
3. संधि तीन प्रकार की होती है जबकि समास छ प्रकार के होते हैं।
4. संधि के लिए दो वर्णों के मेल और विकार की गुंजाईश रहती है जबकि समास को इस मेल या विकार से कोई मतलब नहीं रहता है।
6. संधि में वर्णों के योग से वर्ण परिवर्तन हो सकता है किन्तु समास में ऐसा नहीं होता।
7. संधि हिंदी के केवल तत्सम पदों में होती है वहीँ समास संस्कृत तत्सम, हिंदी, उर्दू हर प्रकार के पदों में हो सकता है।
8. संधि में विभक्ति या शब्द का लोप नहीं होता किन्तु समास में विभक्ति या पद का लोप हो सकता है।
संधि किसे कहते हैं? (Sandhi kise kahate Hain
संधि शब्द का व्युत्पत्ति सम उपसर्ग धातु एवं कि प्रत्येक मिलकर हुई है।
जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - "परस्पर मिलाना"
अर्थात्
जब दो या दो से अधिक वर्णों का परस्पर मेल एवं उनमें कोई परिवर्तन भी हो तो उसे संधि कहा जाता है।
संधि जिसका शाब्दिक अर्थ है मेल या जोड़, हिंदी भाषा में वर्णों का एक गुण है जिसमें उनके सहयोग एक नई सार्थक ध्वनि की उत्पत्ति करते हैं। इसमें पहले शब्द की अंतिम ध्वनि दूसरे शब्द की पहली धोने से मिलकर परिवर्तन लाती है।
संधि की परिभाषा (Sandhi ki Paribhasha)
संधि की परिभाषा देते हुए हम कह सकते हैं कि दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार पैदा होता है उसे संधि कहते हैं।
नोट :- दो वर्णों का मेल हो तो लेकिन उनमें कोई परिवर्तन ना हो तो उसे संधि ना कह कर सहयोग कहा जाता है।
उदाहरण :- उद + योग = उदयोग
समास किसे कहते हैं? | समास के कितने भेद हैं और कौन कौन से?
आपस में संबंध रखने वाले जब दो या दो से अधिक शब्दों के बीच में से विभक्ति हटाकर उन दोनों शब्दों को मिलाया जाता है तब इस मेल को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में, दो या दो से अधिक शब्द मिलकर जब एक नया उस से मिलता जुलता शब्द का निर्माण करते हैं वह समास कहलाता है। समास शब्द 'सम्' (पूर्ण रूप से) एवं 'आस' (शब्द) से मिलकर बना होता है। जिसका अर्थ होता है विस्तार से कहना। और इसी के अंतर्गत समास के नियमों से बना शब्द सामासिक पद या समस्त पद कहलाता है। जैसे - देश भक्ति, चौराहा, महात्मा, रसोईघर।
समास विग्रह किसे कहते हैं? (Samas vigrah kise kahate Hain)
सर्वप्रथम हम यह जानेंगे कि विग्रह का क्या अर्थ होता है, विग्रह का अर्थ होता है अलग करना। समास के नियमों से बने शब्द या समस्त पद के सभी पदों को अलग अलग करने की प्रक्रिया समास विग्रह कहलाती है। जैसे उपर्युक्त कुछ समस्त पद को समास विग्रह में बदलते हैं। देशभक्ति का समास विग्रह 'देश के लिए भक्ति' होगा। चौराहा का समास विग्रह 'चार राहो का समूह' होगा। समास रचना में 2 पद होते हैं। पहले को पूर्व (पहला) पद कहते हैं, वह दूसरे को उत्तरपद (बाद) कहते हैं। जैसे- धर्म ग्रंथ इसमें पूर्व पद धर्म व उत्तर पद ग्रंथ है। रथचालक इसमें पूर्व पद रथ है, और उत्तर पद चालक है। इस कारण से इनमें समास प्रक्रिया के कारण बीच की विभक्ति लुप्त हो जाती है। रथचालक में बीच की विभक्ति 'को' है। तथा धर्मग्रंथ में बीच की विभक्ति 'का' है। इसके अतिरिक्त कुछ शब्दों में विकार भी उत्पन्न हो जाते हैं जैसे – काठ की पुतली = कठपुतली। इसमें काठ 'का' से 'क' बन गया है।
उपसंहार (Conclusion)
संधि जहाँ वर्णों के मेल पर निर्भर करती है वहीँ समास में पदों का मिलना होता है। संधि और समास किसी भाषा में नए शब्दों की रचना करते हैं और साथ ही शब्द संक्षिप्तीकरण भी करते हैं।
तो विद्यार्थियों आपको इस पोस्ट में पता चल गया होगा की संधि और समास किसे कहते हैं संधि के कितने भेद होते हैं समास के कितने भेद होते हैं इन दोनों में क्या अंतर होता है तो आपको इन विषय पर कोई भी संख्या नहीं होगी। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आपको अपने दोस्तों में इस पोस्ट को जरुर शेयर करना है। और हम आपको ऐसे ही इंपॉर्टेंट जानकारियां देते रहेंगे तो आपको लगातार इस वेबसाइट पर बने रहना है। बहुत ही जल्द नई पोस्ट में आप से मुलाकात होगी।
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