Essay on Gandhi Jayanti in Hindi || गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में
नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको गांधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। दोस्तों अगर आपके लिए यह पोस्ट useful हो तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।
Table of contents –
"दे दी हमें आजादी, बिना खड्ग बिना ढाल..
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।"
प्रस्तावना –
देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते हैं। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन का एक महान नेता माना जाता है।
Join Social Media Link 👇👇
जन्म एवं शिक्षा –
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था।
गांधी जी का बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था पर बचपन से ही उन्हें उचित अनुचित में फर्क पता था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से संपन्न हुई, हाई स्कूल की परीक्षा इन्होंने राजकोट से दी। गांधी जी जब केवल 13 वर्ष के थे और स्कूल में पढ़ते थे उसी वक्त पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा से उनका विवाह कर दिया गया। बाद में वकालत इन्होंने लंदन से संपन्न की।
गांधी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है –
गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, क्योंकि इस दिन महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1969 ईस्वी में हुआ था। महात्मा गांधी जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी, एवं सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर चलकर भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराया था।
इसीलिए गांधी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान तथा आंदोलन –
महात्मा गांधी ने "अहिंसा परमो धर्म:" के सिद्धांत की नींव रखते हुए, विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराया। वह एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ एक महान वक्ता भी थे। उसके द्वारा बोले गए शब्दों का उपयोग अभी भी लोगों द्वारा किया जाता है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आंदोलन किये, जिनमें असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, चंपारण आंदोलन आदि प्रमुख हैं।
Also Read 👇👇
गांधीजी एक लेखक के रूप में –
''कमजोर कभी माफी नहीं मांगते, क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है''
महात्मा गांधी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ बहुत अच्छे लेखक भी थे। महात्मा गांधी ने हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया में संपादक के तौर पर काम किया। तथा इनके द्वारा लिखी प्रमुख पुस्तक हिंद स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (इसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने संघर्ष का वर्णन किया है), मेरे सपनों का भारत तथा ग्राम स्वराज है। जो आज भी समाज का मार्गदर्शन करती है।
गांधी जी की मृत्यु –
बड़ी विचित्र बात है कि दुनिया भर को शांति का पाठ पढ़ाने वाले बापू के जीवन का अंत इतने हिंसक रूप से हुआ। 30 जनवरी 1948 की शाम दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गांधी जी की नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में नाथूराम सहित सात लोगों को दोषी पाया गया। गांधी जी की शवयात्रा 8 किलोमीटर तक निकाली गई। यह देश के लिए दुख का क्षण था।
उपसंहार –
विश्व पटल पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शांति और अहिंसा का प्रतीक है। गांधी जी को अहिंसक विरोध करने के कारण अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। आज गांधी जी हमारे बीच नहीं हैं, किंतु उनके आदर्श सिद्धांत हमें सदैव याद रहेंगे। उनका नाम अमर रहेगा। गांधी जी के शब्दों में "कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो"। गांधी जी के इन्हीं सिद्धांतों से हम सबको भी शिक्षा लेनी चाहिए।
गांधी जयंती पर 10 लाइन हिंदी में –
1. गांधी जयंती को हर वर्ष 2 अक्टूबर को पूरे भारत में मनाया जाता है।
2. गांधी जयंती को महात्मा गांधी जी के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है।
3. महात्मा गांधी जी सत्य और अहिंसा को मानते थे।
4. महात्मा गांधी जी के अहिंसा के सोच के वजह से हर वर्ष 2 अक्टूबर को पूरा देश अहिंसा का राष्ट्रीय दिवस मनाता है।
5. महात्मा गांधी जी को बापू, राष्ट्रपिता भी कहा जाता है।
6. गांधी जी को महात्मा का शीर्षक रविंद्र नाथ टैगोर जी ने शांतिनिकेतन आश्रम में दिया था।
7. महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
8. गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
9. गांधी जयंती को हर वर्ष पूरे देश में मनाया जाता है।
10. गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी जी के स्मारक के आगे प्रार्थना सभा की जाती है।
गांधी जयंती पर 10 लाइन अंग्रेजी में –
1. Gandhi jayanti is the national festival of India.
2. It is celebrated on 2nd October every year in India.
3. It is the birth anniversary of Mahatma Gandhi.
4. He was a great leader and freedom fighter of India.
5. He is also known as Bapu and father of our Nation.
6. He was a strong supporter of truth, peace and non violence.
7. He helped India to get the independence from British rule.
8. Gandhi jayanti is known as the ''International Day of Non-Violence".
9. Mainy schools and colleges conduct various programs on this day.
10. It is the best day to know the teachings and ideology of Mahatma Gandhi.
महात्मा गांधी पर भाषण –
सीधा-साधा वेश था,
ना कोई अभिमान!
खादी की एक धोती पहने,
बापू की थी शान।
माननीय मुख्य अतिथि,
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों …..
मेरा नाम नेहा है।
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
आज ''गांधी जयंती" के शुभ अवसर पर मैं आपके सामने अपने कुछ विचार प्रस्तुत करने जा रही हूं।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज 2 अक्टूबर है और इस दिन हम "गांधी जयंती" के रूप में मनाते हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर और माध्यमिक शिक्षा राजकोट में पूरी की। आगे वकालत की पढ़ाई इंग्लैंड में पूरी की।
उसे समय भारत में अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेज भारतीय लोगों पर बहुत जुल्म करते थे। गांधी जी ने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई।
गांधीजी वकालत करने साउथ अफ्रीका गए थे तब रंग भेदभाव के कारण उनको ट्रेन से नीचे फेंक दिया था, इसके बाद उन्होंने रंगभेद नीति का विरोध अहिंसात्मक नीति से किया।
उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे अनेक आंदोलन चलाए थे। महात्मा गांधी जी सत्य , अहिंसा और मानवता के पुजारी थे। वे सरल जीवन जीने के साथ उच्च विचार रखने वाले व्यक्ति थे। वे खादी के कपड़े पहनते थे। उन्होंने सबको स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संदेश दिया।
उन्होंने 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' जैसी उपाधियां प्राप्त की। लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे।
दुर्भाग्यवश 30 जनवरी 1948 को उनका निधन हुआ। हमें भी हमेशा उनके सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलना चाहिए।
अंत में मैं अपने भाषण का समापन एक शायरी से करूंगी।
सत्य अहिंसा के थे वो पुजारी,
कभी ना जिसने हिम्मत हारी।
सांस दी हमें आजादी की,
जन-जन है जिसका बलिहारी।
गांधी जयंती पर कविता –
[1]
गांधीजी सबसे प्यारे थे,हम सबके वो रखवाले थे।
जो कहते वो करके दिखाते थे,बापू वो कहलाते थे।
वो सबके मन को भाते थे,हमेशा रघुपति राघव गाते थे।
बच्चों को अति प्यारे थे,सबकी आंखों के तारे थे।
हम भी अच्छा काम करेंगे,खूब पढ़ेंगे, खूब लिखेंगे।
बापू जैसा काम करेंगे,जग में ऊंचा देश का नाम करेंगे।
[2]
आंखों पर चश्मा, हाथ में लाठी
और चेहरे पर मुस्कान
अहिंसा उनका हथियार था
अंग्रेजों पर भारी जिसका वार था
जात पात को भुलाकर वो जीना सिखाते थे
सादा हो जीवन और अच्छे हों विचार
बड़ों को दो सम्मान और छोटों को प्यार
बापू यही सबको बताते थे
लोगों के मन से अंधकार मिटाते थे
स्वच्छता पर वे देते थे जोर
मां भारत से जुड़ी थी
उनके दिल की डोरी
ऐसी शख्सियत को हम कभी
भूल ना पाएंगे।
उनके विचारों को हम
सदा अपनाएंगे।
[3]
हम सबके थे प्यारे बापू , सारे जग से न्यारे बापू।
कभी ना हिम्मत हारे बापू , भारत के रखवाले बापू।
लगते तो थे दुबले-पतले, थे ताकत के पुतले बापू।
सदा सत्य अपनाते बापू , सबको गले लगाते बापू।
हम हैं एक सिखाते बापू , अच्छी राह दिखाते बापू।
बच्चों को अति प्यारे बापू , आंखों के थे प्यारे बापू।
Post a Comment