CG board assignment-5 class 12th Geography solution 2021-22|class 12th Geography assignment-5 cgbse solution
नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको CG Board ने दिसंबर माह के असाइनमेंट-5 जारी कर दिए हैं। तो हम आपको assignment 5 Class 12th Geography (भूगोल) का संपूर्ण सॉल्यूशन इस पोस्ट में देखने वाले हैं|हमारी इस वेबसाइट के माध्यम से आपको दिसंबर माह(छ.ग. बोर्ड असाईमेंट 5 डाउनलोड पीडीएफ 2021-22) के CG board assignment 5 Class 10 और 12th के सभी विषयों(all subject) का सॉल्यूशन आपको हमारी website पर देखने को मिल जाएगा। ।CG board assignment 5 class 10th और 12th के सभी विषयों का हल आपको हिंदी मीडियम(Hindi medium) और अंग्रेजी मीडियम(English medium) दोनों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए आप हमारी website Nitya study point.com पर विजिट करते रहिए।आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी,अगर आपके लिए यह पोस्ट थोड़ी सी भी मददगार साबित हो तो आप इसे share जरूर करिएगा।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल
असाइनमेंट- 5
कक्षा बारहवीं
विषय भूगोल
पूर्णांक 20
निर्देश दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए।
प्रश्न 1- भारत में भूसंसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्या कौन सी है उनका निदान कैसे किया जाए।
उत्तर - भारत में भू -संसाधनों का निम्नीकरण एक गंभीर समस्या है जो कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों के कारण उत्पन्न हुई है। भारत में कृषि भूमि की अनेक पर्यावरणीय समस्याएं हैं जिनमें मृदा अपरदन, अत्यधिक सिंचाई, भूमि की गुणवत्ता में कमी, तीव्र हवाएं, लवली करण इत्यादि शामिल है।
समस्याओं के निदान के उपाय :
1. अत्यधिक वन लगाकर
2. समय-समय पर मृदा में उचित खनिज मिलाकर,
3. कृषि की उचित तकनीक अपनाकर
उपरोक्त समस्याओं के निदान के साथ-साथ हमें इन समस्याओं को जन्म देने वाले क्रियाकलापों को नियंत्रित करना होगा।
प्रश्न 2. चावल उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर - सावल भारत के अधिकांश लोगों को खाद्यान्न है। भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। चावल एक खरीफ की फसल है जिसे उगाने के लिए ( 25० सेल्सियस के ऊपर) और अधिक आद्रता। (100 सेमी. से अधिक वर्षा) की आवश्यकता होती है। ऐसे क्षेत्र जहां वर्षा कब होती है, वहां चावल चाय की सहायता से उगाया जाता है, चावल उत्तर और उत्तरी- पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। नेहरो के जल और नलकूपों की सघनता के कारण हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी चावल की फसल उगाना संभव हो गया है।
प्रश्न 3- जल संभर प्रबंधन क्या है? क्या यह सतत पोषणीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।
उत्तर-
जल- संभर प्रबंधन: जल संभर प्रबंधन से तात्पर्य, मुख्य रुप से धरातलीय और मोम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंध से है। इसके अंतर्गत जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे- अतः सवर्ण तालाब, पूनमभरण, कुमकुम आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल है इसके अंतर्गत सभी संसाधनों प्राकृतिक (जैसे -भूमि, जल, पौधे ,और प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरुदभवन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है।
जल- संभर प्रबंधन सतत पोषणीय विकास मैं एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच संतुलन लाना है। केंद्रीय और राज्य सरकारों ने देश में अनेक जल संभर विकास और प्रबंध कार्यक्रम चलाए हैं इन कार्यक्रमों में 'नीरू- 'मीरू और 'अरवारी पानी' संसद कार्यक्रम प्रमुख है जिनके अंतर्गत लोगों के सहयोग ने विभिन्न जल संग्रहण रचनाएं जैसे तालाब की खुदाई व बांध बनाए गए हैं। तमिलनाडु राज्य में जल संग्रहण संरचना जिसके द्वारा जल का संग्रहण किया जाता है, को आवश्यक कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त हरियाली केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई जल संभर विकास परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण लोगों को पीने, सिंचाई तथा मध्य से पालन के लिए जल संरक्षण के योग बनाता है।
प्रश्न 4 भारत में जल विद्युत पर एक निबंध लिखिए।
अथवा
भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
उत्तर - जल विद्युत, ऊर्जा का आसमा परंपरागत स्त्रोत है जिसका उपयोग कृषि क्षेत्र, उद्योगों का घरेलू सेक्टरों में विभिन्न
उपकरण रूमबा मशीनों को चलाने के लिए किया जाता है। विद्युत कई अन्य स्त्रोतों से भी उत्पन्न की जाती है। जिनमें ताप विद्युत वा नाभिकीय उर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल जाता है फिर इससे उपयोग हेतु मांग वाले क्षेत्रों को विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों के द्वारा भेज दिया जाता है किंतु जलविद्युत, इन सब से महत्वपूर्ण विद्युत स्त्रोत है, क्योंकि -
A. भारत में जल विद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक दशाएं इसके अनुकूल है। जैसे यहां वर्ष भर बहने वाली सदानीरा नदियां है।
B. हिमालय से निकलने वाली नदियों पर अनेक झरने, गॉर्ज व प्रभात मौजूद है। जहां विद्युत उत्पन्न करने के लिए प्राकृतिक दशाएं मौजूद है।
1. भारत में बांध निर्माण के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी उपलब्ध है।
2. जल विद्युत केंद्र स्थापित करने से लेकर उपभोग क्षेत्रों तक विद्युत को पहुंचाने के लिए ट्रांसमिशन लाइनों का विकास व विस्तार परम आवश्यक है। अनेक विद्युत स्टेशनों व सब स्टेशनों के निर्माण मैं भारी निवेश की जरूरत होती है। भारत में इसका नेटवर्क विकसित किया जा रहा है।
3. विद्युत उपयोग के लिए विभिन्न उपकरणों व मशीनों के निर्माण के लिए औद्योगिक विकास व बाजार दोनों की आवश्यकता होती है। भारत में, धीरे- धीरे ही सही इनका विस्तार हो रहा है ।
4. भारत में अनेक बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं का विकास जल विद्युत प्राप्त करने व सिंचाई के लिए। नहरे विकसित करने के लिए किया गया है।
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