पंचलाइट कहानी का सारांश || Punchlite Kahani ka Saransh in Hindi Class 12

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पंचलाइट कहानी का सारांश || Punchlite Kahani ka Saransh in Hindi Class 12

पंचलाइट कहानी का सारांश || Punchlite Kahani ka Saransh in Hindi Class 12

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प्रश्न - 'पंचलाइट' कहानी का सारांश लिखिए।


उत्तर - 'पंचलाइट' फणीश्वरनाथ 'रेणु' की श्रेष्ठ आंचलिक कहानी है। कहानी में किसी अंचल विशेष का वर्णन किया गया है। प्रस्तुत कहानी का कथानक ग्रामीण जीवन पर केंद्रित है। कहानी का सारांश इस प्रकार है–


कहानी में सम्बद्ध गांव अनेक टोलों में विभाजित है। हर टोले में एक अलग पंचायत है। प्रत्येक टोले की अपनी जाजिम, दरी, गैस, लालटेन (पेट्रोमैक्स) की अलग-अलग व्यवस्था होती थी। महतो टोले वाले इस प्रकार मेले से एक नई 'पंचलाइट' (गैसबत्ती) खरीदकर लाए हैं। रात को कीर्तन, गीत आदि का आयोजन किया गया किंतु लालटेन जलाना पूरे टोले में किसी को भी नहीं आता था। फलस्वरूप अन्य टोलों के सदस्य उनकी हंसी उड़ाने लगे।


             बात अब महतो टोले वालों की प्रतिष्ठा की बन गई। किसी अन्य टोले वाले से वे अपनी पंचलाइट कैसे जलवाएं? ऐसा करने में वे अपने टोले की बड़ी बेइज्जती मानते हैं। टोले की गुलरी काकी की बेटी मुनरी यह जानती थी कि उसका प्रेमी गोधन पंचलाइट जलाना जानता है। गोधन को गली में सिनेमा का गाना गाने के कारण जाति से ही अलग कर दिया गया था। मुनरी ने अपनी सहेली कनेली के माध्यम से कूटभाषा में यह रहस्य बताया कि जाति से बहिष्कृत उसका पूर्व प्रेमी इस कला में माहिर है। इस रहस्य को कनेली ने पंचों को बताया। जाति से अलग किए गए को पहले जाति में लेना एक समस्या थी लेकिन पूरे टोले की प्रतिष्ठा का प्रश्न होने के कारण पंचलाइट जलाने के लिए गोधन को अविलंब बुलाया गया। वह आया और उसने पंचलाइट जलाकर मोहल्ले की नाक रख ली। इससे सभी लोग अति प्रसन्न हुए और उन्होंने गोधन के सातों खून माफ कर दिए। उसकी सभी गलतियां समाप्त कर दी तथा उसे सलीमा (सिनेमा) का गाना गाने की आज्ञा प्रदान की गई।


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पंचलाइट जली, कीर्तन हुआ तथा सभी ने गोधन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। गुलरी काकी ने भी गोधन को उस रात भोजन पर निमंत्रित किया। इससे गोधन एवं मुनरी की गुप्त प्रीति पर भी जैसे समाज की मुहर लग गई।

इस प्रकार यह कहानी अपनी आंचलिकता हेतु प्रसिद्ध है। जहां पंचलाइट भी अति महत्वपूर्ण है जो आंचलिकता की छाप से रोचक बन पड़ी है।


प्रश्न - 'पंचलाइट' कहानी के आधार पर गोधन का चरित्र चित्रण कीजिए।


उत्तर - 'पंचलाइट' फणीश्वरनाथ 'रेणु' की एक आंचलिक कहानी है। यह कहानी ग्रामीण जीवन पर आधारित है। इसमें ग्रामवासियों की मन: स्थिति की वास्तविक झलक देखने को मिलती। गोधन इस कहानी का एक मुख्य पात्र है, जिसे समाज के लोग बहिष्कृत कर देते हैं। गोधन के चरित्र की निम्न लिखित विशेषताएं हैं।


योग्य युवक – गोधन पंचलाइट कहानी का एक ऐसा पात्र है जो अशिक्षित होते हुए भी योग्य है। पेट्रोमैक्स जलाने के कार्य को उसकी बिरादरी का कोई भी व्यक्ति नहीं जानता, परंतु वह उसे जला देता है।


गुणवान गोधन – अशिक्षित होते हुए भी गुणवान है। उसके इसी गुण के कारण टोले का सरदार उसकी सभी गलतियों को माफ कर देता है तथा उसे फिर से अपने टोले में सम्मिलित कर लेता है।


विवेकी – गोधन अशिक्षित अवश्य है; किंतु वह विवेकी है। पेट्रोमैक्स जलाने के लिए जब स्प्रिट उपलब्ध नहीं थी तो उसने गरी के तेल से ही पेट्रोमैक्स को जला दिया था।


वर्ग-भेद से दूर – गोधन और मुनरी परस्पर स्नेह रखते हैं। गोधन जाति-पाति ईर्ष्या द्धेष आदि के चक्कर में नहीं पड़ता। वह मानवीय गुणों का समर्थक है। उसके लिए सभी व्यक्ति एक समान हैं।


निडर – गोधन में निडरता का गुण भी है। वह गाने गाकर तथा आंख मटकाकर मुनरी के प्रति अपने प्रेम को प्रकट कर देता है।


बोर्ड के अनुसार प्रश्न - 


प्रश्न - 'पंचलाइट' कहानी का उद्देश्य लिखिए।


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उत्तर - 'पंचलाइट' कहानी में श्री फणीश्वरनाथ रेणु बदलते ग्रामीण समाज की एक झांकी प्रस्तुत करना चाहते हैं। भारत का ग्रामीण समाज आज तक भी टोलों और कबीलों में बंटा है। किस प्रकार ग्रामीण समाज विकास में आगे नहीं बढ़ पा रहा तथा अति महत्वहीन रूढ़ियों और परंपराओं में उलझा हुआ है, इस तथ्य को उजागर करना भी रेणु जी का उद्देश्य है। लेखक का उद्देश्य गांव की अशिक्षा, अज्ञानता तथा रूढ़िवादिता को प्रकट करना है। ग्रामीणों की अपनी समस्याएं हैं। गांव में एकता नहीं, टोलों में बंट गए हैं, लोगों में परस्पर ईर्ष्या और द्वेष है, वर्णवाद, जाति-बिरादरीवाद और ऊंच-नीच की भावना ग्रामीणों के रक्त में रम गई है, अंधविश्वासों ने गहरी जड़ जमा ली है। ग्रामीण जीवन की इन सब समस्याओं को इस कहानी में उठाया गया है और शिक्षा का प्रचार कर तथा ग्राम सुधार की भावना को जगाकर इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए पाठकों को प्रेरित करना इस कहानी का मूल उद्देश्य है।


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प्रस्तुत कहानी में लेखक अपने उद्देश्य को मार्मिकता से पाठकों के हृदय पर अंकित कर देता है। इसमें ग्रामीण अंचलों में पहुंचना तथा ग्राम सुधार की भावनाओं को जगाना इस कहानी का मुख्य उद्देश्य है। इस उद्देश्य की पूर्ति में कहानीकार को पर्याप्त सफलता मिली है।


Frequently asked Questions –


प्रश्न - पंचलाइट कहानी का शीर्षक क्या है?

उत्तर - पंचलाइट कहानी का शीर्षक 'पंचलाइट'; एक सार्थक और कलात्मक शीर्षक है। यह शीर्षक संक्षिप्त और उत्सुकता पूर्ण है। शीर्षक को पढ़कर ही पाठक कहानी को पढ़ने के लिए उत्सुक हो जाता है। पंचलाइट कहानी का अर्थ है 'पेट्रोमैक्स' अर्थात् 'गैस की लालटेन'


प्रश्न - पंचलाइट कहानी क्या शिक्षा देती है स्पष्ट कीजिए?

उत्तर - पंचलाइट की रोशनी में गांव में उत्सव मनाया जाता है। प्रस्तुत कहानी में कहानीकार ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है की आवश्यकता किसी भी बुराई को अनदेखा कर देती है।


प्रश्न - पंचलाइट कहानी से आपको ग्रामीण समाज की क्या छवि मिलती है?

उत्तर - पंचलाइट भारत के बिहार राज्य में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के साथ ग्रामीण समाज की एक सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करता है।


प्रश्न - पंचलाइट कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर - इस कहानी के द्वारा रेणु जी ने अप्रत्यक्ष रूप से ग्राम सुधार की कोशिश की है। गोधन के द्वारा पेट्रोमैक्स जलाने पर उसकी सभी गलतियां माफ कर दी जाती हैं, जिससे स्पष्ट है कि आवश्यकता बड़े से बड़े रूढ़िगत संस्कार और परंपरा को व्यर्थ साबित कर देती है। कहानी का आरंभ, मध्य और अंत मनोरंजक व कौतूहलवर्धक है।


प्रश्न - पंचलाइट का क्या अर्थ है?

उत्तर - 'पंचलैट' यानी 'पंचलाइट' यानी 'पेट्रोमैक्स'। नहीं मालूम कि बाजार की जगर-मगर कौंध के बीच एलईडी बल्ब के प्रकाश में आंखें खोलने वाली पीढ़ी को 'पेट्रोमैक्स' शब्द का ठीक-ठाक अर्थ भी मालूम है या नहीं, इसलिए यदि कहानी की भाषा ही उधार लूं तो पंचलाइट यानी कल कब्जे वाली एक चीज जो रोशनी फैलाती है।


प्रश्न - पंचलाइट कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

उत्तर - पंचलाइट कहानी का मुख्य पात्र गोधन है।

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