UP Board Class 12th Physics Half yearly exam 2022-23 || यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं भौतिक विज्ञान अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2022

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UP Board Class 12th Physics Half yearly exam 2022-23 || यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं भौतिक विज्ञान अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2022

UP Board Class 12th Physics Half yearly exam 2022-23 || यूपी बोर्ड कक्षा 12वीं भौतिक विज्ञान अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2022

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                     अर्द्धवार्षिक परीक्षा


                           कक्षा-12


                 विषय – भौतिक विज्ञान


                                                 

समय: 3.00 घंटे                           पूर्णांक: 70


नोट: सभी प्रश्न करने अनिवार्य है।


                        खण्ड-अ


1. (क)वैद्युत क्षेत्र का मात्रक है


(अ) न्यूटन/ मीटर 


(ब) कूलॉम/न्यूटन


 (स) न्यूटन /कूलॉम 


(द) जूल/न्यूटन 


उत्तर –(स) न्यूटन /कूलॉम


(ख) 5 सेमी त्रिज्या वाले धातु के एक खोखले गोले के पृष्ठ पर वैधुत विभव 50 वोल्ट है गोले के केंद्र पर विभव क्या होगा।


(अ) 10 वोल्ट 


(ब) 50 वोल्ट 


(स) 250 वोल्ट 


(द) शुन्य 


उत्तर –(ब) 50 वोल्ट 


(ग) किसी वैद्युतरोधी माध्यम का परवैधुतंक k हो सकता है।


(अ) 0 


(ब) 0.7 


(स) –3 


(द) 6.0


उत्तर –(द) 6.0


(घ) जब एकवर्णी प्रकाश निर्वात से किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो प्रकाश का कौन-सा अभिलक्षण अपरिवर्तित रहता है


(अ)  तीव्रता


(ब) चाल 


(स) आवृति 


(द) तरंगदैर्ध्य


उत्तर –(स) आवृति


 (ड़) सम्पर्क में रखे उत्तल एवं अवतल लेंस की फोकस दूरियाँ क्रमशः 12 सेमी और 18 सेमी हैं। संयुक्त लेंस की फोकस दूरी होगी


 (अ) 50 सेमी


(घ) 45 सेमी


(स) 36 सेमी


(द) 18 सेमी


उत्तर –(स) 36 सेमी


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(च) प्रिज्म से गुजरने पर निम्नलिखित में से किस रंग के प्रकाश का विचलन अधिकतम होगा 


(अ) लाल रंग


(ब) बैंगनी रंग


(स) नीला रंग


(द) हरा रंग


 उत्तर–(ब) बैंगनी रंग


                           खण्ड-ब


2. (क) मानव नेत्र की समंजन क्षमता क्या होती है? समझाइए। 


उत्तर –अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समयोजित करके निकट तथा दूरस्थ वस्तुओं को रेटिना पर फोकसित कर लेता है, नेत्र की समंजन क्षमता कहलाती है।


(ख) हाइगेन्स के तरंग सम्बन्धी सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।


उत्तर –इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश तरंगों के रूप में गमन करता है प्रकाश स्रोत से निकलकर ये तरंगे चारों (सभी) दिशाओं में निर्वात में प्रकाश की चाल से चलती है। चूंकि प्रकाश तरंगों का संचरण होने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।


(ग) क्रान्तिक कोण की परिभाषा लिखिए। 


उत्तर –क्रांतिक कोण-जब कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो आपतन कोण के उस मान को जिसके संगत अपवर्तन कोण का मान `90ᵒ` होता है, क्रांतिक कोण कहते हैं।


(घ) किसी सेल के आन्तरिक प्रतिरोध से आप क्या समझते हैं?


उत्तर –किसी व्यावहारिक शक्ति स्रोत को एक आदर्श वोल्तता स्रोत के श्रेणीक्रम में एक प्रतिबाधा के रूप में मॉडल किया जा सकता है। श्रेणीक्रम में जुड़े हुए इस प्रतिबाधा को ही स्रोत का आंतरिक प्रतिरोध (internal resistance) कहते हैं।


(इ) विशिष्ट चालकता के लिए सूत्र एवं मात्रक लिखिए। 


उत्तर –विशिष्ट प्रतिरोध के व्युत्क्रम को 'विशिष्ट चालकता' कहते हैं तथा इसे σ (सिग्मा) से प्रदर्शित करते हैं. विशिष्ट चालकता का SI मात्रक (ओम-मीटर)⁻¹ है। विशिष्ट चालकता का सूत्र σ = 1/ρ है

(च) संधारित्रों में परावैद्युत पदार्थ के उपयोग से धारिता क्यों बढन जाती है?


उत्तर –संधारित्रों की प्लेटों के बीच परावैद्युत भरने से इसके अन्दर प्लेटों के बीच उपस्थित वैद्युत-क्षेत्र के विपरीत दिशा में एक आन्तरिक वैद्युत-क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, जो इसकी सतह पर प्लेटों के विपरीत आवेश के प्रेरित होने से उत्पन्न होता है। अतः प्लेटों के बीच विभवान्तर घट जाता है, जिसके परिणामस्वरूप धारिता बढ़ जाती है।


                      खण्ड-स


(8 अंक)


3. (क) सिद्ध कीजिए कि निरक्षीय स्थिति में किसी बिन्दु पर वैद्युत द्विध्रुव द्वारा वैद्युत विभव शून्य होता है?


उत्तर – वैद्युत - द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति में वैद्युत विभव- माना वैद्युत - द्विध्रुव AB की लम्ब अर्द्धक रेखा पर द्विध्रुव के मध्य-बिन्दु Oसे r मीटर की दूरी पर स्थित बिन्दु P वह बिन्दु है, जहाँ हमें वैद्युत विभव ज्ञात करना है। (चित्र)। अब बिन्दु P पर द्विध्रुव के आवेश (+q) के कारण विभव


अतः वैद्युत-द्विध्रुव के कारण निरक्षीय रेखा ( equatorial line) पर स्थित प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य होता है।



(ख) किसी सेल के वैद्युत वाहक बल से क्या तात्पर्य है?


उत्तर –सेल सहित पूरे परिपथ में एकांक आवेश के प्रवाह के लिए सेल द्वारा किया गया कार्य या दी गयी ऊर्जा को सेल का विद्युत वाहक बल कहते है


(ग) लेन्स की क्षमता की परिभाषा लिखिए तथा लेन्स को जल में डुबोने पर उसकी फोकस दूरी और क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?


उत्तर –जब किसी लेंस पर प्रकाश की किरण आपतित होती है तो अपवर्तन के कारण यह कुछ विस्थापित हो जाती है या मुड़ जाती है। लेंस द्वारा आपतित प्रकाश किरण को मोड़ने की क्षमता को ही लेंस की क्षमता कहते है।


जब एक लेंस को जल में डुबोया जाता है, तो लेंस की फोकस दूरी बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करता है तो अभिलम्ब से दूर झुक जाता है। चूँकि जल वायु से अधिक सघन माध्यम है, जल में प्रकाश का झुकना कम होगा


(घ) किसी प्रिज्म के लिए आपतन कोण तथा विचलन कोण के बीच ग्राफ बनाइए। दिखाइए कि विचलन कोण कब न्यूनतम होगा ?


उत्तर –जब आपतन कोण तथा निर्गत कोण बराबर होते हैं, अर्थात् प्रिज्म के अन्दर अपवर्तित किरण प्रिज्म के आधार के समान्तर होती है; तब विचलन कोण न्यूनतम होगा।


                          खण्ड- द


(30 अंक)


4.(क) परस्पर सम्पर्क में रखे दो पतले लेंसों के संयोजन की फोकस दूरी के लिए सूत्र की स्थापना कीजिए।


उत्तर  –चित्र के अनुसार दो पतले उत्तल लेन्सों L₁ व L₂ को सम्पर्क में रखकर एक संयुक्त लेन्स बनाया गया है। माना इनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः f₁ व f₂ हैं तथा इस संयुक्त लेन्स द्वारा बिन्दु-वस्तु O का प्रतिबिम्ब । पर बनता है। प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया को निम्न प्रकार समझा जा सकता है।


यदि L₂ लेन्स न हो तो वस्तु O का प्रतिबिम्ब लेन्स L₁ द्वारा ।' पर बनता। यदि ।' की L₁ से दूरी v' हो तथा L₁ से O की दूरी u हो, तो लेन्स के सूत्र से


1/v'  - 1/u = 1/f₁ समीकरण (1)


अब, प्रतिबिम्ब ।' लेन्स L₂ के लिए आभासी वस्तु का कार्य करता है जो इसका प्रतिबिम्ब । पर बनाता है। प्रतिबिम्ब की L₂ से दूरी । हो, तो लेन्स के सूत्र से,


1/v-1/v' = 1/ f₂ समीकरण ( 2)


समी० (1) व समी० ( 2 ) को जोड़ने पर


1/v -1/u =1/f₁ +  1/ f₂

 समीकरण ( 3)

यदि इन दोनों लेन्सों के स्थान पर एक ऐसे पतले लेन्स का प्रयोग करें जो u दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब v दूरी पर बनाये, तो लेन्स की फोकस दूरी F के लिए।


1/v - 1/u  =1/ F समीकरण (4)


समी० (3) व समी० (4) की तुलना करने पर


1/F =  1/f₁ +  1/ f₂


समीकरण (5)


इस सूत्र से संयुक्त लेन्स की फोकस दूरी की गणना की जा सकती है।


समीकरण (5) प्राप्त करने के लिए दो उत्तल लेन्सों को सम्पर्क में रखा हुआ माना गया है, परन्तु यह समीकरण ऐसे संयुक्त लेन्स के लिए भी सही है जो एक उत्तल एवं एक अवतल लेन्स से बना हो, अथवा दो अवतल लेन्सों सेना हो । समीकरण (5) का उपयोग करते समय इस बात को ध्यान में रखते हैं कि उत्तल लेन्स के लिए फोकस दूरी धनात्मक एवं अवतल लेन्स की फोकस दूरी ऋणात्मक लेते हैं। यदि L₁ उत्तल लेन्स एवं L₂ अवतल लेन्स हो, तो


1 /F  = 1/f₁ -  1/ f₂


.यदि f1 > f2, तब F ऋणात्मक होगा और संयुक्त लेन्स अवतल लेन्स की भाँति कार्य करेगा।


.यदि 12, तब F धनात्मक होगा और संयुक्त लेन्स उत्तल लेन्स की भाँति कार्य करेगा।


.यदि f1 = f2, तब F अनन्त होगा और संयुक्त लेन्स समतल प्लेट की भाँति कार्य करेगा।


(ख) प्रकाश के अपवर्तन से आप क्या समझाते हैं? इसके नियम लिखिए।


उत्तर –प्रकाश का अपवर्तन- जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो दूसरे माध्यम में जाने पर इसका वेग तथा दिशा बदल जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। (i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।


(ग) वैद्युत परिपथ सम्बन्धी किरचॉफ के दोनों नियमसमुचित आरेख बनाकर समझाइए।


उत्तर –प्रथम नियम –इस नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में, संधि पर मिलने वाली समस्त धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है। अर्थात्

सिग्मा i = 0


इस नियम की चिन्ह परिपाटी यह है । की संधि की ओर आने वाली धाराएं धनात्मक (positive) तथा संधि से दूर जाने वाली धाराएं ऋणात्मक (Negative) ली जाती है।


किरचॉफ का प्रथम नियम आवेश के संरक्षण पर आधारित है। तथा इसे धारा नियम भी कहते हैं। और कहीं-कहीं इसे संधि नियम भी कहते हैं।


किरचॉफ का द्वितीय नियम :


इस नियम के अनुसार, किसी परिपथ में प्रत्येक बन्द पाश या लूप के विभिन्न भागों (खण्डों) में बहने वाली धाराओं तथा संगत प्रतिरोधों के गुणनफल का बीजगणितीय योग इस पाश या लूप में लगने वाले विद्युत वाहक बल के बीजगणितीय योग के बराबर होता है। अर्थात्


सिग्मा iR = सिग्मा E


इस नियम को लगाते समय धारा की दिशा में चलने पर धारा तथा संगत प्रतिरोध का गुणनफल धनात्मक लेते हैं। तथा धारा की विपरीत दिशा में चलने पर ऋणात्मक पर लेते हैं। इस प्रकार सेल में ऋण प्लेट से धन प्लेट की और चलने पर विद्युत वाहक बल पर धनात्मक तथा धन प्लेट से ऋण प्लेट की और चलने पर विद्युत वाहक बल ऋणात्मक लेते हैं।


किरचॉफ का द्वितीय नियम ऊर्जा के संरक्षण पर

आधारित है। तथा इसे वोल्टता नियम भी कहते हैं। और विभिन्न जगहों पर इसे पास ( या लूप) नियम भी

कहते हैं।


(घ) व्हीटस्टोन सेतु का सिद्धांत क्या है?


उत्तर –व्हीटस्टोन सेतु का सिद्धांत :-

व्हीटस्टोन ने प्रतिरोधों की एक विशेष व्यवस्था का अविष्कार किया। जिसकी सहायता से किसी चालक का प्रतिरोध ज्ञात किया जा सकता है। इस विशेष व्यवस्था को ही व्हीटस्टोन सेतु कहते हैं। व्हीटस्टोन सेतु में चार प्रतिरोध P, Q, R तथा S को श्रेणी क्रम में जोड़कर एक चतुर्भुज ABCD बनाते हैं।


(ड).ऐम्पियर के परिपक्षीय नियम की सहायता से धारावाही परिनालिका के अंदर उसकी अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र के सूत्र की स्थापना कीजिए। 


5 (क).एक लम्बे सीधे तार में 20.0 ऐम्पियर की वैद्युत धारा उत्तर से दक्षिण दिशा मैं बह रही है। एक इलेक्ट्रॉन दक्षिण से उत्तर दिशा में 2.0 मी./से के बैग से तार से 10.0 सेमी दूरी पर प्रक्षेपित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत् चुम्बकीय बल का परिमाण तथा दिशा ज्ञात कीजिए।


(ख) लेन्स के सूत्र को व्युत्पन्न कीजिए।


(ग) चुम्बकीय आघूर्ण क्या है? इसका मुत्र पन्न कीजिए।


(घ) स्वप्रेरण गुणांक को परिभाषित कीजिए तथा धारावाही लम्बी परिनालिका के लिए स्वप्रेरकत्व का सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।


(ड.) तांबे के तार की लम्बाई 10 सेमी तथा अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल वर्ग 1 मिमी है। इसमें ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। यदि ताँबे का विशिष्ट प्रतिरोध 17x10⁻⁵ आम-मी हो, तो


 (अ) तार का प्रतिरोध एवं (ख) तार के सिरों के बीच विभवान्तर ज्ञात कीजिए।


                   खण्ड-य


20 अंक


6. L₁व L₂ स्वप्रेरकत्व वाली कुण्डलियों के माध्य महत्तम अन्योन्य प्रेरकत्व क्या होगा ? 


अथवा


दो समान्तर धारावाही ऋजुरेखीय तारों के बीच लगने वाले बल के सूत्र का निगमन कीजिए 


7. एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में एक धारावाही लूप लटकाया गया है। इस लूप पर लगने वाले बल-युगम के आधूर्ण का सूत्र निगमित कीजिए।


 अथवा 


ट्रांसफार्मर का सिद्धांत क्या होता है? उच्चायी तथा अपचायी ट्रांसफार्मर में अंतर उल्लेखित कीजिए। ट्रांसफार्मर में ऊर्जा क्षय के कारणों का उल्लेख कीजिए।


8. गॉस की प्रमेय लिखिए। अनन्त विस्तार की समतल आवेशित चालक चादर के निकट वैधुत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक प्राप्त कीजिए। 


अथवा 


समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए व्यंजक का निगमन कीजिए।


19. किसी परावर्तक दूरदर्शी का किरण पथ खींचकर उसमें प्रति विम्ब का बनना समझाइए तथा अपवर्ती की तुलना में यह क्यों उत्कृष्ठ होता है? 


अथवा


किसी संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में 2.0 सेमी फोकस दूरी का अभिश्यक लेंस तथा 6.25 सेमी फोकस दूरी का नेत्रिका लेन्स एक दूसरे से 15 सेमी की दूरी पर लगे हैं। किसी वस्तु को अभिश्यक से कितनी दूरी पर रखा जाए कि अन्तिम प्रतिविम् स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (25 सेमी) पर बने ? इसके लिए आवर्धन क्षमता भी ज्ञात कीजिए।


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