इंटरनेट पर निबंध | Internet Per Nibandh Hindi Mein
आज दुनिया आपकी मुट्ठी में ही है। बस क्लिक कीजिए और सब कुछ आपकी आंखों के सामने हाजिर। विज्ञान का एक अद्भुत अविष्कार है - कंप्यूटर और उसमें भी इंटरनेट सुविधा तो सोने पर सुहागा है। यह एक ऐसी व्यवस्था है, जो दुनिया के सभी लोगों को जोड़ने का काम करती है।
प्रमुख विचार - बिंदु — भूमिका, इतिहास और विकास, इंटरनेट संपर्क, इंटरनेट सेवाएं, भारत में इंटरनेट, भविष्य की दिशाएं और उपसंहार
भूमिका (Introduction) -
इंटरनेट ने विश्व में जैसा क्रांतिकारी परिवर्तन किया, वैसा किसी भी दूसरी टेक्नोलॉजी ने नहीं किया। नेट के नाम से लोकप्रिय इंटरनेट अपने उपभोक्ताओं के लिए बहुआयामी शासन प्रणाली है। यह दूर बैठे उपभोक्ताओं के मध्य अंतर - संवाद का माध्यम है; सूचना या जानकारी में भागीदारी और सामूहिक रूप से काम करने का तरीका है; सूचना को विश्व स्तर पर प्रकाशित करने का जरिया है और सूचनाओं का अपार सागर है। इसके माध्यम से इधर-उधर पहली तमाम सूचनाएं प्रसंस्करण के बाद ज्ञान में परिवर्तन हो रही हैं। इसने विश्व नागरिकों के बहुत ही सुघड़ और घनिष्ठ समुदाय का विकास किया है।
इंटरनेट विभिन्न टेक्नालॉजी के संयुक्त रूप से कार्य का उपयुक्त उदाहरण है। कंप्यूटरों के बड़े पैमाने पर उत्पादन, कंप्यूटर संपर्क - जाल का विकास, दूरसंचार सेवाओं की बढ़ती उपलब्धता और घटता खर्च तथा आंकड़ों के भंडारण और संप्रेषण में आयी नवीनता ने नेट के कल्पनातीत विकास और उपयोगिता को बहुमुखी प्रगति प्रदान की है। आज किसी समाज के लिए इंटरनेट वैसे ही ढांचागत आवश्यकता है जैसे की सड़के, टेलीफोन या विद्युत ऊर्जा।
इतिहास और विकास (History And Development) -
इंटरनेट का इतिहास पेचीदा है। इसका पहला दृष्टांत सन 1962 में मैसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी संस्थान के जे०सी०आर० लिकप्लाइडर द्वारा लिखे गए कई ज्ञापनों के रूप में सामने आया था। उन्होंने कंप्यूटर की ऐसी विश्वव्यापी अन्तर्सम्बधित संख्या की कल्पना की थी जिसके जरिए वर्तमान इंटरनेट की तरह ही आंकड़ों और कार्यक्रमों को तत्काल प्राप्त किया जा सकता था। इस प्रकार के नेटवर्क में सहायक बनी तकनीकी सफलता पहली बार इसी संस्थान के लियोनार्ड क्लिनरोक सुझायी थी।
इंटरनेट के इतिहास में 1973 का वर्ष ऐसा था जिसमें अनेक मील के पत्थर जोड़ें और इस प्रकार अधिक विश्वसनीय और स्वतंत्र नेटवर्क की शुरुआत हुई। इसी वर्ष में इंटरनेट एक्टिविटीज बोर्ड की स्थापना की गई। इस वर्ष के नवंबर महीने में डोमेन नेमिंग सर्विस (डीएनएस) का पहला विवरण जारी किया गया और वर्ष की आखिरी महत्वपूर्ण घटना इंटरनेट का सेना और आम लोगों के लिए उपयोग के वर्गीकरण द्वारा सार्वजनिक नेटवर्क के उदय के रूप में सामने आया तथा इसी के साथ आज प्रचलित इंटरनेट ने जन्म लिया।
इंटरनेट के बाद का इतिहास मुख्यत: बहुविध उपयोगिता का है, जो नेटवर्क की आधारभूत संरचना से ही संभव हो सका। बहुविध उपयोग की दिशा में पहला कदम फाइल ट्रांसफर प्रणाली का विकास था। इससे दूरदराज के कंप्यूटरों के बीच फाइलों का आदान प्रदान संभव हो सका। 1984 में इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों की संख्या 1000 थी सन 1989 में एक लाख के ऊपर पहुंच चुकी थी। सन 1990 में ही टिम बर्नल - ली ने वर्ल्ड वाइड वेब (www) का अविष्कार करके सूचना प्रस्तुति का एक नया तरीका सामने रखा, जो सफलता से इस्तेमाल योग्य सिद्ध हुआ।
सन 1993 में ग्राफिकल वेब ब्राउज़र का आविष्कार इंटरनेट के क्षेत्र में एक बड़ी घटना थी। इससे ना केवल विवरण वरन् चित्रों का भी दिग्दर्शन संभव हो गया। इस वेब ब्राउज़र को मोजाइक कहा गया। इस समय तक इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई थी और आज प्रचलित इंटरनेट आकार ले चुका था।
इंटरनेट संपर्क (Internet Connection) -
इंटरनेट का आधार राष्ट्रीय या क्षेत्रीय सूचना इंफ्रास्ट्रक्चर होता है जो सामान्यतः हाइबैंड विड्स ट्रंक स्ट्रेट लाइन से बना होता है और जहां से विभिन्न संपर्क लाइनें कंप्यूटरों को जोड़ते है जिन्हें आश्रयदाता कंप्यूटर कहते हैं। यह आश्रयदाता कंप्यूटर प प्राय: बड़े संस्थानों जैसे - विश्वविद्यालयों, बड़े उद्यमों और इंटरनेट कंपनियों से जुड़े होते हैं और इन्हें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कहा जाता है। आश्रयदाता कंप्यूटर चौबीसों घंटे काम करते हैं और अपने उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करते हैं। यह कंप्यूटर विशेषण चार लाइनों के जरिए इंटरनेट से जुड़े होते हैं। इनके उपभोक्ताओं/व्यक्तियों के पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) साधारण टेलीफोन लाइन और मॉडेम के जरिए इंटरनेट से जुड़े हो रहते हैं।
एक सामान्य उपभोक्ता एक निश्चित राशि का भुगतान करके आईएसपी से अपना इंटरनेट खाता प्राप्त कर लेता है। आईएसपी लॉगिन नेम, पासवर्ड (जिसे उपभोक्ता बदल भी सकता है) और नेट से जुड़ने के लिए कुछ एक जानकारियां उपलब्ध करा देता है। एक बार इंटरनेट से जुड़ जाने पर उपभोक्ता इंटरनेट की तमाम सेवाओं तक अपनी पहुंच बना सकता है। इसके लिए उसे सही कार्यक्रम का चयन करना होता है। ज्यादातर इंटरनेट सेवाएं उपभोक्ता सर्वर रूपाकार पर काम करते हैं। इनमें सर्वर वे कंप्यूटर हैं जो नेट से जुड़े हुए व्यक्तिगत कंप्यूटर उपभोक्ताओं को एक या अधिक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इस सेवा के वास्तविक प्रयोग के लिए उपभोक्ता को उस विशेष सेवा के लिए आश्रित (क्लाइंट) सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
इंटरनेट सेवाएं (Internet Eervices) —
इंटरनेट की उपयोगिता उपभोक्ता को उपलब्ध सेवाओं से निर्धारित होती है। इसके उपभोक्ता को निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध है -
ई - मेल (E-mail) – ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल इंटरनेट का सबसे लोकप्रिय उपयोग है। संवाद के अन्य माध्यमों की तुलना में संस्था तेज और अधिक सुविधाजनक होने के कारण इसने दुनिया भर के घरों और कार्यालयों में अपनी जगह बना ली है। इसके द्वारा पहले भाषायी पाठ ही प्रेषित किया जा सकता था लेकिन अब संदेश, चित्र, अनुकृति, ध्वनि, आंकड़े आदि भी प्रेषित किए जा सकते हैं।
इंटरनेट चर्चा (चैट) (Internet Buzz) – नई पीढ़ी में इंटरनेट रिले चैट या चर्चा व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। यह ऐसी गतिविधि है, जिसमें भौगोलिक रूप से दूर स्थित व्यक्ति एक ही चैट सर्वर पर लॉग करके की-बोर्ड के जरिए एक-दूसरे से चर्चा कर सकते हैं। इसके लिए एक वांछित व्यक्ति की आवश्यकता होती है। जो निश्चित समय पर उस लाइन पर सुविधा पूर्वक उपलब्ध हो।
वर्ल्ड वाइड वेब (www) – यह सुविधा इंटरनेट के सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रचलित उपयोगों में से एक है। यह इतनी आसान है कि इसके प्रयोग में बच्चों को भी कठिनाई नहीं होती। यह मनचाही संख्या वाले अन्तर्सम्बंधित डॉक्यूमेंट का समूह है, जिसमें से प्रत्येक डॉक्यूमेंट की पहचान उसके विशेष पते से की जा सकती है। इस पर उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक सर्चिंग है। इंटरनेट में शताधिक एक सर्च इंजन कार्यरत है जिसमें गूगल सर्वाधिक लोकप्रिय है।
ई - कॉमर्स (E-Commerce) – इंटरनेट की प्रगति की ही एक परिणति ई-कॉमर्स है। किसी भी प्रकार के व्यवसाय को संचालित करने के लिए इंटरनेट पर की जाने वाली कार्यवाही को ई-कॉमर्स कहते हैं। इसके अंतर्गत वस्तुओं का क्रय-विक्रय, विभिन्न व्यक्तियों या कंपनियों के मध्य सेवा या सूचना आते हैं।
टेलनेट (TelNet) – टेलनेट एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके माध्यम से उपभोक्ता को किसी दूर स्थित कंप्यूटर से स्वयं को जोड़ने की सुविधा प्राप्त हो जाती है।
इन मुख्य सेवाओं के अतिरिक्त इंटरनेट द्वारा और भी अनेक सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिनके असीमित उपयोग हैं।
भारत में इंटरनेट (Internet In India) -
भारत में इंटरनेट का आरंभ आठवें दशक के अंतिम वर्षों मे अर्नेट (शिक्षा और अनुसंधान नेटवर्क ) के रूप में हुआ था। इसके लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी थी। इस परियोजना में पांच प्रमुख संस्थान, पांचों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और इलेक्ट्रॉनिक निदेशालय सम्मिलित थे। अर्नेट का आज व्यापक प्रसार हो चुका है और वे शिक्षा और शोध समुदाय को देशव्यापी सेवा दे रहा है। एक अन्य प्रमुख नेटवर्क नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के रूप में सामने आया, जिसने प्रायः सभी जनपद मुख्यालयों को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ दिया। आज देश के विभिन्न भागों में यह 1400 से भी अधिक स्थलों को अपने नेटवर्क के जरिए जुड़े हुए हैं।
आम आदमी के लिए भारत में इंटरनेट का आगमन 15 अगस्त 1995 को हो गया था, जब विदेश संचार निगम लिमिटेड ने देश में अपनी सेवाओं का आरंभ किया। प्रारंभ के कुछ वर्षों तक इंटरनेट की पहुंच काफी धीमी रही, लेकिन हाल के वर्षों में इसके उपभोक्ताओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। सन 1999 में टेलीकॉम क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खोल दिए जाने के परिणाम स्वरुप अनेक नए सेवा प्रदाता बेहद प्रतिस्पर्धी विकल्पों के साथ सामने आए। भारत में इंटरनेट का उपयोग करने वाले विश्व की तुलना में चौथे स्थान पर है। सरकारी एजेंसियां इस बात के लिए प्रयासरत हैं की आईटी का लाभ सामान्य जन तक पहुंचाया जा सके। भारतीय रेल द्वारा कंप्यूटरीकृत आरक्षण, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शहरों के मध्य सूचना प्रणाली की स्थापना तथा केरल सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा फास्ट रिलाएबिल इंटेंट एफिशिएंट नेटवर्क फॉर डिस्टर्बमेंट ऑफ सर्विसेज (फ्रेंड्स) जैसे पेशकशों ने इस दिशा में देश के आम नागरिकों की अपेक्षाओं को बहुत बड़ा लिया है।
भविष्य की दिशाएं (Future Directions) -
भविष्य के प्रति इंटरनेट बहुत ही आश्वस्तकारी दिखाई दे रहा है और आज के आधार पर कहीं अधिक प्रगतिशाली सेवाएं प्रदान करने वाला होगा। भविष्य के नेटवर्क जिन उपकरणों और साधनों को जोड़ेंगे, वे मात्र कंप्यूटर नहीं होंगे, वरन् माइक्रोचिप से संचालित होने के कारण तकनीकी अर्थों में कंप्यूटर जैसे होंगे। आने वाले समय में केवल कार्यालय ही नहीं निवास, स्कूल, अस्पताल और हवाई अड्डे एक दूसरे से जुड़े हुए होंगे। इंटरनेट व्यक्तियों और समुदायों को परस्पर घनिष्ठ रूप से काम करने के लिए सक्षम बना देगा और भौगोलिक दूरी के कारण आने वाली बाधाओं को समाप्त कर देगा। कंप्यूटर रचित समुदायों का उदय हो जाएगा और तब दमनकारी शासकों के लिए विश्व में अपनी लोकप्रियता को सुरक्षित रख पाना संभव नहीं रह पाएगा। भविष्य में टेक्नोलॉजी का उपयोग संस्कृति, भाषा और विरासत की विविधता की रक्षा के लिए किया जाएगा और भविष्य की राजनीतिक व्यवस्था भी इस सब से अछूती नहीं रहेगी।
ज्ञान के क्षेत्र में (In The Field Of Knowledge) -
इंटरनेट सुविधा ने ज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत क्रांति ला दी है। समुद्र के भीतर उत्तरीय आसमान की सैर कीजिए। अतीत को जानिए या भविष्य में झांकिए, दुनिया के किसी भी कोने से संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए वह यहां उपलब्ध है। ज्ञान, विज्ञान, खेल, शिक्षा संगीत, फिल्म, देश-विदेश के समाचार, मौसम, कला हर क्षेत्र की जानकारी यहां मौजूद है। चाहे तो संगीत सोनिया खेल खेलिए; ज्योतिष संबंधी जानकारी प्राप्त कीजिए, विवाह करवाना है या नौकरी चाहिए, खरीदारी कीजिए या सामान बेचिए, होटल की बुकिंग करवाइए, रेल का टिकट लीजिए या बिल चुकाइए, इंटरनेट पर आपके लिए सभी सुविधाएं हैं। अपने ज्ञान का विस्तार कीजिए या अपनी जानकारी दूसरों तक पहुंचाइए। ई क्लब के सदस्य बनिए और अपनी मंडली के साथ अपनी कलाएं, अपना ज्ञान बांटिए। दूर बैठे लोगों से संपर्क स्थापित कीजिए, उनसे बातचीत कीजिए, उनकी फोटो देखिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कीजिए। देश विदेश में कहीं भी दाखिला लेना चाहते हैं तो यहीं से फार्म भेजिए, इलाज करवाना है तो घर बैठे अस्पतालों की जानकारी प्राप्त कीजिए और अब तो दूर बैठे बैठे रोग का इलाज पाइए, डॉक्टर को ऑपरेशन थिएटर तक जाने की जरूरत नहीं।
मनोरंजन और ज्ञान विस्तार पर इससे अच्छा साधन और क्या हो सकता है, पर इसका दुरुपयोग भी किया जाता है। गुप्त जानकारियों को हासिल करना, अफवाहें फैलाना, धमकियां देना, अश्लीलता का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव, पुस्तकों से दूरी आदि इसके दुष्परिणाम ही तो है। हमें विज्ञान के इस आधुनिक देन का आदर करते हुए इसके दुरुपयोग के दुष्परिणामों से बचने की चेष्टा करनी चाहिए।
आज इंटरनेट घर घर की जरूरत बन गया है। इसका प्रयोग करने वाले अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं, जिससे धीरे-धीरे वह समाज से अलग थलग रहने वाली एक विभिन्न प्रकार के फोबिया के शिकार हो जाते हैं। यदि इसका प्रयोग नियंत्रित हो और समझदारी से किया जाए तो इसके लाभ हमें निश्चय ही समृद्धि करेंगे।
उपसंहार (Conclusion) -
टेक्नोलॉजियों के लोकप्रिय होते ही सामान्य शिक्षित नागरिकों के लिए भी यह पूरी तरह आसान हो जाएगा कि वह कानून निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर सकें। इसके फलस्वरूप कहीं अधिक सामर्थ लोकतंत्र संभव हो सकेगा जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों के उत्तरदायित्व कुछ अलग प्रकार के होंगे। भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती इंटरनेट टेक्नोलॉजी के दोहन की है। जिससे समाज के हर वर्ग तक उसके फायदों की पहुंच संभव बनाई जा सके। किसी भी टेक्नोलॉजी का उपयोग हमेशा समूचे समाज के लिए होना चाहिए ना कि उसको समाज के कुछ वर्गों को वंचित करने के लिए एक औजार के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एक बार यह उपलब्धि हासिल की जा सके तो वास्तव में संभावनाओं की कोई सीमा ही नहीं है। संक्षेप में, क्रांति तो अभी आरंभ ही हुई है।
आज इंटरनेट ने दुनिया को ही बदल के रख दिया है मतलब कि घंटों का काम इंटरनेट के द्वारा मिनटों में हो जाता है। दुनिया को इतना आगे ले जाने में इंटरनेट का बहुत ही बड़ा और अहम भूमिका है, इंटरनेट के कुछ फायदे हैं और इसके कुछ नुकसान भी है आज के युग में इंटरनेट के नाम से बच्चे बच्चे तक वाकिफ हैं। आज के बच्चों को इंटरनेट का उपयोग करना बहुत ही अच्छा लगता है लेकिन इसकी अच्छाई तब तक ही है जब तक एक हद में रहकर इंटरनेट चलाया जाए। इस पोस्ट में मैंने इंटरनेट पर निबंध लिखा है जो कि बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है।
इंटरनेट पर 10 लाइन निबंध (10 lines Essay on Internet) -
1. इंटरनेट ने हमारे जीवन के मायने पूरी तरह से बदल दिए हैं।
2. इंटरनेट ने कई नुकसान को भी जन्म दिया है। जैसे हर चीज के साथ होता है। इंटरनेट का अधिक उपयोग हानिकारक भी हो सकता है।
3. इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल या आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल से हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता हैं। जैसे - आंखों का कमजोर होना, मानसिक असंतुलन, मोटापा तथा तनाव आदि ऐसी अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
4. इंटरनेट की आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में विद्युतीय ऊर्जा बर्बाद होती है।
5. छोटे बच्चों व अन्य पर भी इंटरनेट का बहुत बुरा असर पड़ता है।
6. इसका एक बड़ा नुकसान यह है कि इसके इस्तेमाल से कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि होती है।
7. इंटरनेट के माध्यम से हमारे कंप्यूटर में कुछ वायरस आ जाते हैं जो कि हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं।
8. घंटों तक मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट का उपयोग करने में माइग्रेन हो सकता है।
9. इंटरनेट की आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल से समय व पैसे की बर्बादी।
10. इंटरनेट के ज्यादा उपयोग का किसी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
People Also Asked
1. इंटरनेट का पूरा नाम क्या है?
उत्तर - इंटरनेट का पुराना नाम : ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) जिसे 1969 में यूएस डिफेंस द्वारा तैयार किया गया था। इससे जो नेटवर्क विकसित हुआ उसे हम इंटरनेट के नाम से जानते हैं।
2. इंटरनेट कहां से आता है?
उत्तर - इंटरनेट ARPANET के रूप में शुरू हुआ, एक शैक्षणिक अनुसंधान नेटवर्क जिसे सेना के उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी (ARPA, अब DARPA) द्वारा वित्त पोषित किया गया था। इस परियोजना का नेतृत्व एआरपीए प्रशासन बॉब टेलर ने किया था और नेटवर्क बोल्ट, बेरानेक और न्यूमैन की परामर्श फॉर्म द्वारा बनाया गया था। इसने 1969 में परिचालन शुरू किया।
3. इंटरनेट क्या है निबंध?
उत्तर - इंटरनेट एक ऐसा आधुनिक उपकरण है जो पूरी दुनिया के कंप्यूटर को एक नेटवर्क से जुड़ा हुआ है इंटरनेट का विश्व स्तर पर जुड़ा हुआ नेटवर्क सिस्टम है जो TCP/IP प्रोटोकॉल के उपयोग से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच विभिन्न प्रकार के मीडिया के माध्यम से सूचनाएं या जानकारी के आदान-प्रदान के लिए उपयोग किया जाता है।
4. हमारे जीवन में इंटरनेट की क्या उपयोगिता है?
उत्तर - इंटरनेट ईमेल और चैट की सुविधा देता है। जो कर्मचारियों के बीच संसार को आसान बनाता है। ग्राहकों तक पहुंचना इंटरनेट की मदद से और भी आसान हो गया है। इंटरनेट हमें विभिन्न प्रसारण प्लेटफार्म के माध्यम से विचार साझा करने में सक्षम बनाता है। इससे एक ही समय में बड़ी संख्या में लोगों के साथ अपने विचार साझा करना आसान हो गया है।
5. इंटरनेट का क्या अर्थ होता है?
उत्तर - इंटरनेट का अगर हम हिंदी में अर्थ है जाने तो कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि के माध्यम से परस्पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को विश्वव्यापी तंत्र।
इंटरनेट की हानि क्या है?
उत्तर - बहुत सारी गलत जानकारियों का आदान-प्रदान इंटरनेट पर उपलब्ध है। जो लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। विद्यार्थी ऑनलाइन गेम व अन्य मनोरंजक गतिविधियों में ज्यादा समय नष्ट करते हैं। इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के अश्लील डाटा बच्चों व विद्यार्थियों के शारीरिक व मानसिक विकास को नष्ट कर रहे हैं।
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