MP Board class 9th Sanskrit half yearly real paper 2023-24 || एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2023-24

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MP Board class 9th Sanskrit half yearly real paper 2023-24 || एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2023-24

MP Board class 9th Sanskrit half yearly real paper 2023-24 || एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2023-24 

नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं संस्कृत के पेपर का संपूर्ण हल बताने वाले हैं। दोस्तों, जैसा कि आप सभी लोगों को पता होगा की एमपी बोर्ड में अर्धवार्षिक पेपर 6 दिसंबर से शुरू होने वाले हैं। दोस्तों आपको हमारी इस वेबसाइट पर कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक के हर विषय के पेपर आसानी से मिल जाएंगे। दोस्तों अगर आप कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के हर विषय के पेपर का संपूर्ण हल देखना चाहते हैं तो आपको हमारी इस वेबसाइट पर visit करना होगा। दोस्तों अगर आपके लिए यह आर्टिकल useful हो तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।

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अर्धवार्षिक परीक्षा 2023-24

कक्षा-9वीं

विषय-संस्कृत

समय:3 घंटे                           पूर्णांक:75


प्रश्न 1. उचित विकल्पं चित्वा लिखित-


(1)‘रोचेत्’ इत्यस्मिन् पदे धातु अस्ति-

(अ)रो                   (ब)रोच् 

(स)रुव्                  (द)रिच्

 

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(2) लघुतरः इत्यस्य पदे प्रत्ययः अस्ति-

(अ)तरः                 (ब) क्तः

(स)तमप्               (द) त्रयः


(3) विसर्ग सन्धेः उदाहरणम् अस्ति-

(अ) नमस्ते             (ब) सुबन्तः

(स) अत्याचारः      (द) जगदीशः

 

(4) अधोलिखितेषु अव्ययं अस्ति-

(अ) मीनः              (ब) हरिः

(स) यदा                (द) रमा


(5) मनः+आचारः=.......भवति-

(अ)मनारथः            (ब)मनूरथः

(स) मनोरथः            (द) मर्नोरथः

 

(6) सत्+आचारः= …….भवति-

(अ)सताचारः            (ब) सदाचारः

(स)सदाआचारः         (द) सत्चरः


प्रश्नः 2. कोष्ठकगतेषु पदेषु षष्ठीं विभक्ति प्रयुज्य रिक्त स्थानानि पूरयत-

 

1.सः………अन्तिकम् अगच्छत्। 

2.तस्य……उदयाने कल्पतरुः आसीत्।  


3………. सर्वत्र यशः प्रथितम्। 

4.अयं……….तरूः?   

5.त्रेष्ठयाहः…………+आह।

6………..=पुरूष+उपार्जिता।


प्रश्नः 3.‘क’ स्तम्भे पदानि ‘ख’स्तम्भे तेषां पर्यायपदानि दत्तानि। तानि चित्वा पदानां समक्षे लिखत- 

(क) स्तम्भ                       (ख)स्तम्भ

(1) सरस्वती                     (1) तीरे

(2)आम्रम।                       (2)अलीनाम्र

(3) पवनः                         (3)समीरः

(4)तटे                   ‌          (4) वाणी

(5) भ्रमराणाम्र                  (5)रूलालः

(6) अनशवर                    (6) परोपकारः


प्रश्नः 4. एक पदेन उत्तरं लिखत-


  1. कविः कां सम्बोधयति?

  2. गीतिं कथं गातुं कथयति?

  3. सरसाः रसालः लसन्ति?

  4. कविः वाणी कां वादयितुं?

  5. कविः कीध्शीं वीणीं निनादयितुं प्रार्थयति?

  6. प्रासादः कीध्शः वर्तते?


प्रश्नः5. ‘क’ स्तम्भे विशेषणीनि ‘ख’ स्तम्भे च विशेध्याणि दतानि। तानि समुधितं योजनं लिखत-


(क)कुलक्रमागतः          (1) परोपकारः

(ख)दानवीरः।               (2) मन्त्रिभिः

(ग)हितैषिभिः               (3)जीमूतवाहनः

(घ)वीचिवच्चञ्चलम्      (4)कल्पतरूः

(ङ)अनश्वरः                  (5)धनम्

(च)तटे।                        (6)तीरे


प्रश्नः 6. एक पदेन उत्तरं लिखत-


(क)जीमूतवाहनः कस्य पुत्रः अस्ति?

(ख)संसारेऽस्मिन् कः अनश्वरः अस्ति?

अथवा

उभौ नन्दिन्याः सर्वधापरिचयां कुरूताः।


प्रश्नः7. एक पदेन उत्तरं लिखत-


(क)वणिकपुत्रस्य किं नाम आसीत्?

(ख) तुला कैः भक्षिता आसीत्?


प्रश्नंः8. एक पदेन उत्तरं लिखत-


(क) माता काम् आदिशत्?

(ख) स्वर्णंकाकः कान् अखादत्?


प्रश्नः 9.परिष्कृतं पर्यावरणस्य अस्मभ्यं किं किं ददति?

अथवा

जटायुः केन वा बाहुं दंशति?


प्रश्नः10.अस्माभिः प्रर्यावरणस्य रक्षा कथं करणीया? 

अथवा

लोकरक्षा कथन संभलता?


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प्रश्नः 11.अधोलिखितांनां प्रश्ननानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत।

देशान्तरं गन्तुमिच्छन् वणिक्पुत्रः किं व्यचिन्तय?

अथवा

स्नानानन्तरं पुत्रः विषये पृष्टः वणिक्पुत्रः श्रेष्ठिनं किम् अवदत्?


प्रश्नः12. स्थुलपदान्यधिकृत्य दृवयोः प्रश्ननिर्माणं कउरउत-

(क)तरौः कृपया सः पुत्रम् अप्राप्नोत।

(ख)सः कल्पतरवे न्यवेदयत्।

(ग)धनवृष्टया कोऽपि दरिद्रः अतिष्ठत्।


प्रश्नः 13.अधोलिखितयोः श्लोकद्वयोः आशयं हिन्दीभाषया लइखत-

(क)आरम्भगुवीं क्षयिणी क्रमेण लघ्वी पुरा वृदधिमती च पश्चात्।

दिनस्य पूर्वार्धपरार्दधभिन्ना छायेव मैत्री खलुसज्जनानाम्।।

(ख) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।

तस्मात्तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।।


प्रश्नः 14.‘भान्तो बालः’इति कथायाः सारांशः हिन्दी भाषाया आङ्ग्लभाषाया वा लिखत -


प्रश्नः 15.उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकात् पदम् आदाय् नूतनं वाक्यद्वयं रचयत-

कथआ-अलं चिन्तया (‘अलम्’ योगे तृतीया)


(1)...........          ………..   (भय)

(2)...........          ………..  (कोलाहल)


यथा-माम् अनु स गच्छति।(‘अनु’ योगे द्वितीया)


(1)............          …………  (गृह)

(2).............         …………  (पर्वत)


प्रश्नः 16. उदाहरणमनुसृत्य पद निर्माण कुरुत -

यथा- वि + कृ + क्तिन् = विकृतिः।


(क) प्र + गम + क्तिन् = ………….

(ख) हश् + क्तिन् = ………………

(ग) गम् + क्तिन् = ……………….

(घ) मन् + क्तिन् = ……………….

(ङ) शम् + क्तिन् = ………………

 

प्रश्नः 17. अधोलिखितनां प्रश्ननानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत -

अन्धीतः तपोदत्तः कैः गर्हितोऽभवत्?

अथवा 

तपोदत्तः केन प्रकारेण विद्यामवाप्तुं ?

 

प्रश्नः 18.अधोलिखित गद्यांशानाम् पठित्वा कोऽपि एकं गद्यांशस्य उत्तराणि लिखत -

‘प्रतिनिवृति काले स्वर्णकाकेन कक्षा-भ्यन्तरात् तिस्त्रः मञ्ञष तत्पुरः समुत्क्षिप्ता। लोभाविष्टा सा बृहतमा मुञ्ञषा गृहीतवती। गृहमागत्य सा तर्षिता यावद्  मुञ्ञषामुद्घाटयति तावत्तस्यां भीषणः कृष्णससर्पो विलोकितः। 

लुब्धया बालिकाया लोभस्य फलं प्राप्तम्। तदन्तरं सा लोभं पर्यतप्जत्।”


प्रश्नः1. लोभाविष्टा सा किं गृहीतवती?

      2. सा किम् पर्त्यजत् ?

      3.‘तावत्तस्यां’ पदस्य सन्धिविच्छेदं कुरुत।

अथवा

“अस्ति हिमवान् नाम सर्वरत्नभूमिः नागेन्द्रः। तस्य सानोः परि विभाति काञ्चनपुरं नाम नगरम्।तत्र जीमूतकेतुः इति श्रीमान् विद्याधर पतिः वसति स्म। तस्य गृहोद्याने कुलक्रमागतः कल्पतरुः स्थितः।

जीमूतकेतुः तं कल्पतरुम् आराध्य तत्प्रसादत् च बोधिसत्वानां सम्भव जीमूतवाहनं नाम पुत्रं प्राप्नोत्।

जीमूतवाहनः महान् दानवीर सर्वभूतानुकम्पी च अभवत्।”

प्रश्नः(1) जीमूतवाहनः कुत्र वसति स्म?

      (2) जीमूतवाहनः कः अभवत्?

      (3) ‘गृहोद्याने’ का विभक्तिः अस्ति?


प्रश्नः19.अधोलिखितानि वाक्यानि कः कं प्रति कथयति इति प्रदत्तस्थाने लिखत-

यथा-                      कः/का         कं/काम्  

  स्वामिन्!

  प्रत्यागता अहम्।

आस्वादय प्रसादम्।   मल्लिका   चन्दनंप्रति

(क) धन्यवाद मातुल !

    याम्यधुना         ………..      ………..

(ख)त्रिशतसेटकमितं

    दुग्धम्। शोधनम्।

    व्यवस्था भविष्यति। ………     .……

(ग) मूल्यं तु दुग्धं

     विक्रीयैव दातुं

     शक्यते।         ……….      ………..


प्रश्नः 20.(क) स्तम्भे लिखितानां पदानां पर्यायाः

(ख). स्तम्भे लिखिताः। तान् यथासमक्षं योजयत -

 (क)            ‌            (ख)

कवची       ‌   ‌-        अपतत्

आशुः  ‌ ‌ ‌       -        पक्षिश्रेष्ठः

विरथः          -        पृथिव्याम्

पपात           -        कवचधारी 

भुवि ‌            -        शीघ्रम्

पतगसत्तमः    -       रथविहीनः


प्रश्नः 21.भवान् मोहनः छात्रावासे वसति। भवान् च स्वदिनचर्या-विषये पितरं प्रति पत्रं लिखत।

अथवा

प्रधानाचार्य प्रति शुल्क-क्षमापनार्थ लिखिते अस्मिन् प्रार्थना-पत्रे रिक्तस्थानानि।

मञ्जुषायां दत्त पदानां सहायतया ।



प्रश्नः 22. अधोलिखित अपठित गद्यांश पठित्वां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत -

जनाः संसारे सुखमिच्छन्ति।सुखम् च उद्यमेन एवं प्राप्तु शक्यते। यः पुरुष: उद्यमी स सुखी। यः उद्द्यमी करोति सः सदा मानसिकपिडां अनुभवति। उद्यमेन एव निर्धन: अपि धनवान् जायते। उद्यमी एव अत्र पूज्य: न तु निरुद्यमीI यदि किञ्चित् प्राप्तं इच्छसि तर्हि उद्यमी भव।


I.एकपदेन उत्तरत-


(1). सुखम् कथं प्राप्तुम् शक्यते ?

(2).के सुखम् इच्छन्ति?

II.पूर्णवाक्येन उत्तरत- उदयमस्य के लाभाः?

III. निर्देशानुसारस् उत्तरत- उद्यमस्य के  लाभा:?

(1).अस्मात् गद्‌याशात् ‘ तुमुन्’ प्रत्ययस्य एकम् उदाहरणं चित्वा लिखत।

(2) ‘उद्यमी’ पदस्य विपरीतार्थकः लिखत।


प्रश्न:23. संस्कृत भाषायां निबंध लिखत-(कोऽपि एकः)

(अ) मम पुस्तकम्‚         (ब) धेनु:‚ 

(स) हिमालय:‚             (द) उद्यानम्

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