बाढ़ पर निबंध || Essay on flood in Hindi

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बाढ़ पर निबंध || Essay on flood in Hindi

बाढ़ पर निबंध || Essay on flood in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको बाढ़ पर निबंध लिखना बताएंगे। दोस्तों अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।

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Table of contents –


प्रस्तावना

भारत के प्रभावित क्षेत्र

बाढ़ के कारण

बाढ़ से हानि

बाढ़ से लाभ

बाढ़ की रोकथाम

बाढ़ पर नियंत्रण

सरकार और हमारे द्वारा निभाई गई भूमिका 

निष्कर्ष

बाढ़ पर 10 लाइन निबंध हिंदी में

बाढ़ पर 10 लाइन निबंध अंग्रेजी में

FAQ'S 


"पानी का सैलाब जब बाढ़ बनकर आए,

गरीबों के घाव को नासूर करता जाए।"


प्रस्तावना –


बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी क्षेत्र में अत्यधिक पानी के जमा होने के कारण होती है। यह अक्सर भारी बारिश का नतीजा है। कई क्षेत्रों को नदी या समुद्र के पानी के स्तर के बढ़ने के कारण, बांधों के टूटने के कारण और बर्फ के पिघलने के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ता है।


भारत के प्रभावित क्षेत्र –


जब ये नदियां अपनी सीमाओं में बहती हैं, तो वे जीवन देती हैं। किंतु जब वे अपनी सीमाओं से बाहर बहने लगती हैं, तो भारी क्षति का कारण होती हैं। इसे ही बाढ़ कहा जाता है। ब्रह्मपुत्र, गंगा, गंडक, कोसी एवं यमुना जैसी कुछ नदियां हमारे देश में बाढ़ का कारण बनती हैं। बिहार, बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश ऐसे राज्य हैं जो प्रत्येक वर्ष बाढ़ के कारण भारी क्षति क्षेलते हैं।


बाढ़ के कारण –


बाढ़ प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारणों से होता है। बाढ़ के प्राकृतिक कारणों में अतिवृष्टि, ग्लेशियर का पिघलना आदि आते हैं। अप्राकृतिक कारणों में ग्लोबल वार्मिंग, अत्यधिक प्रदूषण आदि आते हैं।


बाढ़ से हानि –


भारी बारिश के कारण होने वाली बाढ़ के पानी की वजह से बीमारियों से होने के घातक परिणाम सामने आए हैं। इससे जीवन का नुकसान, बीमारियों में वृद्धि, मूल्य वृद्धि आर्थिक नुकसान और अन्य मुद्दों के अलावा पर्यावरण का विनाश होता है। बाढ़ से पहली हानि यह है कि जानवर, मनुष्य डूबकर मर जाते हैं। दूसरी हानि यह है कि नदियों में मिट्टी बहकर भर जाती है जिससे नदियों की गहराई कम हो जाती है और अगल-बगल के क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ खड़ी फसलों को बर्बाद कर देती है-यह तीसरी हानि है। चौथी हानि यह है कि अगल-बगल के गांव को साफ पीने का पानी मिलना दुर्लभ हो जाता है। जिससे बीमारियां फैलती हैं। बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद सड़ांध पैदा होती है। किनारों पर लाशें इकट्ठी हो जाती हैं।


बाढ़ से लाभ –


बाढ़ से एक लाभ भी होता है। बाढ़ का पानी नई मिट्टी अपने साथ बहाकर लाता है जिससे अगली फसल की अच्छी पैदावार होती है। जमीन उपजाऊ हो जाती है। लेकिन कभी-कभी बालू भी खेतों पर बिछ जाता है। बाढ़ से लाभ नहीं के बराबर और घाटा ही अधिक होता है।


बाढ़ की रोकथाम –


कई बार बाढ़ पर कुछ दिनों में काबू पाया जा सकता है जबकि कई बार इस पर हफ्तों में काबू पाया जाता है जिससे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन पर एक बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में चेतावनी भी दी जाती है और इससे पहले की स्थिति बदतर हो जाए इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए।

ऐसी जगहों पर छुट्टी की योजना बनाने वाले पर्यटकों को अपनी योजना रद्द करनी चाहिए और अगर समय हो तो इस स्थिति से बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में इमारतों का बाढ़ के पानी के स्तर से ऊपर निर्माण किया जाना चाहिए। बारिश के पानी को पुनः उपयोग करने के लिए सरकार को जल भंडारण प्रणालियों के निर्माण में निवेश करना चाहिए। अच्छी जल निकासी प्रणाली होना जरूरी है जिससे बाढ़ की स्थिति ना उत्पन्न हो।


बाढ़ पर नियंत्रण –


बाढ़ पर नियंत्रण अभी तक नहीं किया जा सका है। नदियां नियंत्रित नहीं की जा सकीं हैं। सरकार को इस पक्ष पर सोचना चाहिए। परंतु सरकार और सरकारी अफसर यह चाहते हैं कि बाढ़ बार-बार आए और राहत कार्यक्रम चलाए जाएं। अनंत पैसों की बंदरबांट सरकारें करती हैं। बेईमानी की हद हो जाती है। राहत सामग्री की लूट मच जाती है। सभी नदियों को एक दूसरे से जोड़कर भी राहत दी जा सकती है। सरकार को चाहिए वह राहत कार्यक्रम और राशि की लूट न करके नियंत्रण के कारगर उपाय करें। पेड़ एवं जंगल लगाकर बाढ़ से होने वाला विनाश रोका जा सकता है।


सरकार और हमारे द्वारा निभाई गई भूमिका –


सरकार बाढ़-पीड़ित लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था करती है। भोजन के पैकेट जल, दवाइयां कपड़े एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों के बीच वितरित की जाती हैं। किसानों को बीज मुफ्त दिए जाते हैं। उन्हें ऋण एवं मुआवजें दिए जाते हैं। लोगों को उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।


निष्कर्ष –


प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ दिन-प्रतिदिन के कार्य को बाधित करती है। बाढ़ इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए विभिन्न समस्याएं पैदा करती है। भारी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन को फिर से पुनर्निर्माण करने में महीनों लगते हैं और कई बार तो सालों-साल भी। यह समय है कि भारत सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए मजबूत उपायों का पालन करना चाहिए।


बाढ़ पर 10 लाइन निबंध हिंदी में-

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1. बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है।


2. इससे उस क्षेत्र का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाता है।


3. बाढ़ नदियों के किनारे समतल भूमि वाले क्षेत्रों में ज्यादा आती है क्योंकि ढलान ना होने की वजह से पानी की निकासी नहीं हो पाती है।


4. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल के नुकसान के साथ-साथ वहां के लोगों को बहुत तरह की परेशानियां होती हैं।


5. बाढ़ दिन हो या रात कभी भी आ जाती है।


6. भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर जब खतरे के निशान के ऊपर बहने लगता है, तब नदियों का पानी आसपास के इलाकों में प्रवेश कर जाता है इसे ही बाढ़ कहते हैं।


7. जिन लोगों का घर नदियों के किनारे होता है, उन्हें तो बारिश के मौसम में चैन की नींद तक नहीं आती। हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है।


8. कभी-कभी डैम के द्वारा भी अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने पर भी बाढ़ आ जाती हैं।


9. कभी भारी बारिश तो कभी बांध के टूट जाने पर और कभी बादल फटने पर भी बाढ़ आ जाती है।


10. बाढ़ के कारण एक ही स्थान पर भारी जल-जमाव हो जाता है, जोकि कई दिनों तक रह रहता है, यह भी बाढ़ कहलाता है।


बाढ़ पर 10 लाइन निबंध अंग्रेजी में –


1. Flood is a natural disaster which badly effects our lives.


2. It occurs due to continuous heavy rainfall and stagnation of water in an area for long time.


3. Rising water level in rivers, cloudburst, breaking of dams also causes flood situation.


4. Global warming, deforestation and increasing pollution are the indirect causes that invite floods.


5. Houses, schools, temples,mosques, churches all collapse due to water stagnation in one place for a long time.


6. Many people including birds and animals loss their lives in floods.


7. Floods not only cause loss of life and property but also badly effect the economy of the country.


8. Villages, cities and towns along the banks of rivers are more vulnerable in floods.


9. To manage a flood situation, special forces like NDRF have also been formed by the Government of India.


10. We also should take the responsibility of reducing pollution so that our society does not have to face such a dreadful disaster like flood.


FAQ'S –


प्रश्न - बाढ़ पर निबंध कैसे लिखें?

उत्तर - भारी बारिश के कारण होने वाली बाढ़ के पानी की वजह से बीमारियों से होने के घातक परिणाम सामने आए हैं। इससे जीवन का नुकसान, बीमारियों में वृद्धि, मूल्य वृद्धि, आर्थिक नुकसान और अन्य मुद्दों के अलावा पर्यावरण का विनाश होता है। बाढ़ उनके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है।


प्रश्न - बाढ़ के बारे में निबंध क्या है?

उत्तर - अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह ही बाढ़ भी बड़ी तबाही मचा सकती है। दुनिया भर के कई कस्बे और शहर भीषण बाढ़ से पीड़ित हुए हैं, जिससे लोगों और जानवरों की जान चली गई, जिसके परिणामस्वरुप संपत्ति और अन्य मूल्यवान संपत्ति का नुकसान हुआ और मिट्टी और पौधे नष्ट हो गए।


प्रश्न - बाढ़ किसे कहते हैं इसके क्या कारण है?

उत्तर - बाढ़ के तीन मुख्य कारण प्राकृतिक कारण हैं, जैसे- भारी बारिश या हिमपात, मानव निर्मित कारण, जैसे भूजल का अति पंपिंग और प्राकृतिक और मानव निर्मित कारणों का एक संयोजन। बाढ़ को पर्यावरणीय कारकों से भी बढ़ाया जा सकता है, जैसे बांधों या बांधों का निर्माण जो पानी के बहाव को अवरुद्ध करते हैं।


प्रश्न - हम बाढ़ को कैसे रोक सकते हैं?

उत्तर - स्थानीय सरकारें अनुकूलन रणनीतियों में निवेश करके किसी समुदाय के बाढ़ के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं। ये भौतिक बाधाएं जैसे तटबंध या समुद्री दीवार, प्राकृतिक बाधाएं जैसे आर्द्रभूमि या खुली जगहें, या गैर संरचनात्मक नीतिगत उपाय जैसे बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में विकास को कम करना हो सकते हैं।


प्रश्न - बाढ़ की समस्या क्या है?

उत्तर - बाढ़ के कारण पूरे क्षेत्र की मृदा सतह की और जन-धन की क्षति तो होती है, जन पलायन भी एक बड़ी समस्या है। संपर्क व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाती है। बाढ़ से आर्थिक प्रभाव, कृषि क्षेत्र में नुकसान, फसल का नुकसान, पेय जल की समस्या और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

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