आत्मकथा किसे कहते हैं? || आत्मकथा क्या है? Atmakatha kise kahate Hain
आत्मकथा व्यक्ति द्वारा स्वयं के जीवन प्रसंगों की व्याख्या होती है। जिस प्रकार जीवनी में लेखक अपने चरित्र नायक की प्रशंसा प्रवृत्ति नहीं छोड़ पाता उसी प्रकार आत्मकथा लेखक बिताया जीवन का सिंहावलोकन करते समय पर आया गुणों का ही बखान करता है। आत्मकथा लिख कर आत्म परीक्षण एवं आत्म परिष्कार करना चाहता है। इसके अतिरेक वीआईपी चाहता है कि उसके अनुभवों का लाभ संसार के अन्य लोग भी उठा सकें।
मेरी जीवन गाथा आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की आत्मकथा का संक्षिप्त रूप है जिसमें आत्मकथा की बहुत सी विशेषताएं सन्निहित हैं। महापुरुषों के माध्यम से लिखी गई आत्मकथाएं पाठकों का सही मार्गदर्शन करते हैं साथ ही उनके लिए प्रेरणादायक भी होते हैं। गद्य की इस विधा के अंतर्गत लेखक अपने जीवन वृत्त को व्यवस्थित रूप से रोचक ढंग से प्रस्तुत करता है। आत्मकथा में वह अपने जीवन से संबंधित सभी छोटी व बड़ी घटनाओं को ना केवल क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करता है अपितु अपने जीवन पर पड़े हुए अनेक प्रभावों का भी उल्लेख करता है। इन घटनाओं में जीवन से संबंधित सभी ऊंच-नीच का सरल भाव से वर्णन होता है। आत्मकथा लेखकों से पांडे बेचन शर्मा,यशपाल, बाबू गुलाब राय तथा हरिवंश राय बच्चन विशेष रूप से प्रशंसनीय है।
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आत्मकथा किसे कहते हैं?
आत्मकथा को अंग्रेजी में ऑटोग्राफी कहते हैं। यह एक ऐसी गद्य रचना है जिसमें लेखक अपने (स्वयं के) गुण दोषों का वर्णन करता है। आत्मकथा कथात्मक शैली में लिखी जाती है। मानव जीवन में अटूट आस्था का होना आत्मकथा का प्रमुख तत्व है। देश काल और वातावरण का सही ज्ञान आत्मकथा में आवश्यक है। इस विधा में लेखक के कई अज्ञात व गोपनीय पहलू प्रकट होते हैं। इसमें घटनाओं के बदले व्यक्तित्व प्रकाशन पर बल दिया जाता है।
आत्मकथा उस व्यक्ति द्वारा स्वयं या स्वयं लिखे गए व्यक्ति का जीवन रेखा है। ऑटो शब्द का अर्थ है 'स्व'इसलिए आत्मकथा में जीवनी के सभी तत्व शामिल हैं, लेकिन लेखक द्वारा स्वयं इसकी रचना का वर्णन किया गया है वह अपने दम पर लिख सकते हैं। या उनके लिए लिखने के लिए राइटर रख सकते हैं।
आत्मकथा किसी व्यक्ति के जीवन की अभिव्यक्ति है, जो स्वयं द्वारा लिखी गई है।
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