MP board 10th Sanskrit Set B Pre board paper solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा दसवीं संस्कृत प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन पीडीएफ 2023

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                        अभ्यास प्रश्न पत्र-2023

कक्षा-10 वीं

विषय-संस्कृत

सेट-ब


समय-3:00 घंटे                               पूर्णांक-75

                                                                                

निर्देश :- (1) सर्व प्रश्नाः अनिवार्याः सन्ति।


(2) प्रश्नानां सम्मुखे अड्डा प्रदत्ताः ।


प्र.1. उचित विकल्पं चित्वा लिखत् -


(1) पितृणाम् इत्यरिमन् पदे विभक्तिः अस्ति-


(अ) पष्ठी

(ब) सप्तमी

(स) प्रथमा

(द) चतुर्थी


उत्तर- (अ) पष्ठी


(2) इदानी वायुमण्डत प्रदूषितमरित -


(अ) न

(ब) कदापि

(स) लाभदायकम्

(द) भृशम्


उत्तर- (द) भृशम्


(3) बालकस्य इति रूप करय विभक्तेः अस्ति-


(अ) प्रथमा

(ब) सप्तमी 

(स) तृतीया

(द) पष्ठी


उत्तर- (द) पष्ठी


(4) द्वितीया विभक्ते रूपम् अस्ति -


(स) फलम्

(च) कविः

(स) राजानः

(द) अहम्


उत्तर- (स) फलम्


(5) रमा इति शब्दस्य बहुवचनस्य रूपन् अस्ति -


(अ) रमायाः 

(ब) रमाणाम 

(स) रमा

(द) रमे


उत्तर- (ब) रमाणाम


(6) अधोलिखितेषु अव्ययं नास्ति -


(अ) प्रायः

(ब) तया

(स) यथा

(द) अस्तु


उत्तर- (द) अस्तु


प्र. 2. शुद्ध समक्षम् आम् अशुद्धयाश्याना समक्षम् न इति लिखत- 


(1) गमिष्यति इत्यस्मिन पर्द लट्लकारः अस्ति । 

उत्तर- न


(2) प्रहारः इत्यरिमन पदं प्र उपसर्ग अस्ति । 

उत्तर- आम्


(3) उपदनम् इति पदं उप उपसर्गः अस्ति ।

उत्तर- आम्


(4) भवेयु इति धातुरूपे बहुवचनम् अस्ति। 

उत्तर- आम्


(5) गच्छ इत्यरिमन पदे प्रथमपुरुषः अस्ति 

उत्तर- न


(6) प्राचार्य प्रति पदे प्र उपसर्गः अस्ति ।

उत्तर- आम्





प्र. 3. युग्ममेलनं कुरुत-


अ                                     आ


(1)विद्याभ्यास            (क) बहुबीहिसमास


(2) सदैव                  (ख) द्विगु समास:


(3)दशाननः               (ग) द्विगु समास:


(4) त्रिमुखी               (घ) अव्ययीभाव समासः


(5)पञ्चवटी              (ड़) दीर्घ सन्धिः


(6) अनुरूपम्            (च) वृद्धि सन्धि:


उत्तर-


अ                                     आ

(1)विद्याभ्यास                 (ड़) दीर्घ सन्धिः


(2) सदैव                        (च) वृद्धि सन्धि:


(3)दशाननः                    (क) बहुबीहिसमास


(4) त्रिमुखी                    (ख) द्विगु समास:


(5)पञ्चवटी                    (ग) द्विगु समास:


(6) अनुरूपम्                 (घ) अव्ययीभाव समासः


प्र.4. एक पदेन उत्तर लिखत-                   6


(1) कर्तम् इत्यस्मिन पदे प्रत्ययः अस्ति । 

उत्तर- तुमुन् 


(2) गतः इत्यस्मिन् पदे प्रत्ययः अस्ति । 

उत्तर- वत 


(3) नेतुम् इत्यस्मिन् पदे प्रत्ययः अस्ति । 

उत्तर- टापू


(4) बुद्धिमती कुत्र व्याघ्र प्रत्ययः अस्ति । 

उत्तर- बुद्धि


(5) बालिका इत्यस्मिन् पदे प्रत्ययः अस्ति । 


(6) सर्वदा सर्वकार्येषु का बलवती।


प्र.5. प्रदत्तः शब्दः रिक्तस्थानानि पूरयत।               6


(1) म रिपुः इत्यनयोः पदयोः विशेषण______अस्ति ।

उत्तर- महान


(2) निर्मलम् इत्यस्य विलोमपद_____ अस्ति।

उत्तर- सबलम


(3) संपती इत्यस्य विलोमपदं_____ अस्ति ।

उत्तर- विपत्ति


(4) पत्नी इत्यस्य पर्यायपदम् _____ अस्ति ।

 उत्तर- अर्धांगिनी


(5) दानवाय इत्यस्य पदस्य विलोमपदं_____ अस्ति ।

उत्तर- मानवाय


(6) श्रृंगालः इत्यस्य पर्यायपदम् _____ अस्ति ।

उत्तर- जम्बूक:


प्र.6. कविः किमर्थं प्रकृतेः शरणम् इच्छति ?           2

                          अथवा

लोके महतो भयात् कः मुध्यते प्र. 


7. कृषक कि करोति स्म ?                               2

              अथवा

माता सुरभिः किमर्थम् अश्रुणि मुञ्चति स्म ?


प्र.8. फेन समः बंधुः नास्ति ?                             2

            अथवा

कः पिपासितः म्रियते ?


प्र.9. जनः किमर्थः पदातिः गच्छति ?                    2

                       अथवा

अनते प्रकृतिमाता प्रविश्म सर्वप्रथम कि पदति ?


प्र.10. नराणां प्रथम शत्रुः कः ?                           2

                   अथवा

यदि राजा सम्यक न भवति तदा प्रजा कथं विप्लव ?


प्र.11. रेखाहित पदमानृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत(कोई दो)2 


(क) कि मी वं पत्थर स्थापित पंत।

उत्तर- कुत्र


(ख) मयूरस्य नृत्य प्रकृतेः आराधना।

उत्तर- कस्या


(ग) जनकंग गुताय शशवे विद्यार्धन दीयते ।

उत्तर- कस्मै


प्र.12. अधोलिखितानि वाक्यानि कः के प्रति कथयति (कोई दो )    2                                                

(क) भवान् कुतः भयात् पलायितः ।


(ख) तस्याः द्वे नाम्नी ।


(ग) सव्यवधाना न चारित्रयलोपाय।


प्र.13. प्रश्नपत्रे समागतान् श्लोकान् विहाय स्वपाठ्यपुस्तकस्य सुभाषितद्वयं।                          2

उत्तर- आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः ।  नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति ॥ 


प्र.14. अधोलिखित अशुद्धकार वाक्याना शुद्धि करणीय (कोई दो )    2                                               

(क) रामः सर्प विमेति ।


(ख) शिव नमः


(ग) नापः तदाग अस्ति


(घ) अहं दुग्धं रोचते


प्र.15. प्रदर्शः शब्दे रिक्तस्थानपूर्ति कुरुत (कोई दो )   2


(क) _____जीवन दुर्वलम् अस्ति।


(ख) सार्थक इत्यस्य विलोमपद_____ अस्ति।


(ग) काक:_____ भवति।


(घ) मयूरः_____ इति नाम्नाऽपि ज्ञायते ।


प्र.16. अधोलिखित वाक्यानि घटनाक्रमानुसारेण।      2


(क) त्वमपि कश्विद गूढप्रदेशम्।


(ख) मां निजग।


(ग) भवान् कुतः भयात् पतिः |

                 अथवा

(क) अस्ति देउलारी ग्रामः |


(ख) मर्गे गहनानेन सा एक व्याघ्र ददर्श ।


(ग) सबसयान विहाय पदातिरेव प्राचल।


प्र.17. मान्य परिवर्तन कुरुत (कोई दो)                 2


(क) या अंड हतयः 


(ख) वानरः वृक्ष आरोहति ?


(ग) कृषकः तं बहुधा पीडयति ।


प्र.18. अधोलिखित गद्यांश राज्यक परिया प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषायां लिखत।                       3 


'इति श्रुत्वा व्याधमारी कादियमिति गत्या व्यपो भयाकुलवितो नष्ट निजबुद्धया विमुक्ता सा मायाधरय भामिनी अन्योऽपि बुद्धिमल्लोके मुध्यते महतो मयात ॥

भयाकुल व्याघ्रः ष्टया कचित् पूर्वः शृगाल हरान्नाह भवान कुचः भयात् पलायितः ।


प्रश्न (क) कथ नष्ट:?


(ख) सागामिनी व्याधरय भयादन्यं विमुक्ता।


(ग) भयाकुल व्यास दृष्टया का हसन्नाह।

                           अथवा 

अस्ति दंउलाख्यो ग्रामः तत्र राजसिंह नाम राजपुत्र वसति स्म। एकदा केनापि आवश्यक कार्येण तस्य भार्या बुद्धिमती पुत्रद्धयोपेती पितृगृह प्रति चलिता मार्गे गहनकानेन सा एक व्याघ्र ददर्श सा व्याघ्रमागत दृष्टया भावर्यात् पुत्रो धर्मव्या प्रत्य जगाद कथमेकको व्याघ्रमाणाय कलह कुरुथ अयमेकस्तवद्विमज्य मुज्यताम् परवाह अन्यो द्वितीय कश्चित्लक्ष्यये ।


गहनानेन सा एक व्याघ्र ददर्श सा व्याघ्रमागच्छंत दृष्टया धावत् पुत्रो चपेच्या प्रत्य जगाद कथमेकको व्याद्यभक्षणाय कलह कुरुय: अयमेकत्तवद्विभज्य भुज्यताम् पश्चाह अन्यो द्वितीय कश्चिल्लक्ष्यये । )


प्रश्न (क) देउलाख्यो ग्रामः को यराति रम ? 


(ख) तस्य भार्या का आसीत् ? 


(ग) सा कि जगाद्।


प्र.19. अधोलिखित पद्यांरा सम्यक पठित्या प्रश्नानाम् उत्तराणि-    3                                               

अमन्त्रमक्षर नाति नास्ति मूलमनौषधम् ।


अयोग्यः पुरुषः नारित योजकस्तत्र दुर्लभः।।


प्रश्न (क) अमन्त्र कि नारित 


(ख) अनोषधं कि नारित


(ग) पुरुषः कथ नारित |

                अथवा

पिता यच्छति पाल्ये विद्यार्धन महत्


पिताऽस्य कि तपस्तेपे इत्युक्तस्तत्तज्ञान


प्रश्न (क) का बाल्ये पुत्राय महत् विद्यार्धन महत् । 


(ख) पिता करणं वाल्ये महत् विद्यार्धन यच्छति । -


(ग) का उक्तिस्तत्कृतज्ञता ।


प्र. 20. अधोलिखित नाट्यांरा सम्पर्क पढित्या प्रश्नानाम् उत्तराणि-        3                                             

लयः भगवन् सहरदीपतिः ।


विदूषकमरमामानानि रातो


राम समरूप शरीरसन्निवेश वरान्तु न किञ्चिदतरम्


गुश अहमपि कुश इत्यात्मनश्रव्यामि


प्रश्न (क) को आपा सोदयों ?


(ख) कर शरीर सन्निवेश |


(ग) रामः सम्प्रति किम्?


प्र.21. अधोलिखित अपठित गद्यांरां सम्यक पटिया प्रश्नानां उत्तराणि संस्कृत भाषायाम् लिखत्-            4


संसारे अनेक दुःखाना मूलकारणम् अज्ञानम् अज्ञानात एवं समाज नानाविकाराणा जन्म भवति हि ये उपद्रवा अरमान् पीडयन्ति तेषा मूले अशिक्षा एवं वर्तते।


प्रश्न (क) अस्य गद्यराज्य शीर्षक लिखत।


(स) दुःखाना मूलकारण किन ?


(ग) समाजे अनेक विकाराः कथ जायनी?


(घ) के उपद्रवाः अस्मान पीडयन्ति ?


प्र. 22. स्वस्य प्राचार्यस्य कृते स्थानांतरण प्रमाण पत्र लिखत् ।         4                      अथवा 

मित्रस्य कृते र अध्ययनस्य वर्णयन् संस्कृतभाषायां एक पत्र लिखत्। 


उत्तर. मित्राय स्वाध्ययनस्य वर्णयन् पत्रम् 

(मित्र को अपने अध्ययन के विषय में पत्र)


२८३, धौलीप्याऊ क्षेत्रम्

भोपाल, मध्य प्रदेश: 

दिनाङ्क २४-१०-२०....


प्रिय संजय !

सादरं नमः ।


अधुना अस्माकं शिक्षणं नियमेन आरब्धम् । अहं प्रतिदिनं प्रातः पञ्चवादनसमये उत्थाय सप्तवादनसमयपर्यन्तं स्वाध्यायं करोमि । संस्कृतविषये अहं कक्षायां प्रथमः अस्मि । अन्येषु विषयेषु अपि मम स्थितः उत्तमा अस्ति ।


भावत्कः

आदिशर्मा


प्र. 23. अधोलिखितेषु एकं विषयं स्वीकृत्य शतशब्देषु संस्कृतमापाया निबंध लिखत-                            4


(1) उत्सवः


(2) दीपावलिः


(3) पर्यावरणम्


(4) विद्यार्थी जीवनम्


उत्तर- दीपावलिः (उत्सवः)


भारतवर्षे अनेके उत्सवाः भवन्ति । तेषु उत्सवेषु दीपावलिः एकः मुख्यः धार्मिकः उत्सवः अस्ति दीपावलिः कार्तिकमासे कृष्णपक्षे अमावस्यायां भवति मनुष्याः गृहाणि सुधया अङ्गनं च गोमयेन लिम्पन्ति । जनाः रात्रौ तैलैः वर्तिकाभि: च पूर्णान् दीपान् प्रज्वालयन्ति । ते धनदेव्याः लक्ष्म्याः पूजनं कुर्वन्ति । दीपैः नगरं प्रकाशितं भवति बालाः बहुप्रकारकैः स्फोटकै: मनोविनोदयन्ति । दीपावलीसमये वणिजोऽपि स्वान् आपणान् बहुविधं सज्जयन्ति विद्युद्दीपकानां प्रकाशः आपणेषु नितरां शोभते । नानाविधानि वस्तूनि क्रयविक्रयार्थं प्रसारितानि भवन्ति अयं कालः नात्युष्णो नाप्यातिशीतो भवति तेन मोदन्तेऽस्मिन् महोत्सवे नराः नार्यश्च ।


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