सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय ||Biography of Sarojini Naidu in Hindi
हिंदुस्तान की बुलंद आवाज थी वो,
भारत कोकिला … देश के सर का ताज थी वो।
प्रस्तावना
भारत की बुलबुल कही जाने वाली श्रीमती सरोजिनी नायडू एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक कुशल राजनेता और अद्भुत लेखिका थीं। वे विलक्षण प्रतिभाओं की धनी थी। वह देश की प्रथम महिला राज्यपाल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष भी थी। वह गांधी जी की विचारधाराओं से अत्यंत प्रभावित थी और उन्होंने उनके साथ अनेक आंदोलनों में भाग लिया जिस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
जन्म एवं शिक्षा
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय वैज्ञानिक और डॉक्टर थे। इसके साथ ही वे इंडियन नेशनल कांग्रेस हैदराबाद के सदस्य भी बने। बाद में नौकरी छोड़कर और आजादी के संग्राम में कूद पड़े। सरोजिनी नायडू की मां वरद सुंदरी देवी भी एक लेखिका थीं और बंगाली में कविता लिखा करती थीं। सरोजिनी नायडू को उर्दू, तेलुगु, अंग्रेजी, बंगाली, भाषाएं अच्छे से आती थीं। पढ़ाई में होशियार होने के कारण महज 12 वर्ष की उम्र में सरोजिनी जी ने मद्रास यूनिवर्सिटी में मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था। फिर 4 साल पढ़ाई से दूर रहने के बाद हैदराबाद के निजाम द्वारा प्रदान शिक्षावृत्ति द्वारा इंग्लैंड में पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हुआ। सरोजिनी नायडू को पहले लंदन के किंग्स कॉलेज और बाद में कैंब्रिज के गिरटन कॉलेज में अध्ययन करने का मौका मिला।
सरोजिनी नायडू का विवाह
कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सरोजिनी जी की पहचान डॉ. गोविंद राजुलु नायडू से हो गई थी। महज 19 साल की उम्र में पढ़ाई समाप्त होने के बाद सरोजिनी नायडू ने अपनी पसंद से 1897 में इंटर कास्ट मैरिज कर ली थी।
राजनीतिक क्षेत्र में उनका योगदान
साल 1916 में सरोजिनी नायडू महात्मा गांधी से मिली। उनसे मिलने के बाद से ही सरोजिनी नायडू की सोच में क्रांतिकारी बदलाव आया। सरोजिनी ने गांव और शहर की औरतों में देशभक्ति जगाकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। साल 1925 में सरोजिनी नायडू कानपुर से इंडियन नेशनल कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी। इन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो जैसे क्रांतिकारी आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई। साल 1842 में गांधीजी के भारत छोड़ो आंदोलन में सरोजिनी में गांधीजी के साथ 21 महीनों के लिए जेल गई थीं।
साहित्यिक क्षेत्र में उनका योगदान
सरोजिनी नायडू एक महान कवियित्री थीं। सरोजिनी जी ने साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सरोजिनी जी का बचपन से ही कविता लिखने का शौक था। इसके साथ ही वह एक कुशल गायिका भी थी।
सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
1 दिन सरोजिनी जी गोपाल कृष्ण गोखले से मिली, उन्होंने सरोजिनी जी को बोला, कि वे अपनी कविताओं में क्रांतिकारीपन लाएं और सुंदर शब्दों से स्वतंत्रता की लड़ाई में साथ देने के लिए छोटे-छोटे गांव के लोगों को प्रोत्साहित करें। 1916 में वे महात्मा गांधी से मिली, जिसके बाद से उनकी सोच पूरी तरह से बदल गई, उन्होंने अपनी पूरी ताकत देश को आजाद कराने में लगा दी। इसके बाद वे पूरे देश में घूमी, मानो किसी सेना का सेनापति निरक्षण में गया हो, जहां जहां वे गई वहां उन्होंने लोगों को देश की आजादी के लिए ललक जगाई। देश की आजादी उनके दिल व आत्मा में भर चुकी थी। उन्होंने देश में औरतों को मुख्य रूप से जगाया, उस समय औरतें बहुत पीछे हुआ करती थी, लेकिन सरोजिनी जी ने उन औरतों को उनके अधिकार के बारे में बताया। उन्हें रसोईघर से बाहर निकाला और देश की आजादी की लड़ाई में आगे आने को प्रोत्साहित किया। वे देश के अलग-अलग प्रदेश, शहर, गांव में जाती और औरतों को समझाती थीं।
सरोजिनी नायडू राजनीतिक करियर
1925 में सरोजिनी जी कानपुर से इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष बनने के लिए खड़ी हुई और जीतकर पहली महिला अध्यक्ष बन गई। 1928 में सरोजिनी जी USA से आई और गांधीजी के अहिंसावादी बातों को माना और उसे लोगों तक पहुंचाया। 1930 में सरोजिनी जी ने गुजरात में गांधीजी के नमक सत्याग्रह में मुख्य भूमिका निभाई थी। 1930 में जब गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब सरोजिनी जी ने ही गांधीजी की जगह काम किया और कमान संभाली थी। 1942 में गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी मुख्य भूमिका थी, उन्हें गांधीजी के साथ 21 महीनों तक जेल में भी डाला गया।
सरोजिनी नायडू को मिले पुरस्कार एवं उपलब्धियां
1. सरोजिनी नायडू पहली महिला थी जो कि इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और किसी राज्य की राज्यपाल बनी थी।
2. सन 1928 में सरोजिनी नायडू जी को हिंद केसरी पदक से सम्मानित किया गया था।
3. सरोजिनी नायडू को मिले अवार्ड की सूची में द गोल्डन थ्रेसहोल्ड, द वर्ड ऑफ टाइम, द ब्रोकन विंग्स, द स्पेक्ट्रड फ्लूट: सांग्स ऑफ इंडिया आदि नाम शामिल हैं।
4. यहां तक कि सरोजनी जी ने मोहम्मद अली जिन्ना की जीवनी को हिंदू मुस्लिम एकता की राजदूत का शीर्षक भी दिया।
People Also Asked -
प्रश्न- सरोजिनी नायडू कौन थी?
उत्तर- सरोजिनी नायडू एक कवि एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं।
प्रश्न- सरोजिनी नायडू का क्या कोई उपनाम भी था?
उत्तर- सरोजिनी नायडू को उनकी कविताओं ने उन्हें भारत की कोकिला नाम दिया।
प्रश्न- सरोजनी नायडू जेल क्यों गई थीं?
उत्तर- सरोजिनी नायडू ने गांधीजी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और 'भारत छोड़ो' आंदोलन में वे जेल भी गई। 1925 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष बनी। वे उत्तर प्रदेश के गवर्नर बनने वाली पहली महिला थीं। वे भारत कोकिला के नाम से जानी गईं।
प्रश्न- सरोजिनी नायडू को भारत रत्न कब मिला?
उत्तर- वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्हें 1971 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न- सरोजिनी नायडू की मृत्यु कब हुई थी?
उत्तर- 2 मार्च 1949 को लखनऊ के गवर्नमेंट हाउस में सरोजिनी नायडू की हृदय गति रुक जाने के कारण मृत्यु हो गई। उस समय में वह उत्तर प्रदेश राज्य की राज्यपाल थीं।
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