26 जनवरी पर निबंध (26 January Per Nibandh) : गणतंत्र दिवस पर निबंध
गणतंत्र दिवस (Republic Day) -
26 जनवरी सन् 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और चूंकि यह दिन किसी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा है, इसलिए देश का हर बाशिंदा इसे राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है।
खासतौर से सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में इस दिन ध्वजारोहण, झंडा वंदन करने के पश्चात राष्ट्रगान जन गण मन का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
प्रस्तावना (Introduction) -
गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती) में से एक है, यही कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस के पर्व पर पूरे देश भर में परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारतीय गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास अवसर होता है, क्योंकि यह दिन हमें अपने देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान के महत्व समझाता है। अतः यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष दिन को हम उचित सम्मान दें और इसे साथ मिलकर मनाएं, ताकि हमारे देश की एकता और अखंडता जिसके लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, इसी प्रकार से बनी रहे।
गणतंत्र का अर्थ (Meaning Of Republic) -
सभी अधिकारों का रक्षक अपना यह गणतंत्र पर्व है,
लोकतंत्र ही मंत्र हमारा हम सबको इस पर ही गर्व है।।
गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र व प्रजातंत्र भी कहते हैं, जिसका अर्थ है प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन। जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ था, उसी दिन के महत्व को समझते हुए उसी दिन को गणतंत्र दिवस कहा गया। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था, इसीलिए इस तारीख को ही गणतंत्र दिवस कहा गया।
सन् 1946 से संविधान बनाना शुरू हो गया था और दिसंबर सन् 1949 में बनकर तैयार हो गया था। इस संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। तभी से हर साल 26 जनवरी, हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
गणतंत्र दिवस मनाने का कारण (Reason to Celebrate Republic Day) -
जब भारत के आजाद होने के बाद भी भारत पर किसी और देश का संविधान लागू था, और सभी उसी के आधार पर शासन चला रहे थे। लेकिन देश के कुछ महान लोगों को आभास हुआ कि देश की प्रगति के लिए अपना संविधान होना अति आवश्यक है। अतः कुछ महान विद्वानों की देख-रेख में भारत का अपना संविधान लिखा गया और 26 जनवरी, 1950 से इसे लागू किया गया। केवल संविधान को लागू करना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का एकमात्र कारण नहीं है।
हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है जिसे शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस दी लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन अर्थात् स्व-शासित राज्य (Dominion State) नहीं बनाया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णता स्वतंत्र मान लेगा।
लेकिन जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यही कारण है कि जब हमारा देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी का दिन ही संविधान स्थापना के लिए चुना गया। और फ़िर गणतंत्र दिवस के लिए भी इसी दिन का चुनाव हुआ।
26 जनवरी का इतिहास (History of 26 January) -
15 अगस्त 1947 को संपूर्ण देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। इस दिन को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है। परंतु अब तक भारत में देश का संविधान लागू नहीं था। कुछ अंग्रेजों के अधिनियम के आधार पर ही देश में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से जारी थी। कुछ समय बाद 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की गई। इस सभा में निर्णय लिया गया कि भारत का खुद का संविधान होना चाहिए। भारत के संविधान लिखने की जिम्मेदारी डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को दी गई। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिनों की अथक मेहनत के बाद भारत को अक्षुण संविधान बना कर दिया। 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को देशहित में लागू किया गया। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष में राष्ट्रीय उत्सव हर्षोल्लास से मनाता है।
भारत का संविधान लिखने में अहम भूमिका (Important Role in Writing the Constitution of India) -
9 दिसंबर 1947 की सभा में देश के लिए संविधान लिखने की बात पर अमल किया जा रहा था। संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गई। जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि सदस्य शामिल थे। भारत का संविधान निर्माण करने में जनता तथा प्रेस को भी शामिल किया गया। भारत का संविधान लिखने की जिम्मेदारी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सौंपी गई। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने अथक मेहनत से 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन के भीतर भारत को गौरवान्वित करने वाला संविधान लिख दिया। जिसे 26 जनवरी 1950 को देश हित में लागू कर दिया गया। भारत का संविधान लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रही। बाबासाहेब की मेहनत से भारत खुद के संविधान लिखने व लागू करने में सफल हुआ।
26 जनवरी कैसे मनाया जाता है (How is 26 January Celebrated) -
26 जनवरी भारत के इतिहास में स्वर्णिम स्थान रखता है। राजकीय कार्यों का अवकाश रखा जाता है। देश हित में राष्ट्रीय पर्व को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गत 2 वर्षों में महामारी के चलते 26 जनवरी कार्यक्रम को सीमित उपस्थिति में संपन्न किया गया। गत 2 वर्षों में विदेशी मेहमानों को सीमित मात्रा में न्योता दिया गया।संपूर्ण देश इस कार्यक्रम को लाल किले से न्यूज़ चैनल के माध्यम से लाइव देखता रहा। 26 जनवरी 2022 को लाल किले पर होने वाले झंडारोहण को राष्ट्रपति द्वारा संपन्न किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा देश हित में संबोधन दिया जाता है। इसी के साथ भारत के सम्मानीय प्रधानमंत्री द्वारा भी जनता को संबोधित किया जाता है। इसी के साथ भारत की तीनों सेनाओं (जल-थल-नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेती है, तथा ध्वजारोहण कर रहे राष्ट्रपति को सलामी देती है। भारत की तीनों सेनाओं द्वारा शौर्य का परिचम लहराया जाता है। 26 जनवरी 2022 के दिन सभी प्राइवेट/निजी संस्थाएं एवं राजकीय दफ्तरों में झंडारोहण किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। राष्ट्रगान का उद्घोष किया जाता है।
26 जनवरी की परेड (26 January Parade) -
गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। इस कार्यक्रम में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं गणतंत्र दिवस के इस खास मौके पर हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर होने वाली इस परेड और कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं। 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाओं विजय चौक से परेड शुरू कर राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज सलामी देते हुए राजपथ से होकर निकलती है। यह परेड आर्मी बैंड की मधुर धुनों पर कदमताल करते हुए लोगों को सम्मोहित कर देते हैं। इसके बाद अनेक राज्यों की एवं सरकारी विभागों की झांकियां निकाली जाती हैं।
आज पूरा देश अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस देश का राष्ट्रीय पर्व है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इस खास मौके पर देशभर में विभिन्न जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
साल 1950 में 26 जनवरी को ही भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ था। लिहाजा, इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हम मनाते हैं। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इस दिन कई जगहों पर कविता पाठ भी होता है। आइए इस मौके पर हम आपको गणतंत्र दिवस पर रचित कविताओं को पढ़ते हैं।
पूर्ण स्वराज की घोषणा (Declaration of Purn Swarajya) -
भारत में लाहौर अधिवेशन में इस प्रस्ताव की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियम का दर्जा नहीं दिया गया, तो भारत को पूर्ण रुप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर जब ब्रिटिश सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तब भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया यह अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसंबर 1929 में हुआ था।
गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम (Program on Republic Day) -
गणतंत्र दिवस को पूरे भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा समारोह में ध्वजारोहण किया जाता है, और तोपों की सलामी के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह में मौजूद सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है। Republic day के दिन अलग-अलग रेजीमेंट, भारतीय तीनों सेनाएं (जल, थल, नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रपति को सलामी देते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion) -
गणतंत्र दिवस हमारे देश के 3 राष्ट्रीय पर्व में से एक है, यह वह दिन है जो हमें हमारा गणतंत्र के महत्व का एहसास कराता है। यही कारण है कि इसे पूरे देश भर में इतने जोश तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही यह वह दिन भी है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जो कि किसी को आतंकित करने के लिए नहीं अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम है। 26 जनवरी के यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।
गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन (10 lines Essay on Republic Day) -
1. भारतीय गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है।
2. भारतीय गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।
3. भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था इसी खुशी को हर साल मनाया जाता है।
4. भारत का संविधान बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।
5. इस दिन भारत के सभी सरकारी और निजी क्षेत्र में पूर्ण अवकाश होता है।
6. 25 जनवरी के दिन स्कूलों में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
7. 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़े समारोह का आयोजन किया जाता है।
8. इस दिन भारत के जल सेना, थलसेना और वायुसेना की परेड राजपथ पर होती है।
9. गणतंत्र दिवस पर हर राज्य अपनी सांस्कृतिक झांकियां भी राजपथ पर निकालते हैं।
10. इस दिन राष्ट्रपति द्वारा हमारे राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण होता है।
वीर बलिदानियों के लिए कविताएं (Poems for Brave Sacrifices) -
'वीर शहीदों के बलिदान से',
वीर शहीदों के बलिदान से
हमें मिली आजादी थी,
अभिमान से… बड़ी ही शान से,
हमें मिली आजादी थी।
आजादी के लिए हमारी
लंबी चली लड़ाई थी
लाखों लोगों ने प्राणों से
कीमत बड़ी चुकाई थी!!
व्यापारी बनकर आए और
छल से हम पर राज किया
हमको आपस में लड़वाने की
नीति पर उसने काम किया!!
हमने अपना गौरव पाया
अपने स्वाभिमान से
हमें मिली आजादी
वीर शहीदों के बलिदान से!!
गांधी, तिलक, सुभाष,
जवाहर का प्यारा यह देश है
जियो और जीने दो का
सबको देता संदेश है!!
लगी गूंजने दसों दिशाएं
वीरों के यशगान से
हमें मिली आजादी वीर
शहीदों के बलिदान से!!
हमें हमारी मातृभूमि से
इतना मिला दुलार है
उसके आंचल की छाया से
छोटा यह संसार है!!
विश्व शांति की चली हवाएं
अपने हिंदुस्तान से
हमें मिली आजादी
वीर शहीदों के बलिदान से!!
'मोह निद्रा में सोने वालों, अब भी वक्त है जाग जाओ',
मोह निद्रा में सोने वालों, अब भी वक्त है जाग जाओ,
इससे पहले कि तुम्हारी यह नींद राष्ट्र को ले डूबे,
जाती पाती में बंटकर देश का बंटाधार करने वालों,
अपना हित चाहते हो, तो अब भी एक हो जाओ,
भाषा के नाम पर लड़ने वालों,
हिंदी को जग का सिरमौर बनाओ,
राष्ट्रहित में कुछ तो बलिदान करो तुम,
इससे पहले कि राष्ट्र फिर से गुलाम बन जाए,
आधुनिकता केवल पहनावे से नहीं होती है,
ये बात अब भी समझ जाओ तुम,
फिर कभी कहीं कोई भूखा ना सोए,
कोई ऐसी क्रांति ले आओ तुम,
भारत में हर कोई साक्षर हो,
देश को ऐसे पढ़ाओ तुम ||
'मत घबराओ, वीर जवानों'
मत घबराओ, वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा।
जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।
कोई वीर अभिमन्यु बनकर,
चक्रव्यू को तोड़ेगा
कोई वीर भगत सिंह बन कर अंग्रेजों के सिर फोड़ेगा।।
धीर धरो तुम वीर जवानों,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा
जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।
कल-कल करती गंगा यमुना,
जिसके गुण ये गाती है
भारत की इस पुण्य धरा में,
अपना गुंजार सुनती हैं।।
आज तिरंगे के रंगों को फीका नहीं होने देंगे
इस तिरंगे की शान के लिए,
अपना सर्वस्व लुटा देंगे।।
अब मत घबराओ वीर शहीदों,
मत घबराओ वीर जवानों
वह दिन भी आ जाएगा,
जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।
वीर अमर शहीदों की कुर्बानी को,
कोई भुला ना पाएगा
जब अत्याचार बढ़ेगा धरती पर,
एक महापुरुष आ जाएगा
मत घबराओ वीर जवानों
जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।
'भारत देश हमारा है'
भारत देश हमारा है यह
हमको जान से प्यारा है
दुनिया में सबसे न्यारा यह
सबकी आंखों का तारा है
मोती हैं इसके कण-कण में
बूंद बूंद में सागर है
प्रहरी बना हिमालय बैठा
धरा सोने की गागर है
भूमि ये अमर जवानों की है
वीरों के बलिदानों की
रत्नों के भंडार भरे हैं
गाथा स्वर्णिम खानों की
सत्य, अहिंसा, शांति बांटता
इसकी शान तिरंगा है
गोद खेलती नटखट नदियां
पावन यमुना-गंगा है
चंदन की माटी से महके
मातृभूमि को वंदन है
कोटि-कोटि भारत वालों का
सुंदर सा यह नंदन है।।
'देखो 26 जनवरी आई'
देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।।
अधिकार दिए हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।
हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन,
लाल किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषण।
नई उम्मीद और नये पैगाम से, करते हैं देश का अभिवादन,
अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,
2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।
सौगातों की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,
आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,
संविधान इसका संचालक है, हम सबका बो पालक है,
लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,
गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।।
'जब देश को खतरा हो गद्दारों से'
जब देश को खतरा हो गद्दारों से
तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है
जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का
तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है
जब हर ओर फैल गई हो निराशा देश में
तो क्रांति का बिगुल बजाना जरूरी है
जब नारी खुद को असहाय पाए
तो उसे लक्ष्मीबाई बनाना जरूरी है
जब नेताओं के हाथ में सुरक्षित ना रहे देश
तो फिर सुभाष का आना जरूरी है
जब सीधे तरीकों से देश ना बदले
तब विद्रोह जरूरी है।।
अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे
सालों तक ना हो बात पुरानी
आजाद हिंद का तिरंगा रहे हमेशा ऊंचा
खुशनसीब हैं हम जो यहां जन्म लिए
यहां की मिट्टी की खुशबू
यहां की हवाओं का अपनापन
हर दिल में राष्ट्रगान का सम्मान रहे
अगर झुकने लगे जो तिरंगा
तो हम बलिदान कर दे खुद को
सर कटा दे पर सर झुका सकते नहीं
हिंदुस्तान है सोने की चिड़िया
ईसाई, सिख, हिंदू हो या मुस्लिम हम जो भी हो
हम जहां भी रहे
सिर्फ हिंदुस्तानी रहें
अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे।।
1. गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर - गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।
2. हमारे देश में 26 जनवरी का क्या महत्व है?
उत्तर - एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
3. 2023 में भारत का कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा?
उत्तर - इस वर्ष 26 जनवरी 2023 को भारत का चौतरवा (74वां) गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
4. संविधान सभा बैठक के मुख्य सदस्य कौन-कौन थे?
उत्तर - डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि मुख्य सदस्य थे।
5. गणतंत्र दिवस निबंध क्या है?
उत्तर - भारत के हर हिस्से में लोग खुशी मनाते हैं और गणतंत्र दिवस मनाते हैं। यह दिन भारत की स्वतंत्रता और उसके संविधान का जश्न मनाता है। गणतंत्र दिवस पर स्कूलों और विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। पूरे देश में स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष का सम्मान करने वाले सांस्कृतिक समारोह आयोजित किए जाते हैं।
6. भारतीय संविधान किसके द्वारा लिखा गया है?
उत्तर - भारतीय संविधान 'संविधान प्रारूप समिति' द्वारा लिखा गया है।
7. भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा?
उत्तर - भारतीय संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा।
8. 26 जनवरी को भाषण कौन देता है?
उत्तर - गणतंत्र दिवस भाषण उन सामान्य चीजों में से एक है। जो हर स्कूल,कॉलेज या अन्य संस्थान में देखी जा सकती है भाषण या तो छात्रों शिक्षकों संकाय या मुख्य अतिथियों द्वारा दिए जाते हैं।
9. हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं निबंध?
उत्तर - अधिकारिक तौर पर संविधान 26 जनवरी सन 1950 को लागू हुआ था। इस दिन को चुनने की मुख्य वजह लाहौर कांग्रेस अधिवेशन है। इस दुनिया ने 26 जनवरी 1929 को पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके लिए ही 26 जनवरी के दिन भारतीय संविधान को लागू किया गया और तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।
10. हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं कक्षा 8?
उत्तर - 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू कर हिंदुस्तान को गणतंत्र की व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत आजाद तो 15 अगस्त 1947 को हुआ था लेकिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।
11. गणतंत्र दिवस पर सबसे अधिक सम्मान भारत के किस महापुरुष को दिया जाता है?
उत्तर - भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को।
12. भारतीय इतिहास में 26 जनवरी का क्या महत्व है?
उत्तर - गणतंत्र दिवस के इतिहास की बात करें तो 26
जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। संविधान सभा जिसका उद्देश्य भारत के संविधान का मसौदा तैयार करना था। उसने अपना पहला शस्त्र 9
दिसंबर, 1946 को आयोजित किया। अंतिम सत्र 24 नवंबर 1949 को समाप्त हुआ और फिर 1 साल बाद संविधान को अपनाया गया।
12. गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 के मुख्य अतिथि कौन हैं?
उत्तर - इस वर्ष भारत के गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति होंगे जिनका नाम है अब्देल फतह अल सिसी मित्र को हम एक और अन्य नाम से जानते हैं जिसे हम इजिप्ट बोलते हैं।
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